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EXCLUSIVE : साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताये ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के उपाए

आज के डिजिटल युग में हैकर्स फर्जी लिंक बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे. साइबर हैकिंग कैसे क्या है और ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है, इस विषय पर ETV भारत ने साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से खास बातचीत की है.

cyber expert monali guha
मोनाली गुहा,साइबर एक्सपर्ट
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Published : Jun 24, 2020, 10:43 PM IST

रायपुर : लॉकडाउन के दौरान मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा है, जिसमें ज्यादातर स्टूडेंट्स है जो ऑनलाइन गेम सोशल मीडिया और इंटरनेट सर्फिंग का उपयोग करते हैं. इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से साइबर हैकिंग का खतरा काफी बढ़ जाता है. हैकर्स फर्जी लिंक बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे. साइबर हैकिंग कैसे, क्या है और ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है, इस विषय पर ETV भारत ने साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से खास बातचीत की है.

साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से खास बातचीत

साइबर सिक्योरिटी को लेकर मोनाली गुहा ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी साइबर एथिक्स आज के समय में बहुत ही अहम विषय है और यह आज के युवाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है. क्योंकि आज के युवा ज्यादातर अपना समय मोबाइल में ही व्यतीत करते हैं. ऑनलाइन गेम्स हो या इंटरनेट सर्फिंग या पढ़ाई के लिए युवा ज्यादातर इंटरनेट का उपयोग करते हैं. इस दौरान हम अपनी पर्सनल जानकारी इंटरनेट में डाल देते हैं जिस वजह से जो डाटा है वह सार्वजनिक हो जाता है. जिसके बाद कोई भी उसे इस्तेमाल कर सकता है.

पढ़ें-SPECIAL: कोरोना संकट के बीच बढ़ा IT का क्रेज, डिजिटल युग की ओर आज का 'भारत'!

मोनाली गुहा ने बताया कि अगर मोबाइल और लैपटॉप में एंटीवायरस नहीं डलवाया गया है तो सिस्टम से आपका डाटा लीक हो सकता है, कई लोग आपके डाटा का इस्तेमाल आपको ब्लैकमेल करने में भी यूज करते हैं. जिसे साइबर क्राइम कहा जाता है. इंडिया में मोबाइल एंटीवायरस के बारे में लोग बहुत कम जानते हैं.

इन चीजों का रखे ध्यान

साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से दूसरों की सहायता के लिए काफी लिंक्स निकाले गए थे, लेकिन कई ऐसे हैकर हैं जो कॉपी लिंक निकालकर लोगों को ठगी का शिकार भी बना रहे थे. लोगों को ऐसे लिंक्स से बचना चाहिए, इसका एक आसान उपाय है कि आप लिंक को खोलने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से पढ़ ले और जान ले. कई बार हैकर्स लिंक बनाते समय शुरुआती कुछ शब्द ओरिजिनल वेबसाइट की तरह इस्तेमाल करते हैं पर आखिरी डॉट्स के समय वह चेंज कर देते हैं. जिससे उनकी लिंक खुले और लोग ठगी का शिकार हो, किसी भी लिंक को खोलते समय इस चीज का बहुत ध्यान रखना चाहिए.

पर्सनल जानकारी शेयर करने से बचें

मोनाली गुहा ने बताया कि आज के दौर में हर युवा मोबाइल में एप्लीकेशन डाउनलोड करता है और एप्लीकेशन खुलने के लिए आने वाले सारे पॉपअप्स को एलॉउ करता जाता है, जो बाद में उन्हीं के लिए घातक साबित होते हैं. क्योंकि यह पॉपर्स आपके मोबाइल से पर्सनल जानकारी इस्तेमाल करने की इजाजत मानते हैं और आप अगर उसको ओके कर देते हैं तो वह आपके सारी जानकारी को इंटरनेट पर पब्लिक के लिए ओपन कर देता है. जिससे कई तरह के साइबर अपराध होते हैं. लोगों को इससे बचना चाहिए.

रायपुर : लॉकडाउन के दौरान मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा है, जिसमें ज्यादातर स्टूडेंट्स है जो ऑनलाइन गेम सोशल मीडिया और इंटरनेट सर्फिंग का उपयोग करते हैं. इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से साइबर हैकिंग का खतरा काफी बढ़ जाता है. हैकर्स फर्जी लिंक बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे. साइबर हैकिंग कैसे, क्या है और ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है, इस विषय पर ETV भारत ने साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से खास बातचीत की है.

साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से खास बातचीत

साइबर सिक्योरिटी को लेकर मोनाली गुहा ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी साइबर एथिक्स आज के समय में बहुत ही अहम विषय है और यह आज के युवाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है. क्योंकि आज के युवा ज्यादातर अपना समय मोबाइल में ही व्यतीत करते हैं. ऑनलाइन गेम्स हो या इंटरनेट सर्फिंग या पढ़ाई के लिए युवा ज्यादातर इंटरनेट का उपयोग करते हैं. इस दौरान हम अपनी पर्सनल जानकारी इंटरनेट में डाल देते हैं जिस वजह से जो डाटा है वह सार्वजनिक हो जाता है. जिसके बाद कोई भी उसे इस्तेमाल कर सकता है.

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मोनाली गुहा ने बताया कि अगर मोबाइल और लैपटॉप में एंटीवायरस नहीं डलवाया गया है तो सिस्टम से आपका डाटा लीक हो सकता है, कई लोग आपके डाटा का इस्तेमाल आपको ब्लैकमेल करने में भी यूज करते हैं. जिसे साइबर क्राइम कहा जाता है. इंडिया में मोबाइल एंटीवायरस के बारे में लोग बहुत कम जानते हैं.

इन चीजों का रखे ध्यान

साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से दूसरों की सहायता के लिए काफी लिंक्स निकाले गए थे, लेकिन कई ऐसे हैकर हैं जो कॉपी लिंक निकालकर लोगों को ठगी का शिकार भी बना रहे थे. लोगों को ऐसे लिंक्स से बचना चाहिए, इसका एक आसान उपाय है कि आप लिंक को खोलने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से पढ़ ले और जान ले. कई बार हैकर्स लिंक बनाते समय शुरुआती कुछ शब्द ओरिजिनल वेबसाइट की तरह इस्तेमाल करते हैं पर आखिरी डॉट्स के समय वह चेंज कर देते हैं. जिससे उनकी लिंक खुले और लोग ठगी का शिकार हो, किसी भी लिंक को खोलते समय इस चीज का बहुत ध्यान रखना चाहिए.

पर्सनल जानकारी शेयर करने से बचें

मोनाली गुहा ने बताया कि आज के दौर में हर युवा मोबाइल में एप्लीकेशन डाउनलोड करता है और एप्लीकेशन खुलने के लिए आने वाले सारे पॉपअप्स को एलॉउ करता जाता है, जो बाद में उन्हीं के लिए घातक साबित होते हैं. क्योंकि यह पॉपर्स आपके मोबाइल से पर्सनल जानकारी इस्तेमाल करने की इजाजत मानते हैं और आप अगर उसको ओके कर देते हैं तो वह आपके सारी जानकारी को इंटरनेट पर पब्लिक के लिए ओपन कर देता है. जिससे कई तरह के साइबर अपराध होते हैं. लोगों को इससे बचना चाहिए.

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