रायपुर: कामदा एकादशी सभी एकादशियों में खास मानी गई है. प्रत्येक शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एकादशी पड़ती है. एक माह में 2 एकादशी पड़ती है. एक साल में 26 एकादशी होती है. एकादशी व्रत सनातन परंपरा में शुरू से ही महत्वपूर्ण है. इस शुभ दिन लक्ष्मी नारायण और भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. इस व्रत संकल्प को आगे बढ़ाते हुए पूरे दिन भगवान विष्णु की भक्ति आराधना और साधना में लीन रहना चाहिए.
इस मंत्र का पाठ उत्तम: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:, इस महामंत्र का पाठ करना उत्तम माना गया है. यह महामंत्र एकादशी के दिन पढ़ने से समस्त कामनाएं पूर्ण होती हैं. कामदा एकादशी मनोरथ पूर्ण करने वाली एकादशी मानी जाती है. इस एकादशी में उपवास करने पर ब्रह्म हत्या का दोष खत्म होता है. सभी पापों से मुक्ति मिलती है. साथ ही यह एकादशी मनोरथों को पूर्ण करने वाली होती है. इस दिन किया गया दान, तप, ध्यान, योग, पूजा, यज्ञ सिद्ध होता है. यह एकादशी 1 अप्रैल 2023 अश्लेषा नक्षत्र शनिवार धृति योग और विश्कुंभकरण के सुंदर संयोग में मनाई जाएगी. इस दिन मध्य रात्रि काल में भद्रा प्रवेश भी होगा और निवृत भी हो जाएगा."
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बन रहे शुभ संयोग: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि " इस दिन रवि योग का सुंदर संयोग बन रहा है. इस दिन कर्णवेध, पुंसवन, सीमंत, गर्भाधान आदि संस्कार करना शुभ माना गया है. कामदा एकादशी व्रत वैष्णव और गृहस्थों दोनों के द्वारा ही 1 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस दिन व्रत के साथ विष्णु सहस्त्रनाम, राम रक्षा स्त्रोत, विष्णु चालीसा, विष्णु जी की आरती और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना शुभ माना जाता है.
इसके अलावा कामदा एकादशी के दिन, रामचरितमानस का भी अध्ययन करना शुभ माना गया है. एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु को याद करते हुए. उनके अवतार रामचंद्र जी की भी पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है. इसके साथ ही शनिवार का सुखद संयोग होने की वजह से हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान अष्टक, सुंदरकांड आदि के पाठ से भी समस्त दोष दूर हो जाते हैं."
इस दिन सात्विक भोजन करें: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "कामदा एकादशी के दिन जरूरतमंदों, गरीबों दिव्यांगों, रोगियों और पीड़ितों की सेवा करना कल्याणकारी माना जाता है. इस दिन किया गया दान फलीभूत होता है. एकादशी के शुभ दिन ज्यादा से ज्यादा दान आदि का प्रयास करना चाहिए. कामदा एकादशी व्रत करते समय पीले वस्त्र पहनना शुभ होता है. इस शुभ दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. सभी तरह की तामसिकता से दूर रहना चाहिए. व्यर्थ के विवाद, लड़ाई झगड़े से बचना चाहिए. इस व्रत का पारण 2 अप्रैल को रविवार के दिन किया जाएगा. संपूर्ण भारतवर्ष में पिंगल नामक नूतन संवत्सर की प्रथम एकादशी 1 अप्रैल शनिवार को मनाई जाएगी."