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नवा रायपुर में कई दिनों से जारी है किसानों का आंदोलन, जानिए क्या है वजह ?

Farmers movement in Nava Raipur: छत्तीसगढ़ के किसान बीते 14 दिनों से अपनी मांगों को लेकर नवा रायपुर के एनआरडीए दफ्तर के बाहर हजारों की संख्या में धरने पर बैठे हुए हैं.

Farmers movement continues for several days in Nava Raipur
नवा रायपुर में कई दिनों से जारी है किसानों का आंदोलन
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Published : Jan 16, 2022, 8:22 PM IST

रायपुर: दिल्ली की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के किसान भी इन दिनों आंदोलनरत है. बीते 14 दिनों से ये किसान अपनी मांगों को लेकर नवा रायपुर के एनआरडीए दफ्तर के बाहर हजारों की संख्या में धरने पर बैठे हुए हैं. करीब 27 गांव के यह किसान पूरे परिवार के साथ कड़कड़ाती ठंड में दिन-रात शासन-प्रशासन से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में आंदोलनरत किसानों ने बताया कि उनकी जमीन अधिग्रहण के समय राज्य सरकार ने किसानों से जो वादा किया उसे आज तक सरकार ने पूरा नहीं किया है. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

रायपुर में किसानों का आंदोलन

आंदोलन को मिल रहा किसान संगठनों का समर्थन

3 जनवरी से नवा रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे 27 गांव के किसानों के आंदोलन को अन्य संगठन भी समर्थन दे रहे हैं. लगातार आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. अब तक इस आंदोलन के समर्थन में कई बड़े संगठनों ने अपना समर्थन दिया है. इसके साथ ही किसान आंदोलन को लेकर गांव के युवाओं का भी समर्थन मिल रहा है. सोशल मीडिया पर भी इस आंदोलन के समर्थन में लोग पोस्ट और कमेंट कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः फेसबुक पर बनाई पहचान, फिर शादी, फिर दोस्तों के साथ कर डाला गैंगरेप

रोजाना चल रहा लंगर

एनआरडीए के दफ्तर के बाहर धरना दे रहे किसानों के भोजन के लिए रोजाना बड़ा लंगर चल रहा है. इस आंदोलन में ग्रामीण राशन और चूल्हा जलाने की लकड़ियों को भी दान कर रहे हैं. उसके साथ ही कई किसान इस आंदोलन में सब्जियों की व्यवस्था कर रहे हैं. अपनी मांगों पर डटे यह किसान धरना स्थल पर ही दिन रात डटे हैं.

ये हैं किसानों की मांगें

  • नवा रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी आवासीय और व्यवसायिक भूखंड पात्र अनुसार नि:शुल्क मिलने के प्रावधान का पालन किया जाए.
  • भू-अर्जन कानून के तहत जमीन के मालिकों को मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा दिया जाए.
  • नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए.
  • पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को मिलने वाले बारह सौ स्क्वायर फीट का प्लॉट दिया जाए.
  • जमीन खरीद-बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए और आबादी से लगी गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यवसायिक परिसर को 75 फीसद तक प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए.
  • इसके अलावा नवा रायपुर के दफ्तरों में निकलने वाली भर्तियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए.

रायपुर: दिल्ली की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के किसान भी इन दिनों आंदोलनरत है. बीते 14 दिनों से ये किसान अपनी मांगों को लेकर नवा रायपुर के एनआरडीए दफ्तर के बाहर हजारों की संख्या में धरने पर बैठे हुए हैं. करीब 27 गांव के यह किसान पूरे परिवार के साथ कड़कड़ाती ठंड में दिन-रात शासन-प्रशासन से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में आंदोलनरत किसानों ने बताया कि उनकी जमीन अधिग्रहण के समय राज्य सरकार ने किसानों से जो वादा किया उसे आज तक सरकार ने पूरा नहीं किया है. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

रायपुर में किसानों का आंदोलन

आंदोलन को मिल रहा किसान संगठनों का समर्थन

3 जनवरी से नवा रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे 27 गांव के किसानों के आंदोलन को अन्य संगठन भी समर्थन दे रहे हैं. लगातार आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. अब तक इस आंदोलन के समर्थन में कई बड़े संगठनों ने अपना समर्थन दिया है. इसके साथ ही किसान आंदोलन को लेकर गांव के युवाओं का भी समर्थन मिल रहा है. सोशल मीडिया पर भी इस आंदोलन के समर्थन में लोग पोस्ट और कमेंट कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः फेसबुक पर बनाई पहचान, फिर शादी, फिर दोस्तों के साथ कर डाला गैंगरेप

रोजाना चल रहा लंगर

एनआरडीए के दफ्तर के बाहर धरना दे रहे किसानों के भोजन के लिए रोजाना बड़ा लंगर चल रहा है. इस आंदोलन में ग्रामीण राशन और चूल्हा जलाने की लकड़ियों को भी दान कर रहे हैं. उसके साथ ही कई किसान इस आंदोलन में सब्जियों की व्यवस्था कर रहे हैं. अपनी मांगों पर डटे यह किसान धरना स्थल पर ही दिन रात डटे हैं.

ये हैं किसानों की मांगें

  • नवा रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी आवासीय और व्यवसायिक भूखंड पात्र अनुसार नि:शुल्क मिलने के प्रावधान का पालन किया जाए.
  • भू-अर्जन कानून के तहत जमीन के मालिकों को मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा दिया जाए.
  • नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए.
  • पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को मिलने वाले बारह सौ स्क्वायर फीट का प्लॉट दिया जाए.
  • जमीन खरीद-बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए और आबादी से लगी गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यवसायिक परिसर को 75 फीसद तक प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए.
  • इसके अलावा नवा रायपुर के दफ्तरों में निकलने वाली भर्तियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए.
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