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परदेस से आए बेटे को क्वारंटीन करने के लिए जब पिता ने बनाई झोपड़ी

कोरोना काल में नागौर जिले में 50 हजार से ज्यादा प्रवासी अपने घर वापस लौट चुके हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा भी यहां तेजी से बढ़ रहा है. कई मामलों में प्रवासियों द्वारा ट्रेवल हिस्ट्री छिपाने की भी बात सामने आ रही है. जिले में एक अनपढ़ पिता ने अपने बेटे-बहू और पोतियों को होम क्वारंटाइन करने के लिए खेतों में ही झोपड़ी तैयार कर दिया. अब बुजुर्ग माननाथ खूब तारीफें बटोर रहे हैं.

father built a hut for his son
पिता ने बनाई झोपड़ी
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Published : May 25, 2020, 9:14 AM IST

नागौर/रायपुर . जिले के खेराट गांव में माननाथ रहते हैं. पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन कोरोना वायरस से फैलने वाली महामारी कोविड-19 कितनी खतरनाक है इसका अंदाजा इनको बखूबी है. तभी को छत्तीसगढ़ से घर लौटे अपने दो बेटे, बहू और दो पोतियों को परिवार के बाकी लोगों से अलग रखने का इंतजाम उनके घर आने से पहले ही कर लिया.

बेटे के लिए पिता ने बनाई झोपड़ी
  • बुजुर्ग पिता ने खेतों में बहू-बेटों लिए तैयार की झोपड़ी
  • होम क्वारंटीन के लिए घास-फूस से तैयार की है झोपड़ी
  • छत्तीसगढ़ से नागौर लौटकर आए हैं बेटे और बहू

इन लोगों के रहने के लिए माननाथ ने अपने खेत पर ही घास की इस कुटिया को तैयार कर दिया. रायपुर से आए बेटे, बहू और पोतियां इस कुटिया में होम आइसोलेट रहेंगे. माननाथ बताते हैं कि उनके दो बेटे, बड़े बेटे की पत्नी और दो बच्चे छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहते हैं. लॉकडाउन के बीच उनके निजी वाहन से गांव आने की जानकारी मिली तो खुशी हुई, लेकिन साथ ही यह भी पता चला कि उन्हें कुछ दिन तक परिवार से अलग रहना पड़ेगा.

father built a hut for his son
पिता ने बेटे के लिए बनाई झोपड़ी

माननाथ ने दो दिन में तैयार की झोपड़ी

बहू के खातिर माननाथ इस झोपड़ी को तैयार करने के लिए खुद जुट गए और दो दिन में कड़ी मेहनत करके खेत पर ही इस घास-फूस की कुटिया को तैयार कर दिया. इतना ही नहीं इस कुटिया में बिलजी की सप्लाई भी की गई है. जिसे क्वारेंटाइन के दौरान इसमें रहने वाले लोग गर्मी और अंधेर से बचने के लिए लाइट, कूलर और पंखे का भी उपयोग कर सकेंगे.

लॉकडाउन में रायपुर में फंसे थे बेटे और बहू

माननाथ के बड़े बेटे मेघराज बताते हैं कि वो और उनका छोटा भाई रायपुर में फर्नीचर बनाने का काम करते हैं. लॉकडाउन के बाद से ही वहां वो फंसे थे फिर जब सरकार ने अपने घर लौटने की अनुमति दी तो निजी वाहन से वो पत्नी, छोटे भाई और दो बेटियों के साथ घर लौटे हैं.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन में व्यापारियों का करोबार 'लॉक'...100 करोड़ से अधिक की लगी चपत

माननाथ की हो रही जमकर तारीफ:

फिलहाल, रहना, खाना और सोना सब इसी कुटिया में इन लोगों का होता है. होम क्वारंटाइन का समय पूरा होने के बाद ये लोग अपने घर में जाकर रहेंगे. अनपढ़ होने के बावजूद भी कोरोना वायरस से इतनी सजगता और सतर्कता को लेकर माननाथ की जमकर तारीफ हो रही है.

नागौर/रायपुर . जिले के खेराट गांव में माननाथ रहते हैं. पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन कोरोना वायरस से फैलने वाली महामारी कोविड-19 कितनी खतरनाक है इसका अंदाजा इनको बखूबी है. तभी को छत्तीसगढ़ से घर लौटे अपने दो बेटे, बहू और दो पोतियों को परिवार के बाकी लोगों से अलग रखने का इंतजाम उनके घर आने से पहले ही कर लिया.

बेटे के लिए पिता ने बनाई झोपड़ी
  • बुजुर्ग पिता ने खेतों में बहू-बेटों लिए तैयार की झोपड़ी
  • होम क्वारंटीन के लिए घास-फूस से तैयार की है झोपड़ी
  • छत्तीसगढ़ से नागौर लौटकर आए हैं बेटे और बहू

इन लोगों के रहने के लिए माननाथ ने अपने खेत पर ही घास की इस कुटिया को तैयार कर दिया. रायपुर से आए बेटे, बहू और पोतियां इस कुटिया में होम आइसोलेट रहेंगे. माननाथ बताते हैं कि उनके दो बेटे, बड़े बेटे की पत्नी और दो बच्चे छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहते हैं. लॉकडाउन के बीच उनके निजी वाहन से गांव आने की जानकारी मिली तो खुशी हुई, लेकिन साथ ही यह भी पता चला कि उन्हें कुछ दिन तक परिवार से अलग रहना पड़ेगा.

father built a hut for his son
पिता ने बेटे के लिए बनाई झोपड़ी

माननाथ ने दो दिन में तैयार की झोपड़ी

बहू के खातिर माननाथ इस झोपड़ी को तैयार करने के लिए खुद जुट गए और दो दिन में कड़ी मेहनत करके खेत पर ही इस घास-फूस की कुटिया को तैयार कर दिया. इतना ही नहीं इस कुटिया में बिलजी की सप्लाई भी की गई है. जिसे क्वारेंटाइन के दौरान इसमें रहने वाले लोग गर्मी और अंधेर से बचने के लिए लाइट, कूलर और पंखे का भी उपयोग कर सकेंगे.

लॉकडाउन में रायपुर में फंसे थे बेटे और बहू

माननाथ के बड़े बेटे मेघराज बताते हैं कि वो और उनका छोटा भाई रायपुर में फर्नीचर बनाने का काम करते हैं. लॉकडाउन के बाद से ही वहां वो फंसे थे फिर जब सरकार ने अपने घर लौटने की अनुमति दी तो निजी वाहन से वो पत्नी, छोटे भाई और दो बेटियों के साथ घर लौटे हैं.

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माननाथ की हो रही जमकर तारीफ:

फिलहाल, रहना, खाना और सोना सब इसी कुटिया में इन लोगों का होता है. होम क्वारंटाइन का समय पूरा होने के बाद ये लोग अपने घर में जाकर रहेंगे. अनपढ़ होने के बावजूद भी कोरोना वायरस से इतनी सजगता और सतर्कता को लेकर माननाथ की जमकर तारीफ हो रही है.

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