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EXCLUSIVE: 'छत्तीसगढ़ में हजारों लोग फर्जी जाति प्रमाण लेकर कर रहे सरकारी नौकरी'

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Published : Nov 2, 2020, 8:08 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 8:24 PM IST

छत्तीसगढ़ से पूर्व सांसद और सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक सोहन पोटाई ने अमित और ऋचा जोगी का नामांकन पत्र निरस्त किए जाने का समर्थन किया है. उन्होंने ये भी कहा कि सिर्फ राजनीतिक लाभ के चलते सर्व आदिवासी समाज को गुमराह भी ना किया जाए.

Special conversation with Sohan Potai
सोहन पोटाई से खास बातचीत

रायपुर: छत्तीसगढ़ से पूर्व सांसद और सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक सोहन पोटाई ने ETV भारत से खास बातचीत करते हुए कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है. अपनी बेबाकी के लिए मशहूर सोहन पोटाई हमेशा से ही सुर्खियों में रहे हैं. अब उन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरियों में बने हुए अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक सोहन पोटाई से खास बातचीत

सोहन पोटाई ने कहा है कि जोगी परिवार के अमित जोगी और ऋचा जोगी का प्रमाण पत्र निरस्त होने पर सर्व आदिवासी समाज में खुशी है और इसके लिए वे धन्यवाद भी देते हैं. उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए. जिस तरह से इस मामले में फैसला सुनाया गया है इसी तरह से सर्व आदिवासी समाज की मांगों पर भी सरकार विचार करे. 9 अगस्त 2019 को आदिवासी दिवस पर खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सर्व आदिवासी समाज को आश्वासन दिया था कि जितने भी लोग जो फर्जी आदिवासी प्रमाण पत्र लेकर नौकरी कर रहे हैं, ऐसे लोगों की जांच कर 1 महीने के अंदर उनको बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी. आज डेढ़ साल हो गए लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई है.

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'हजारों लोग फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कर रहे सरकारी नौकरी'

सोहन पोटाई के अनुसार केवल आदिवासी ही नहीं बल्कि ओबीसी वर्ग के लोग भी फर्जी रूप से प्रमाण पत्र लेकर नौकरी कर रहे हैं. हमारी लगातार मांग है कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए. लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया. जोगी जाति मामले में राजनीतिक दृष्टि से शीघ्रता के साथ कार्रवाई की गई है तो लगता है कि सरकार की सोच केवल राजनीतिक लाभ लेने की है. सरकार वाकई आदिवासी समाज का हित चाहती है तो हजारों लोग जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं, चाहे वह एससी वर्ग के हों, एसटी वर्ग के हों या ओबीसी वर्ग के हो, उन पर तत्परता के साथ निर्णय लेकर कार्रवाई करें. यहां तक की सरकारी नौकरी ही नहीं बल्कि आज राजनीतिक लाभ भी लोग उठा रहे हैं.

वर्षों से निर्णय नहीं आना ये भी जांच का विषय

सोहन पोटाई ने कहा कि खुद अजीत जोगी और उनके परिवार के लोग विधायक थे उसके बाद भी जाति प्रमाण पत्र पर वर्षों बाद भी निर्णय नहीं हो पाया है. यह निर्णय तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय ही हो जाना चाहिए था. इसे लेकर उच्च स्तरीय छानबीन समिति में फैसला पेंडिंग रहा है. उस सरकार में क्यों विलंब होता रहा है यह जांच का विषय रहा है. नई सरकार बनने के बाद भी लंबे समय से इस पर निर्णय नहीं हो पाया और अब एकाएक जाति प्रमाण पत्र पर फैसला करते हुए नामांकन निरस्त करना यह राजनीतिक स्वार्थ लगता है.

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सोहन पोटाई कहते हैं कि भूपेश सरकार सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ ना देखें बल्कि आदिवासी समाज का हित भी देखें. फर्जी जाति के आधार पर लोग लगातार काम कर रहे हैं और तरक्की भी पा रहे हैं. सरकार से आग्रह है कि ऐसे लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए.

भाजपा में गुटबाजी को लेकर साधा निशाना

आदिवासी नेता सोहन पोटाई ने भारतीय जनता पार्टी के भीतर भी चल रही गुटबाजी को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी जोगी जाति प्रमाण पत्र सरकार पर टिप्पणी कर रही है तो वह अपनी नाकामी छुपा रही है. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ आदिवासी नेता और एसटीएससी आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय की ओर से इस फैसले की तारीफ हुई है.

सर्व आदिवासी समाज को गुमराह ना किया जाए

सोहन पोटाई ने कहा कि नंदकुमार साय जी इस फैसले की तारीफ कर रहे हैं. तो वह बिल्कुल सही है, आदिवासी समाज भी उनके साथ है. नंदकुमार साय सालों से जोगी जाति मामले को लेकर लड़ते रहे हैं. उन्हें इसके चलते कई तरह की दिक्कतें भी झेलनी पड़ी है. अब यह फैसला आया है तो यह सर्व आदिवासी समाज के हित के लिए ही है. लेकिन सोहन पोटाई ने एक बात साफ कही है कि, केवल राजनीतिक लाभ के चलते सर्व आदिवासी समाज को गुमराह ना किया जाए.

रायपुर: छत्तीसगढ़ से पूर्व सांसद और सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक सोहन पोटाई ने ETV भारत से खास बातचीत करते हुए कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है. अपनी बेबाकी के लिए मशहूर सोहन पोटाई हमेशा से ही सुर्खियों में रहे हैं. अब उन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरियों में बने हुए अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक सोहन पोटाई से खास बातचीत

सोहन पोटाई ने कहा है कि जोगी परिवार के अमित जोगी और ऋचा जोगी का प्रमाण पत्र निरस्त होने पर सर्व आदिवासी समाज में खुशी है और इसके लिए वे धन्यवाद भी देते हैं. उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए. जिस तरह से इस मामले में फैसला सुनाया गया है इसी तरह से सर्व आदिवासी समाज की मांगों पर भी सरकार विचार करे. 9 अगस्त 2019 को आदिवासी दिवस पर खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सर्व आदिवासी समाज को आश्वासन दिया था कि जितने भी लोग जो फर्जी आदिवासी प्रमाण पत्र लेकर नौकरी कर रहे हैं, ऐसे लोगों की जांच कर 1 महीने के अंदर उनको बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी. आज डेढ़ साल हो गए लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई है.

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'हजारों लोग फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कर रहे सरकारी नौकरी'

सोहन पोटाई के अनुसार केवल आदिवासी ही नहीं बल्कि ओबीसी वर्ग के लोग भी फर्जी रूप से प्रमाण पत्र लेकर नौकरी कर रहे हैं. हमारी लगातार मांग है कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए. लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया. जोगी जाति मामले में राजनीतिक दृष्टि से शीघ्रता के साथ कार्रवाई की गई है तो लगता है कि सरकार की सोच केवल राजनीतिक लाभ लेने की है. सरकार वाकई आदिवासी समाज का हित चाहती है तो हजारों लोग जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं, चाहे वह एससी वर्ग के हों, एसटी वर्ग के हों या ओबीसी वर्ग के हो, उन पर तत्परता के साथ निर्णय लेकर कार्रवाई करें. यहां तक की सरकारी नौकरी ही नहीं बल्कि आज राजनीतिक लाभ भी लोग उठा रहे हैं.

वर्षों से निर्णय नहीं आना ये भी जांच का विषय

सोहन पोटाई ने कहा कि खुद अजीत जोगी और उनके परिवार के लोग विधायक थे उसके बाद भी जाति प्रमाण पत्र पर वर्षों बाद भी निर्णय नहीं हो पाया है. यह निर्णय तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय ही हो जाना चाहिए था. इसे लेकर उच्च स्तरीय छानबीन समिति में फैसला पेंडिंग रहा है. उस सरकार में क्यों विलंब होता रहा है यह जांच का विषय रहा है. नई सरकार बनने के बाद भी लंबे समय से इस पर निर्णय नहीं हो पाया और अब एकाएक जाति प्रमाण पत्र पर फैसला करते हुए नामांकन निरस्त करना यह राजनीतिक स्वार्थ लगता है.

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सोहन पोटाई कहते हैं कि भूपेश सरकार सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ ना देखें बल्कि आदिवासी समाज का हित भी देखें. फर्जी जाति के आधार पर लोग लगातार काम कर रहे हैं और तरक्की भी पा रहे हैं. सरकार से आग्रह है कि ऐसे लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए.

भाजपा में गुटबाजी को लेकर साधा निशाना

आदिवासी नेता सोहन पोटाई ने भारतीय जनता पार्टी के भीतर भी चल रही गुटबाजी को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी जोगी जाति प्रमाण पत्र सरकार पर टिप्पणी कर रही है तो वह अपनी नाकामी छुपा रही है. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ आदिवासी नेता और एसटीएससी आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय की ओर से इस फैसले की तारीफ हुई है.

सर्व आदिवासी समाज को गुमराह ना किया जाए

सोहन पोटाई ने कहा कि नंदकुमार साय जी इस फैसले की तारीफ कर रहे हैं. तो वह बिल्कुल सही है, आदिवासी समाज भी उनके साथ है. नंदकुमार साय सालों से जोगी जाति मामले को लेकर लड़ते रहे हैं. उन्हें इसके चलते कई तरह की दिक्कतें भी झेलनी पड़ी है. अब यह फैसला आया है तो यह सर्व आदिवासी समाज के हित के लिए ही है. लेकिन सोहन पोटाई ने एक बात साफ कही है कि, केवल राजनीतिक लाभ के चलते सर्व आदिवासी समाज को गुमराह ना किया जाए.

Last Updated : Nov 2, 2020, 8:24 PM IST
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