धरसीवां/रायपुर : कृषि उपज मंडी राजिम में शनिवार को धान की 1370 रुपये प्रति क्विंटल तक बोली लगने से नाराज किसानों ने एकमत होकर अपनी उपज की बिक्री से इनकार कर दिया था. इतना ही नहीं मंडी परिसर में ही अपना धान छोड़कर चले गए थे. दो दिन बाद सोमवार सुबह मंडी में धान खरीदी शुरू कराने के लिए मंडी कार्यालय में डिप्टी कलेक्टर और प्रभारी तहसीलदार के समक्ष किसान प्रतिनिधि, व्यापारी प्रतिनिधि और मंडी प्रशासनिक प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई.
सोमवार को 1400 रुपये क्विंटल पर शुरू हुई बोली
मंडी कार्यालय (Mandi Office Dharsiwan) में हुई इस बैठक के बाद शनिवार की तुलना में 1400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोली शुरू किये जाने के बाद धान की खरीदी शुरू हो सकी. इसमें धान की किस्म और गुणवत्ता के आधार पर सामान्य मोटा धान 1494 रुपये प्रति क्विंटल और पतला 1722 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक्री हुई. बता दें कि मंडी टैक्स बढ़ाए जाने के कारण किसानों की उपज की बोली अन्य दिनों की तुलना में किसानों को प्रति क्विंटल 150 से 200 रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून बेहद जरूरी : तेजराम
इस मुद्दे पर किसान क्रांतिकारी सभा के सचिव तेजराम विद्रोही का कहना है कि यदि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर पूरे साल भर खरीदी के लिए कानूनी गारंटी लागू कर दे तो किसान अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर नहीं होंगे. राज्य सरकार को चाहिए कि कृषि उपज मंडी अधिनियम की धारा 36 (3) का पालन अनिवार्य रूप से कराए. इसमें कहा गया है कि जिस भी फसल का समर्थन मूल्य तय किया गया है, उससे कम पर बोली नहीं लगाई जाएगी. यह कानून भी कहीं न कहीं एमएसपी की गारंटी देता है. लेकिन जरूरत है इस कानून का पालन सुनिश्चित कराने की.