रायपुरः 'मेरे पिता ने मुझे नहीं बताया कि मुझे कैसे जीना है, वे जीए और मुझे उन्हे ऐसा करते देखने दिया'. मशहूर अमेरिकी लेखक क्लेरेंस बुडिंगटन केलैंड ने जीवन में पिता के महत्व को लेकर ये लाइनें लिखी थी. संतान के लिए पिता के इसी योगदान और समर्पण को याद करने के लिए फादर्स डे मनाया जाता है. हर साल जून के तीसरे रविवार को अंतरराष्ट्रीय फादर्स डे मनाया जाता है.
ऐसा है इतिहास
इस दिन को लेकर जो कहानी प्रचलित है वो कुछ ऐसी है. सोनोरा स्मार्ट डॉड (Sonora Smart Dodd) ने फादर्स डे मनाने का विचार दिया. 1909 में सोनोरा स्मार्ट चर्च में मदर डे का उपदेश सुन रही थी. उन्हें ये महसूस किया कि माताओं को हर तरह से सम्मान और प्रशंसा मिल रही है वहीं पिता के साथ ऐसा नहीं हो रहा जबकि वो भी बराबर का हकदार हैं.
सोनोरा के पिता का नाम विलियम जैक्सन स्मार्ट था. सोनोरा का जब जन्म हुआ था तभी मां की मौत हो गई थी. इसके बाद पिता विलियम जैक्सन स्मार्ट ने उसका पालन-पोषण किया. बड़ी होकर सोनोरा के दिमाग में ये विचार आया कि साल में एक दिन पिता के लिए भी होना चाहिए और उसी साल से इसे मनाए जाने की शुरुआत हुई.
ऐसी हुई थी शुरुआत
सबसे पहले 5 जून को पिता के जन्म दिवस पर फादर्स डे मनाने का प्रस्ताव दिया पर उसके बाद हर साल जून के तीसरे रविवार को फदर्स डे मनाना तय हुआ. इस साल फदर्स डे 16 जून को मनाया जा रहा है.
पिता को सम्मान देने का दिन
फादर्स डे, पिता, भाई, चाचा या किसी भी महत्वपूर्ण पुरुष का सम्मान करने का दिन है. लोग अक्सर मां को तो याद रखते हैं लेकिन अपने पिता के बलिदानों और योगदानों को भूल जाते हैं. फादर्स डे पिता के प्रति अपने प्यार, प्रशंसा और कृतज्ञता को दिखाने और व्यक्त करने का अवसर देता है.
आज का दिन पिता का धन्यवाद, सम्मान और प्रशंसा करने का है. लोग उन्हें उनका पसंदीदा उपहार देते हैं. बच्चे अपने पिता के लिए इस दिन को यादगार बनाने की कोशिश करते हैं. उनके साथ घूमने जाते हैं.