रायपुर: राजधानी में किसान बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं. ये विरोध किसान हितों के साथ ही वित्त आयोग के खिलाफ भी है. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए वित्त आयोग के अध्यक्ष ने राज्य सरकार द्वारा किसानों को दिए जा रहे 2500 रुपये समर्थन मूल्य पर सवाल उठाया था.
छत्तीसगढ़ किसान सभा ने वित्त आयोग की तीखी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि वित्त आयोग एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्था के रूप में काम करने के बजाए मोदी सरकार के कॉर्पोरेट एजेंडा को आगे बढ़ने वाली एजेंसी के रूप में काम कर रहा है, जबकि वित्त आयोग का काम देश के संतुलित विकास और विभिन्न राज्यों के बीच असमानता को दूर करने के लिए करों का न्यायसंगत बंटवारा करना है.
बता दें कि 15 सालों से सत्ता की राह देख रही कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में किसानों को अहम मुद्दा बनाया और उनकी मांगों को घोषणा पत्र में प्राथमिकता से शामिल किया.