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आत्मदाह की कोशिश करने वाले हरदेव की पत्नी ने कहा- 'मानसिक बीमार नहीं बेरोजगारी और सिस्टम से पीड़ित हैं'

बेरोजगारी और भुखमरी के कारण सोमवार को धमतरी के युवक हरदेव ने सीएम हाउस के सामने खुदकुशी करने की कोशिश की थी. इस बीच हरदेव के मानसिक रूप से बीमार होने की बात सामने आई थी , लेकिन परिवार का कहना है कि उसका मानसिक संतुलन बिल्कुल ठीक है. सरकार के इस बयान पर विपक्ष ने भी सवाल खड़े किए हैं. देखिए ये रिपोर्ट

hardev sinha family
हरदेव सिन्हा की पत्नी
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Published : Jul 1, 2020, 10:36 AM IST

Updated : Jul 1, 2020, 12:07 PM IST

धमतरी: एक बाप अपनी तमाम तकलीफों को बर्दाश्त कर सकता है, लेकिन बच्चे की भूख उसे अंदर तक झकझोर देती है. शायद इसी दर्द ने धमतरी के युवक को खुदकुशी करने पर मजबूर कर दिया होगा. जिसकी वजह से उसने सूबे के मुखिया के दरवाजे पर खुद को आग के हवाले कर दिया. मुख्यमंत्री के बंगले के सामने हुई इस घटना से जहां पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है. वहीं रिश्तेदार अभी भी सकते में हैं. अब सरकार से लेकर विपक्ष तक पीड़ित हरदेव के घर पहुंच हर संभव मदद का आश्वासन दे रहे हैं.

बेरोजगारी से पीड़ित है हरदेव ?

मामला 'धान के कटोरे' में बेरोजगारी और भुखमरी का बताया जा रहा है. दरअसल, खेती पर निर्भर इस परिवार का मुखिया हरदेव बीते कुछ वर्षों से रोजगार के लिए भटक रहा है. हरदेव पर गरीबी और बेरोजगारी की मार इतनी भयावह पड़ी कि बच्चों का पेट भरना भी उसके लिए दूभर हो गया. सोमवार को जब इस दर्द की इंतहा हो गई, उसने सूबे के मुखिया के सामने ही खुद मौत के हवाले करने के लिए सोच लिया. हालांकि वहां मौजूद लोगों ने उसे बचा लिया है.

'बीमार नहीं है हरदेव'

इस बीच खबरें आई कि हरदेव मानसिक रूप से बीमार है, लेकिन परिवार का कहना है कि उसका मानसिक संतुलन बिल्कुल ठीक है, वो सिस्टम और बेरोजगारी से पीड़ित है. हरदेव की पत्नी ने बताया, वो दो वक्त की रोटी के लिए परेशान है. घर में खाने को एक दाना तक नहीं है. हालांकि बीते कुछ दिनों से परिवार वालों से उधार का चावल लेकर अपना और अपने बच्चे का पेट पाल रहा था, लेकिन कोई काम न मिलने और बार-बार परिवार वालों से मांगकर खाते हुए वो भी परेशान हो गया था.

'सब ठीक हो जाएगा'

हरदेव की पत्नी बसंती ने ETV भारत से बात करते हुए बताया कि, लॉकडाउन से पहले उनका परिवार सुखी से जीवन यापन कर रहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण काम छूट गया और हरदेव की आर्थिक स्थिति बिगड़ते चली गई. बसंती ने बताया कि महीने भर पहले रोजगार गारंटी के तहत उसे 4 सप्ताह और हरदेव को 12 दिनों तक काम मिला था, लेकिन उस दौरान कमाए पैसे खत्म हो गए, जिसके बाद कुछ दिनों तक काम मिलने की आस में परिवार वालों से उधार लेकर काम चलाता रहा. जब काम मिलने की सभी उम्मीदें लगभग खत्म हो गई, तो उसने ऐसा कदम उठा लिया. बसंती ने बताया कि इस घटना के बाद सूबे के मुखिया ने उनसे बात करते हुए कहा है कि सब ठीक हो जाएगा और वे उनकी हर सहायता मदद करेंगे.

पढ़ें: मुख्यमंत्री ने हरदेव की पत्नी से की बात, हर संभव मदद का दिया आश्वासन

हर संभव मदद का आश्वासन

घटना के बाद जिले के सीईओ, जनपद और नायाब तहसीलदार सहित पुलिस की टीम ने परिजनों से मुलाकात की है. इसके बाद जनप्रतिनिधियों के साथ बीजेपी नेता भी बसंती से मिलने पहुंचे थे. घटना के दूसरे दिन कलेक्टर जेपी मौर्य ने भी परिवार से मुलाकात की और मदद का आश्वसन दिया है.

घटना की जांच के आदेश

धमतरी कलेक्टर जेपी मौर्य ने आत्मदाह की कोशिश के संबंध में दंडाधिकारी जांच के निर्देश दिए हैं. इसके लिए एसडीएम मनीष मिश्रा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है और 1 महीने के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.

होनी है घटना की जांच

  • घटना क्यों और किन परिस्थितियों में हुई ?
  • घटना से पहले हरदेव किन-किन व्यक्तियों से मिला था ?
  • क्या घटना का कारण पीछेसे किसी की उत्प्रेरणा तो नहीं थी ?
  • वह क्यों और किसके सहयोग से रायपुर गया जबकि बसों का परिचालन बंद है ?
  • इसके अलावा आत्मदाह के प्रयास के पूर्व इसकी लिखित सूचना क्या कार्यालय को दी गई थी ?
  • यदि उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था तो इलाज का प्रयास परिवार वालों ने क्यों नहीं किया ?
  • राशन कार्ड में नाम है या नहीं ?
  • क्या उन्हें पिछले दो माह में राशन दिया गया है या नहीं ?

पढ़ें: न घर में राशन और न जेब में पैसे, आर्थिक तौर पर परेशान होकर हरदेव ने की जान देने की कोशिश

29 जून को हरदेव लाल सिन्हा ने मुख्यमंत्री निवास के सामने खुद को आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया था. सीएम हाउस में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बचा लिया है और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल हरदेव का इलाज रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में जारी है.

धमतरी: एक बाप अपनी तमाम तकलीफों को बर्दाश्त कर सकता है, लेकिन बच्चे की भूख उसे अंदर तक झकझोर देती है. शायद इसी दर्द ने धमतरी के युवक को खुदकुशी करने पर मजबूर कर दिया होगा. जिसकी वजह से उसने सूबे के मुखिया के दरवाजे पर खुद को आग के हवाले कर दिया. मुख्यमंत्री के बंगले के सामने हुई इस घटना से जहां पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है. वहीं रिश्तेदार अभी भी सकते में हैं. अब सरकार से लेकर विपक्ष तक पीड़ित हरदेव के घर पहुंच हर संभव मदद का आश्वासन दे रहे हैं.

बेरोजगारी से पीड़ित है हरदेव ?

मामला 'धान के कटोरे' में बेरोजगारी और भुखमरी का बताया जा रहा है. दरअसल, खेती पर निर्भर इस परिवार का मुखिया हरदेव बीते कुछ वर्षों से रोजगार के लिए भटक रहा है. हरदेव पर गरीबी और बेरोजगारी की मार इतनी भयावह पड़ी कि बच्चों का पेट भरना भी उसके लिए दूभर हो गया. सोमवार को जब इस दर्द की इंतहा हो गई, उसने सूबे के मुखिया के सामने ही खुद मौत के हवाले करने के लिए सोच लिया. हालांकि वहां मौजूद लोगों ने उसे बचा लिया है.

'बीमार नहीं है हरदेव'

इस बीच खबरें आई कि हरदेव मानसिक रूप से बीमार है, लेकिन परिवार का कहना है कि उसका मानसिक संतुलन बिल्कुल ठीक है, वो सिस्टम और बेरोजगारी से पीड़ित है. हरदेव की पत्नी ने बताया, वो दो वक्त की रोटी के लिए परेशान है. घर में खाने को एक दाना तक नहीं है. हालांकि बीते कुछ दिनों से परिवार वालों से उधार का चावल लेकर अपना और अपने बच्चे का पेट पाल रहा था, लेकिन कोई काम न मिलने और बार-बार परिवार वालों से मांगकर खाते हुए वो भी परेशान हो गया था.

'सब ठीक हो जाएगा'

हरदेव की पत्नी बसंती ने ETV भारत से बात करते हुए बताया कि, लॉकडाउन से पहले उनका परिवार सुखी से जीवन यापन कर रहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण काम छूट गया और हरदेव की आर्थिक स्थिति बिगड़ते चली गई. बसंती ने बताया कि महीने भर पहले रोजगार गारंटी के तहत उसे 4 सप्ताह और हरदेव को 12 दिनों तक काम मिला था, लेकिन उस दौरान कमाए पैसे खत्म हो गए, जिसके बाद कुछ दिनों तक काम मिलने की आस में परिवार वालों से उधार लेकर काम चलाता रहा. जब काम मिलने की सभी उम्मीदें लगभग खत्म हो गई, तो उसने ऐसा कदम उठा लिया. बसंती ने बताया कि इस घटना के बाद सूबे के मुखिया ने उनसे बात करते हुए कहा है कि सब ठीक हो जाएगा और वे उनकी हर सहायता मदद करेंगे.

पढ़ें: मुख्यमंत्री ने हरदेव की पत्नी से की बात, हर संभव मदद का दिया आश्वासन

हर संभव मदद का आश्वासन

घटना के बाद जिले के सीईओ, जनपद और नायाब तहसीलदार सहित पुलिस की टीम ने परिजनों से मुलाकात की है. इसके बाद जनप्रतिनिधियों के साथ बीजेपी नेता भी बसंती से मिलने पहुंचे थे. घटना के दूसरे दिन कलेक्टर जेपी मौर्य ने भी परिवार से मुलाकात की और मदद का आश्वसन दिया है.

घटना की जांच के आदेश

धमतरी कलेक्टर जेपी मौर्य ने आत्मदाह की कोशिश के संबंध में दंडाधिकारी जांच के निर्देश दिए हैं. इसके लिए एसडीएम मनीष मिश्रा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है और 1 महीने के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.

होनी है घटना की जांच

  • घटना क्यों और किन परिस्थितियों में हुई ?
  • घटना से पहले हरदेव किन-किन व्यक्तियों से मिला था ?
  • क्या घटना का कारण पीछेसे किसी की उत्प्रेरणा तो नहीं थी ?
  • वह क्यों और किसके सहयोग से रायपुर गया जबकि बसों का परिचालन बंद है ?
  • इसके अलावा आत्मदाह के प्रयास के पूर्व इसकी लिखित सूचना क्या कार्यालय को दी गई थी ?
  • यदि उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था तो इलाज का प्रयास परिवार वालों ने क्यों नहीं किया ?
  • राशन कार्ड में नाम है या नहीं ?
  • क्या उन्हें पिछले दो माह में राशन दिया गया है या नहीं ?

पढ़ें: न घर में राशन और न जेब में पैसे, आर्थिक तौर पर परेशान होकर हरदेव ने की जान देने की कोशिश

29 जून को हरदेव लाल सिन्हा ने मुख्यमंत्री निवास के सामने खुद को आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया था. सीएम हाउस में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बचा लिया है और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल हरदेव का इलाज रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में जारी है.

Last Updated : Jul 1, 2020, 12:07 PM IST
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