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कोंडागांव: 74 हजार औषधीय पौधे लगा किसानों ने दिए खास संदेश

कोंडागांव में 'मां दंतेश्वरी हर्बल समूह' ने देश की आजादी के 74 साल पूरे होने पर 74 हजार औषधीय पौधे रोपे हैं.

74 thousand medicinal plants
किसानों ने दिया खास संदेश
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Published : Aug 20, 2020, 8:36 PM IST

कोंडागांव: जैविक पद्धति से कृषि के लिए देशभर में अपना नाम बना चुके 'मां दंतेश्वरी हर्बल समूह' ने देश की आजादी के 74 साल पूरे होने पर 74 हजार औषधीय पौधे रोपे हैं. इसके साथ ही ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन देने वाले पीपल, बरगद, पाकर आदि के पौधे भी लगाए गए हैं. यह पौधरोपण ग्राम पंचायत चिखलपुटी, कनेरा रोड कोंडागांव, मसोरा, राजनगर ,कामेन्दरी, चपका, परपा, घोड़ागांव गांव में किया गया.

डॉ. राजाराम त्रिपाठी, संस्थापक, मां दंतेश्वरी हर्बल समूह

मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के संस्थापक डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने इस दौरान औषधीय पौधों की अहमियत के बारे में बताते हुए संस्था से जुड़े लोगों को संदेश दिया कि इन पौधों को पूरी तरह सुरक्षित रखें और देखभाल करें. जिससे ये पूरी तरीके से विकसित हो सकें और इनका लाभ आम लोगों को मिल सके.

पढ़ें-स्वच्छता सर्वेक्षण 2020: छत्तीसगढ़ सबसे स्वच्छ राज्य, 10 लाख तक आबादी वाले शहरों में अंबिकापुर अव्वल

संस्था से जुड़े हैं आदिवासी किसान

मां दंतेश्वरी हर्बल समूह जैविक खेती को लगातार बढ़ावा देने के साथ ही बाजार की मांग के अनुरूप फसल लेने के लिए देशभर में अपना खास स्थान बना चुका है. डॉ. राजाराम त्रिपाठी के दिशा निर्देश पर कई आदिवासी किसान काली मिर्च, स्टिविया, हल्दी आदि की फसल ले रहे हैं. आजादी के जश्न को इस आदिवासी बाहुल्य इलाके के किसानों ने जिस अंदाजा में मनाया है ये सराहनीय है.

कोंडागांव: जैविक पद्धति से कृषि के लिए देशभर में अपना नाम बना चुके 'मां दंतेश्वरी हर्बल समूह' ने देश की आजादी के 74 साल पूरे होने पर 74 हजार औषधीय पौधे रोपे हैं. इसके साथ ही ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन देने वाले पीपल, बरगद, पाकर आदि के पौधे भी लगाए गए हैं. यह पौधरोपण ग्राम पंचायत चिखलपुटी, कनेरा रोड कोंडागांव, मसोरा, राजनगर ,कामेन्दरी, चपका, परपा, घोड़ागांव गांव में किया गया.

डॉ. राजाराम त्रिपाठी, संस्थापक, मां दंतेश्वरी हर्बल समूह

मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के संस्थापक डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने इस दौरान औषधीय पौधों की अहमियत के बारे में बताते हुए संस्था से जुड़े लोगों को संदेश दिया कि इन पौधों को पूरी तरह सुरक्षित रखें और देखभाल करें. जिससे ये पूरी तरीके से विकसित हो सकें और इनका लाभ आम लोगों को मिल सके.

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संस्था से जुड़े हैं आदिवासी किसान

मां दंतेश्वरी हर्बल समूह जैविक खेती को लगातार बढ़ावा देने के साथ ही बाजार की मांग के अनुरूप फसल लेने के लिए देशभर में अपना खास स्थान बना चुका है. डॉ. राजाराम त्रिपाठी के दिशा निर्देश पर कई आदिवासी किसान काली मिर्च, स्टिविया, हल्दी आदि की फसल ले रहे हैं. आजादी के जश्न को इस आदिवासी बाहुल्य इलाके के किसानों ने जिस अंदाजा में मनाया है ये सराहनीय है.

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