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इस फसल की खेती किसानों को कर रही मालामाल, बन रहे कई प्रोडक्ट

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां धान की पैदावर सबसे ज्यादा होती है. लेकिन अब किसान धान के साथ-साथ चावल, गेहूं के अलावा कई अन्य पैदावार भी कर रहे है. इसमें अल्सी का भी नाम शामिल है.

अलसी का पौधा
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Published : Sep 25, 2019, 11:10 AM IST

Updated : Sep 25, 2019, 11:28 AM IST

रायपुर: वो कहते है न सुंदरता के साथ अगर गुण भी हो तो सुंदरता और निखर जाती है. ऐसा ही कुछ इस पौधे के साथ भी है. अपने जामुनी फूलों के साथ ये पौधा तस्वीरों में जितना सुंदर दिख रहा, उसके फायदे भी उतने ही ज्यादा हैं. प्रदेश में आए दिन भूजल स्तर गिरने की समस्या आती रहती है. ऐसे में इस औषधिय पौधे की खेती किसानों के लिए बहद फायदेमंद साबित हो रही है.

अलसी से बन रहे कई प्रोडक्ट

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां धान की पैदावर सबसे ज्यादा होती है. लेकिन अब किसान धान के साथ-साथ चावल, गेहूं के अलावा कई अन्य पैदावार भी कर रहे है. इसमें अल्सी का भी नाम शामिल है. अलसी की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है.

अलसी से बना रहे कपड़े
पहले अलसी से सिर्फ तेल निकाला जाता था, लेकिन अब अलसी का उपयोग कई और प्रोडक्ट बनाने के लिए भी किया जा रहा है. फिर चाहे वह खाने-पीने की चीज हो या फिर पहनने की. अलसी से जहां कुछ बुनकर कपड़ा बना रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर अब अलसी का उपयोग बिस्किट केक सहित अन्य पेय पदार्थ बनाने में किया जा रहा है.

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में बिलासपुर से आए किसानों ने अलसी से बनी चीजों का स्टॉल लगाया था. यहां मौजूद पूजा तिवारी नाम की एक विक्रेता ने ETV भारत को बताया कि बीच में अलसी का उपयोग कम हो गया था. लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे थे, लेकिन एक बार फिर समय के साथ बदलाव हुआ है और अब ज्यादातर लोग अलसी से बने खाद्य सामग्री का उपयोग करने लगे हैं.

अलसी के फायदे

  • अलसी बहुमूल्य औद्योगिक तिलहन फसल है.
  • अलसी का तना, बीज, पत्ते, दाने को अलग-अलग कार्यों में काम लिया जाता है.
  • अलसी कम पानी में फलने वाली फसल है.
  • अलसी के बीज से निकलने वाला तेल खाने के साथ-साथ दवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
  • अलसी का तेल पेंट्स, वार्निश और स्नेहक बनाने के साथ प्रिंटिंग प्रेस की स्याही तैयार करने में भी काम आता है
  • अन्य फसलों में 10 से 12 बार पानी दिया जाता है, जबकि अलसी में मात्र 4 से 5 बार ही पानी से फसल तैयार हो जाती है.
  • इसका बीज फोड़े-फुंसी मिटाने के काम आता है.
  • अलसी के तने से रेसा बनता है.
  • अलसी के पौधे के छोटे-छोटे भाग कर कागज भी बनाया जाता है.
  • इसके नियमित उपयोग से हार्टअटैक सहित कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
  • अलसी से बने बिस्किट केक सहित अन्य खाने-पीने की चीजें बनाई जा रही हैं, जो स्वाद के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखती हैं.

पूजा के सहयोगी सौरव सिंह चंदेल ने बताया कि क्रेता विक्रेता सम्मेलन में अलसी पर देश के अन्य राज्यों से आए क्रेताओं ने ज्यादा रुचि दिखाई है. देश की दो नामी-गिरामी कंपनियों के साथ उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट भी किया है, जिसके तहत अब वे उन कंपनियों को भारी मात्रा में अलसी की सप्लाई करेंगे.

रायपुर: वो कहते है न सुंदरता के साथ अगर गुण भी हो तो सुंदरता और निखर जाती है. ऐसा ही कुछ इस पौधे के साथ भी है. अपने जामुनी फूलों के साथ ये पौधा तस्वीरों में जितना सुंदर दिख रहा, उसके फायदे भी उतने ही ज्यादा हैं. प्रदेश में आए दिन भूजल स्तर गिरने की समस्या आती रहती है. ऐसे में इस औषधिय पौधे की खेती किसानों के लिए बहद फायदेमंद साबित हो रही है.

अलसी से बन रहे कई प्रोडक्ट

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां धान की पैदावर सबसे ज्यादा होती है. लेकिन अब किसान धान के साथ-साथ चावल, गेहूं के अलावा कई अन्य पैदावार भी कर रहे है. इसमें अल्सी का भी नाम शामिल है. अलसी की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है.

अलसी से बना रहे कपड़े
पहले अलसी से सिर्फ तेल निकाला जाता था, लेकिन अब अलसी का उपयोग कई और प्रोडक्ट बनाने के लिए भी किया जा रहा है. फिर चाहे वह खाने-पीने की चीज हो या फिर पहनने की. अलसी से जहां कुछ बुनकर कपड़ा बना रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर अब अलसी का उपयोग बिस्किट केक सहित अन्य पेय पदार्थ बनाने में किया जा रहा है.

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में बिलासपुर से आए किसानों ने अलसी से बनी चीजों का स्टॉल लगाया था. यहां मौजूद पूजा तिवारी नाम की एक विक्रेता ने ETV भारत को बताया कि बीच में अलसी का उपयोग कम हो गया था. लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे थे, लेकिन एक बार फिर समय के साथ बदलाव हुआ है और अब ज्यादातर लोग अलसी से बने खाद्य सामग्री का उपयोग करने लगे हैं.

अलसी के फायदे

  • अलसी बहुमूल्य औद्योगिक तिलहन फसल है.
  • अलसी का तना, बीज, पत्ते, दाने को अलग-अलग कार्यों में काम लिया जाता है.
  • अलसी कम पानी में फलने वाली फसल है.
  • अलसी के बीज से निकलने वाला तेल खाने के साथ-साथ दवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
  • अलसी का तेल पेंट्स, वार्निश और स्नेहक बनाने के साथ प्रिंटिंग प्रेस की स्याही तैयार करने में भी काम आता है
  • अन्य फसलों में 10 से 12 बार पानी दिया जाता है, जबकि अलसी में मात्र 4 से 5 बार ही पानी से फसल तैयार हो जाती है.
  • इसका बीज फोड़े-फुंसी मिटाने के काम आता है.
  • अलसी के तने से रेसा बनता है.
  • अलसी के पौधे के छोटे-छोटे भाग कर कागज भी बनाया जाता है.
  • इसके नियमित उपयोग से हार्टअटैक सहित कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
  • अलसी से बने बिस्किट केक सहित अन्य खाने-पीने की चीजें बनाई जा रही हैं, जो स्वाद के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखती हैं.

पूजा के सहयोगी सौरव सिंह चंदेल ने बताया कि क्रेता विक्रेता सम्मेलन में अलसी पर देश के अन्य राज्यों से आए क्रेताओं ने ज्यादा रुचि दिखाई है. देश की दो नामी-गिरामी कंपनियों के साथ उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट भी किया है, जिसके तहत अब वे उन कंपनियों को भारी मात्रा में अलसी की सप्लाई करेंगे.

Intro:
अलसी की खेती किसानों को कर रही मालामाल,

अलसी से बने बिस्किट केक, स्वाद के साथ लोगों के स्वास्थ्य का भी रखते हैं ख्याल

रायपुर। आज प्रदेश में धान चावल गेहूं के अलावा कई अन्य पैदावार भी किया जाता है इसी पैदावार में अब अलसी शामिल हो गया है प्रदेश के किसान अलसी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं इस अलसी की खेती को लगातार किसानों के द्वारा बढ़ाया जा रहा है।




Body:उसकी मुख्य वजह है कि अलसी का किसानों को बेहतर दाम बाजार में मिल रहा है क्योकि अब अलसी के कई प्रोडक्ट बनाए जाने लगे हैं पहले अलसी से तेल निकालकर सिर्फ उसका ही उपयोग किया जाता था लेकिन अब धीरे-धीरे समय के साथ अलसी के कई और प्रोडक्ट मनाए जाने लगे हैं फिर चाहे वह खाने पीने की चीजों हो या फिर पहनने की। अलसी से जहां एक ओर कुछ बुनकर कपड़ा बना रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर अब अलसी का उपयोग बिस्किट केक सहित अन्य खाने पीने की चीज के बनाने में किया जा रहा है।

ऐसे ही कुछ किसानो से ईटीवी भारत संवादाता की मुलाकात रायपुर के क्रेता विक्रेता सम्मेलन में हुई जहां यह किसान बिलासपुर से पहुंचे थे क्रेता विक्रेता सम्मेलन में इन किसानों ने अलसी का स्टॉल लगाकर रखा था जिसमें अलसी के बिस्किट केक सहित अन्य खाने-पीने की सामग्री बनाकर रखी गई थी

स्टॉल में मौजूद पूजा तिवारी ने बताया कि अलसी का उपयोग बीच में खाने पीने के लिए कम हो गया था लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे थे लेकिन एक बार फिर समय के साथ बदलाव हुआ है और अब ज्यादातर लोग अलसी से बने खाद्य सामग्री का उपयोग भी करने लगे हैं उसकी वजह है कि अलसी काफी लाभदायक स्वास्थ्यवर्धक होती है इसके उपयोग से लोगों हार्टअटैक सहित अन्य बीमारियों से बच सकते हैं

यही वजह है कि अब अलसी से बने बिस्किट केक सहित अन्य खाने पीने की चीजें बनाई जा रही है जो स्वाद के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखती है
बाइट पूजा तिवारी विक्रेता

वहीं पूजा के सहयोगी सौरव सिंह चंदेल ने बताया कि इस क्रेता विक्रेता सम्मेलन में अलसी पर देश के अन्य राज्यों से आए क्रेताओं ने अधिक रुचि दिखाई है देश की दो नामी-गिरामी कंपनियों के साथ उनका सौदा भी हुआ है जिसके तहत अब वे उन कंपनियों को भारी मात्रा में अलसी की सप्लाई करेंगे
बाइट सौरव सिंह चंदेल विक्रेता




Conclusion:बता दें कि राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में तीन दिवसीय क्रेता विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसका आज आखिरी दिन था । इसमें 16 देशों के क्रेताओं सहित देश के अन्य राज्यों से भी कई क्रेता पहुंचे हुए थे । बाहर से पहुंचे क्रेताओं ने इस सम्मेलन में लगे स्टाल पर उत्पादों को देखा और किसानों से बात कर सीधे अपना आर्डर उन्हें दे दिया है । इस व्यवस्था से किसान और उपभोक्ता के बीच के कमीशन एजेंट या फिर भी बिचौलिये समाप्त हो गया । इस व्यवस्था का अब अच्छा प्रोडक्ट कम दाम में लोगों तक पहुंच सकेगा साथ ही किसानों को भी उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य मिल सकेगा ।
Last Updated : Sep 25, 2019, 11:28 AM IST
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