रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस दौरान लापरवाही के केस भी सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक लापरवाही का मामला रायपुर के सबसे बड़े अस्पताल में आया है. जहां कोविड-19 संक्रमित मरीज सतीश गुरवेकर के बेटे स्वराज को शुक्रवार की शाम एम्स से कॉल आया. बताया गया कि उनके पिता का निधन हो गया है. सुबह आकर शव ले जाने की प्रक्रिया पूरी कर लें. दुख में डूबे परिवार को इस बात पर यकीन नहीं हुआ.
अगली सुबह जब बेटे ने शव लेने के लिए एम्स में संपर्क किया तो वहां उनके पिता का शव ही नहीं था. बेटा एम्स में पागलों की तरह वह अपने पिता की तलाश करने लगा. जिसके बाद पता चला कि उसके पिता जिंदा है और वेंटिलेटर पर है. उसने इसकी खबर अपने परिवार को दी, लेकिन ये राहत कुछ ही घंटों की थी. शनिवार की दोपहर एम्स से फिर कॉल आया और जानकारी मिली कि उनके पिता का निधन हो चुका है.
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एम्स प्रबंधन पर गंभीर आरोप
सतीश गुरवेकर के बेटे स्वराज का कहना है कि उनके पापा कोरोना पॉजिटिव आए. जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया. उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी. उन्हें आईसीयू में रखा गया. सतीश इतने कमजोर हो चुके थे कि वॉशरूम तक नहीं जा पा रहे थे. स्वराज ने डॉक्टरों को कहा कि 'यूरिन बैग दे दें. डॉक्टरों से स्वराज को जवाब मिला कि यूरिन बैग नहीं है. कोई बोतल काटकर यूज कर लो'.
कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किया गया अंतिम संस्कार
स्वराज ने आरोप लगाया है कि उन्हें पता चला कि देर रात बिस्तर से उठने के दौरान चक्कर आने से उनके पिता गिर गए. वे इतने कमजोर हो चुके थे कि रात भर जमीन पर ही पड़े रहे, लेकिन कोई उन्हें उठाने के लिए नहीं आया. रविवार को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत स्वराज ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया.