रायपुर: छत्तीसगढ़ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Chhattisgarh Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने कहा है कि प्रदेश के बाजारों में यूरिया है लेकिन सहकारी समिति में यूरिया नहीं है. इसका मतलब यूरिया छत्तीसगढ़ में उपलब्ध है. सरकार जानबूझकर यूरिया की कमी को लेकर प्रदेश में समस्या उत्पन्न कर रही है ताकि केंद्र सरकार को बदनाम किया जा सके.
धरमलाल कौशिक ने यह सवाल उठाया कि आखिर बाजार में यूरिया कहां से आ रहा है? सरकारी समिति में यूरिया क्यों नहीं है? सरकार की प्राथमिकता किसान और यहां की जनता नहीं है. सरकार की प्राथमिकता बिचौलिए हैं, जिससे यहां ब्लैक मार्केटिंग किया जा सके. छत्तीसगढ़ के किसान परेशान हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ में 15 साल बीजेपी की सरकार थी. कभी यूरिया का शॉर्टेज नहीं हुआ. साल 2000 में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब यूरिया की शॉर्टेज हुई थी. अब जब कांग्रेस की सरकार है, तब यूरिया की शॉर्टेज हो रही है.
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हिंदुस्तान में किसी को नहीं चाहिए छत्तीसगढ़ मॉडल 2023
धरमलाल कौशिक ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ मॉडल हिंदुस्तान में किसी को भी पसंद नहीं है. उत्तरप्रदेश की जनता ने भी इसे खारिज कर दिया है. कांग्रेस प्रोपेगेंडा में लगी हुई है. इसके पहले असम में भी छत्तीसगढ़ मॉडल को पेश किया गया लेकिन वहां की जनता ने उसे खारिज कर दिया. 2023 में छत्तीसगढ़ की जनता भी इसे खारिज कर देगी.
छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था बदहाल
धरमलाल कौशिक ने कहा कि पूरे प्रदेश में अराजकता की स्थिति है. छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था बदहाल है. प्रदेश में कानून व्यवस्था सही करना सरकार के बस की बात नहीं है. कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश में एक नए ट्रेंड को जन्म दिया है चाकू घोंपने का. आज अगर राजधानी रायपुर में स्थिति यह है कि दिनदहाड़े चाकूबाजी हो जाती है, शादी समारोह में चाकूबाजी हो जाती है, पांच से छह लोग घायल हो जाते हैं. जब राजधानी में यह हाल है तो प्रदेश में कानून व्यवस्था कैसी होगी, यह आप सोच सकते हैं. आज प्रदेश में पुलिस का काम अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना नहीं बल्कि भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करना और उन्हें गिरफ्तार करना हो गया है. उसके बाद भी गृहमंत्री कुछ नहीं बोल रहे हैं.
झीरम घाटी मामले में खुलासे से घबरा रही सरकार
धरमलाल कौशिक ने यह भी कहा कि झीरम घाटी के जांच हो गई है तो उसका प्रतिवेदन आना चाहिए. अगर उसमें कुछ बाकी है तो सरकार को उसमें बातचीत करनी चाहिए. झीरम घाटी को लेकर जो जांच कमेटी बनाई गई है, जब तक उसका प्रतिवेदन सामने नहीं आ जाता मुझे नहीं लगता कि दूसरी जांच कमेटी बनाने से कोई लाभ होगा. कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ के सरकार चाहती है कि झीरम घाटी का खुलासा ना हो. पता नहीं सरकार क्यों इस खुलासे से घबराई हुई है.
छत्तीसगढ़ की जनता बिजली कटौती से परेशान
छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती मुद्दे पर भी कौशिक ने सरकार को घेरा. कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ से दूसरे राज्यों को बिजली दी जाती है लेकिन छत्तीसगढ़ में अब भी ऐसे कई ग्रामीण एरिया हैं, जहां बिजली आती-जाती रहती है. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ को बदतर स्थिति में पहुंचा दिया है. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में अब भी 500 घंटे से ज्यादा बिजली कटौती होती है. किसान और ग्रामीण परेशान हैं. रमन सिंह के समय 24 घंटे बिजली रहती थी. कांग्रेस सरकार के आने के बाद से लगातार बिजली कटौती होती है.