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झीरम कांड के प्रत्यक्षदर्शी ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र

झीरम हमले के गवाह रहे दौलत रोहड़ा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. पत्र में रोहड़ा ने जांच से संबंधित दस्तावेजों को एसआईटी को सौंपने का अनुरोध गृहमंत्री से किया है.

Eyewitness of Jhiram naxal
दौलत रोहड़ा
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Published : Feb 20, 2021, 7:34 PM IST

रायपुर: झीरम हमले की जांच से संबंधित दस्तावेज को एसआईटी को सौंपने दौलत रोहड़ा ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. दौलत रोहड़ा झीरम नक्सली हमले के प्रत्यक्षदर्शी हैं.

25 मई 2013 को बस्तर की झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सली हमला हुआ था. कांग्रेस के शिर्ष नेताओं सहित 27 लोगों की हत्या कर दी गई थी. दौलत रोहड़ा ने पत्र में लिखा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एनआईए जांच के निर्देश दिए थे. घटना के कुछ दिन बाद 5 जून 2013 से एनआईए ने जांच शुरू की.

झीरम कांड: अब भिलाई में प्रत्यक्षदर्शी दौलत रोहड़ा का दर्ज होगा बयान, SIT ने किया तलब

दौलत रोहड़ा ने लिखा कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि एनआईए ने अपना पहला आरोप पत्र उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में 23 सितंबर 2014 को प्रस्तुत किया है और 16 सितंबर 2015 को अपनी आखिरी पत्र भी प्रस्तुत कर दिया है, जो संपूर्ण नहीं था. एनआईए ने हमले में घायल लोगों के परिवार से भी पूछताछ नहीं की.

गृह मंत्री से न्याय की मांग

दौलत रोहड़ा ने गृहमंंत्री अमित शाह से कहा कि हम सभी झीरम घाटी छत्तीसगढ़ नक्सली हमले के शहीदों और घायलों के पीड़ित परिवार आपसे मांग करते हैं कि एनआईए इस जांच के दस्तावेज एसआईटी को दें ताकि झीरम घाटी का सच जनता के सामने आए. उन्हें न्याय मिले और षड्यंत्रकारियों को सजा मिल सके.

रायपुर: झीरम हमले की जांच से संबंधित दस्तावेज को एसआईटी को सौंपने दौलत रोहड़ा ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. दौलत रोहड़ा झीरम नक्सली हमले के प्रत्यक्षदर्शी हैं.

25 मई 2013 को बस्तर की झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सली हमला हुआ था. कांग्रेस के शिर्ष नेताओं सहित 27 लोगों की हत्या कर दी गई थी. दौलत रोहड़ा ने पत्र में लिखा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एनआईए जांच के निर्देश दिए थे. घटना के कुछ दिन बाद 5 जून 2013 से एनआईए ने जांच शुरू की.

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दौलत रोहड़ा ने लिखा कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि एनआईए ने अपना पहला आरोप पत्र उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में 23 सितंबर 2014 को प्रस्तुत किया है और 16 सितंबर 2015 को अपनी आखिरी पत्र भी प्रस्तुत कर दिया है, जो संपूर्ण नहीं था. एनआईए ने हमले में घायल लोगों के परिवार से भी पूछताछ नहीं की.

गृह मंत्री से न्याय की मांग

दौलत रोहड़ा ने गृहमंंत्री अमित शाह से कहा कि हम सभी झीरम घाटी छत्तीसगढ़ नक्सली हमले के शहीदों और घायलों के पीड़ित परिवार आपसे मांग करते हैं कि एनआईए इस जांच के दस्तावेज एसआईटी को दें ताकि झीरम घाटी का सच जनता के सामने आए. उन्हें न्याय मिले और षड्यंत्रकारियों को सजा मिल सके.

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