रायपुर: छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अब अपना दूसरा बजट पेश करने जा रही है. इस बजट को लेकर तमाम सेक्टर के लोगों को खासी उम्मीदें हैं. वहीं ऑटोमोबाइल सेक्टर में जहां देशभर में मंदी के हालात चल रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल सेक्टर देशभर के दूसरे राज्यों के मुकाबले काफी अच्छी स्थिति में है. ऑटोमोबाइल सेक्टर के लोगों का मानना है कि किसानों को मिलने वाले पैसे से बाजार में रौनक है, जिसका असर ऑटोमोबाइल सेक्टर के खरीदी बिक्री पर भी साफ तौर पर देखा जा सकता है.
अब नए बजट को लेकर ऑटोमोबाइल सेक्टर के तमाम लोगों ने ETV भारत से खास बातचीत की. ऑटोमोबाइल सेक्टर के एसोसिएशन के बोर्ड मेंबर कैलाश खेमानी ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ में सरकार की नीतियों के कारण बाजार में खासा रुझान बना हुआ है. अब यही अपेक्षा है कि सरकार अपने स्तर से आरटीओ और रजिस्ट्रेशन जैसे जरूरी कामों में ट्रांसपरेन्सी लाकर लोगों को एक बड़ी राहत दे सकती है'.
आरटीओ रजिस्ट्रेशन के आधार पर हुआ था सर्वे
ऑटोमोबाइल सेक्टर को लेकर देशभर के आरटीओ रजिस्ट्रेशन के आधार पर हुए इस सर्वे में यह बात सामने आई थी कि छत्तीसगढ़ में सभी प्रकार के वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 13 फीसदी तक वृद्धि हुई है, जो कि देशभर के दूसरे राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. इस सर्वे के आधार पर अब इस साल भी यह माना जा रहा है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में छत्तीसगढ़ में और भी अधिक संभावनाएं बढ़ेंगीं.
छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं
वहीं अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 'राज्य सरकार की पॉलिसी से मंदी का असर छत्तीसगढ़ में खासकर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर नहीं दिखा है. अब इस पॉलिसी के साथ ऐसी कुछ योजनाओं को शामिल किया जाना चाहिए, जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर के बाजार पर बनी हुई रफ्तार और अधिक आगे बढ़े. साथ ही बाजार की अर्थव्यवस्था और सुदृढ़ हो सके.
ऑटोमोबाइल सेक्टर में और रफ्तार आने की उम्मीदें
बाजार के एक्सपर्ट और अर्थशास्त्रियों के सुझाव के आधार पर यह बात सामने आ रही है कि सरकार की अलग-अलग नीतियों का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर देखा गया है. किसानों को दिए जा रहे समर्थन मूल्य से ऑटोमोबाइल सेक्टर पर खासा प्रभाव पड़ा है. इस लिहाज से कृषि सेक्टर के उन्नत होने से ऑटोमोबाइल सेक्टर खुद-ब-खुद रफ्तार पकड़ लिया है, अब जरूरत है तो बाजार में और रफ्तार आने की.