रायपुर: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू (Paddy Procurement Started in Raipur) हो गई है. उसके बाद से धान खरीदी केंद्रों में किसानों का आना जारी है. हालांकि अभी धान खरीदी की शुरुआत भर हुई है शायद इसी वजह से गिने-चुने किसान धान बेचने के लिए सोसाइटी की ओर रूख कर रहे हैं. यदि रायपुर की बात की जाए तो शहर से लगे धान खरीदी केंद्रों में भी किसानों के पहुंचने का क्रम जारी है. लेकिन यह संख्या अभी नाम मात्र की है.
ईटीवी भारत ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा
ऐसे ही धान खरीदी केंद्रों का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची रायपुर के भाटागांव के धान खरीदी केंद्र (Bhatagaon Paddy Purchase Center) पर. जहां इक्का-दुक्का किसान अपना धान बेचने पहुंचे थे. इस दौरान टीम ने धान खरीदी केंद्र की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और किसानों से बात की. किसानों से जानने की कोशिश की कि उन्हें धान बेचने में किसी तरह की दिक्कत या परेशानी हो रही है. उन्हें बारदाना मिल रहा है या नहीं या फिर किसी अन्य परेशानियों का उन्हें सामना तो नहीं करना पड़ रहा है.
किसानों की मिली जुली प्रतिक्रिया
हालांकि किसानों ने यहां किसी भी तरह की दिक्कत होने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि यहां उन्हें सोसाइटी से बारदाना मिल गया है और यहां अभी उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है. हालांकि इस बीच एक ऐसा भी किसान मिला जिस का आरोप था कि उसके पास 4 एकड़ खेत है जिस हिसाब से 60 क्विंटल धान बेचना था. लेकिन उसे महज 42 क्विंटल धान का टोकन दिया गया है. किसान का कहना है कि पटवारी ने सिर्फ 3 एकड़ के हिसाब से ही टोकन दिया है. उसमें भी 3 क्विंटल धान कम ले रहे हैं.
3800 क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य
इस बीच धान खरीदी केंद्र में उपस्थित कर्मचारी और अधिकारियों से भी जानने की कोशिश की गई कि यहां किस तरह की व्यवस्था है. इस दौरान कंप्यूटर ऑपरेटर ने बताया कि यह छोटी सोसाइटी होने के कारण सिर्फ 140 किसान का पंजीयन है. इस साल 3800 क्विंटल धान खरीदने का अनुमान है जबकि पिछले साल 3700 क्विंटल धान खरीदी की गई थी. सोसाइटी में नया बारदाना है पुराना बारदाना अभी प्राप्त नहीं हुआ है. वर्तमान में सोसाइटी में 8000 बारदाना उपलब्ध है.
बारदाना की है पर्याप्त व्यवस्था
समिति प्रबंधक का कहना है कि 1 तारीख से धान खरीदी शुरू कर दी गई है. कल 4 किसानों के द्वारा धान बेचा गया था. उन किसानों ने 97 क्विंटल धान बेचा था. इस सोसाइटी में बारदाना की पर्याप्त व्यवस्था है. यह हम्माल, पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है. हमारी छोटी सोसाइटी है इसलिए ज्यादा भीड़ नहीं है इक्का-दुक्का किसान ही यहां धान बेचने पहुंचते हैं.
टोकन के मुताबिक किया जाता है काम
वहीं एक किसान की ओर से 4 एकड़ की जगह 3 एकड़ धान खरीदी जाने के आरोप पर अधिकारी ने कहा कि यहां टोकन काटने का काम किया जाता है. यह टोकन उन किसानों की ऋण पुस्तिका के आधार पर काटा जाता है. पटवारी जो रिकॉर्ड में उपलब्ध कराता है. उसके अनुसार ही टोकन दिया जाता है.
धान खरीदी केंद्रों पर दुरुस्त है व्यवस्थाएं
रायपुर शहर के आसपास धान खरीदी केंद्र में लगभग सारी व्यवस्थाएं ठीक होती है. क्योंकि यहां किसानों की संख्या कम होती है और कम धान खरीदी की जाती है. इसके साथ ही रायपुर से लगे होने के कारण मंत्री से लेकर संबंधित विभागों के अधिकारी इन धान खरीदी केंद्रों में पहुंचते रहते हैं. जिस वजह से भी इन धान खरीदी केंद्र की व्यवस्थाएं दुरुस्त होती है. ऐसी व्यवस्था भाटागांव स्थित धान खरीदी केंद्र में भी देखने को मिली है.