रायपुर: शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri) का शुभ पर्व गुरुवार 7 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. पहले दिन माता शैलपुत्री ( Mata Shailputri ) के रूप में देवी मां पूजी जाएंगी. इस साल गुरुवार के दिन नवरात्रि शुरू होने से माता की सवारी डोली रहेगी अर्थात माता डोली में सवार होकर आएंगी. घट स्थापन का शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त माना गया है. सुबह 11:36 से लेकर दोपहर 12:24 तक सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा. इस समय घट स्थापना करना अत्यंत कल्याणकारी रहेगा.
इस शुभ दिन अग्रसेन जयंती भी है. चित्रा नक्षत्र वैधृति योग बालव करण और चंद्रमा कन्या और तुला के आधीन रहेंगे. इस शुभ मुहूर्त में आदि शक्ति जगदंबा का प्रमुख महापर्व प्रारंभ होने जा रहा है. यह ऋतु परिवर्तन का भी समय है. इस समय सात्विक भोजन सात्विक विचार कर्म करना चाहिए और सात्विक कर्म करना चाहिए.
तिथिवार देवी के अलग-अलग रुपों की होगी पूजा
8 अक्टूबर द्वितीया के दिन ब्रह्मचारिणी रूप में मां की पूजा होगी. 9 अक्टूबर शनिवार के दिन चंद्रघंटा और कुसमुंडा रूप में माता भगवती की पूजा आराधना की जाएगी. इस दिन तृतीय एवं चतुर्थी दोनों रहेगी. 10 अक्टूबर रविवार के दिन नथ पंचमी ललिता पंचमी के रूप में स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाएगी. स्कंदमाता को केले का भोग बहुत प्रिय है. 11 अक्टूबर सोमवार के दिन स्कंद षष्ठी पर्व पर कात्यायनी माता की पूजा की जाएगी.
12 अक्टूबर मंगलवार सप्तमी तिथि को कालरात्रि रूप में मां दुर्गा की पूजा की जाएगी. यह समस्त पापों को नाश करने वाली है. 13 अक्टूबर बुधवार के दिन महा अष्टमी दुर्गा अष्टमी का पावन पर्व मनाया जाएगा. इस दिन अष्टमी का हवन होगा. महागौरी के रूप में माता का पूजन और श्रृंगार किया जाएगा.
14 अक्टूबर को खिलाया जाएगा कन्याओं को भोजन
14 अक्टूबर गुरुवार के दिन महानवमी पर्व में सिद्धिदात्री रूप में मां दुर्गा की पूजा होगी. इसी दिन कन्याओं को भोजन कराया जाएगा. 15 अक्टूबर के दिन नवरात्रि व्रत का पारणा है. इस दिन दशहरा पर्व भी मनाया जाएगा और आयुध शस्त्रों की पूजा करने का भी विधान है.