रायपुर : कोरोना से जंग में रायपुर एम्स ने शानदार कामयाबी हासिल की है. यहां कोरोना मरीज जितनी तेजी से ठीक हुए हैं, उतने देश के किसी अस्पताल में स्वस्थ नहीं हुए हैं. ETV भारत की टीम ने एम्स पहुंचकर जाना कि इस महामारी से निपटने के लिए क्या खास इंतजाम हैं. यहां कोरोना संक्रमित या संदिग्ध मरीज सबसे पहले कोविड हेल्प डेस्क पहुंचता है, जहां 24 घंटे स्टाफ मौजूद रहता है. ETV भारत की टीम ने एम्स अधीक्षक डॉ. करण पिपरे से बत की और यह भी समझने का प्रयास किया कि एम्स रायपुर में इस महामारी से निपटने के लिए किस तरह के इंतजाम किए गए हैं.
फिलहाल छत्तीसगढ़ के सभी एक्टिव पेशेंट का इलाज एम्स रायपुर में ही चल रहा है. यहां कोरोना से निपटने के लिए 35 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. इनमें हार्ट, फेफड़े, किडनी, ईएनटी और सांस से संबंधित रोगों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है. इसके अलावा 25 नर्सों को इस वार्ड में ड्यूटी पर रखा गया है. इन सभी मेडिकल स्टाफ को हर सात दिन में बदलकर क्वारेंटाइन कर दिया जाता है.
कोरोना से निपटने के लिए एम्स में फूलप्रूफ इंतजाम
मरीजों को दिक्कत न हो इसे देखते हुए सिर्फ कोरोना वार्ड के लिए 50 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आयुष की पूरी बिल्डिंग को कोविड-19 अस्पताल के रूप में डेवलप किया गया है. ETV भारत की टीम ने इस पूरे जोन की पड़ताल की तो पाया कि यहां विश्व स्तर की सुविधाएं मौजूद हैं.
यहां पर 500 मरीजों को एक साथ इलाज देने और 242 लोगों को आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था है.
- यहां इस्तेमाल किया जा रहे वेंटिलेटर मशीने एडवांस टेक्नोलॉजी वाली हैं.
- कोरोना मरीज के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का अलग से स्टॉक रखा गया है.
- यहां पर पीपीई किट्स भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं.
- एक हॉल में चार मरीजों के लिए बेड रखा गया है.
इससे अंदाजा लगाया जा सकता सकता हैं कि मरीज को कितने डिस्टेंस पर रखा जा रहा है. साथ ही हर मरीजों के लिए जरूरत के सभी सामान, दवाइयां आदि रखने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. इन इंतजामों की बदौलत ही एम्स रायपुर कोरोना महामारी से निपटने में कामयाब रहा है.