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रायपुर: सफाईकर्मियों का छलका दर्द

अपनी जान जोखिम में डालकर शहर को साफ रखने वाले सफाईकर्मियों से ETV भारत की टीम ने खास बातचीत की है. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Jun 5, 2020, 9:51 AM IST

Conversation with scavengers at raipur
सफाईकर्मियों का छलका दर्द

रायपुर: लॉकडाउन के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर शहर को स्वच्छ रखने और गंदगियों को साफ करने का काम सफाईकर्मियों ने बखूबी निभाया है. लॉकडाउन के दौरान जहां एक ओर सारे कामों पर ताला लगा था, तो वहीं इन सफाई मित्रों ने लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए गली-मोहल्लों में जा-जाकर सैनिटाइजर का छिड़काव किया. ETV भारत ने इन कोरोना वॉरियर्स से खास बातचीत की है.

सफाईकर्मियों का छलका दर्द

बातचीत के दौरान सफाईकर्मियों ने बताया कि एक तरफ जहां दुनिया बंद थी, जान का खतरा था, वैसे वक्त में भी उनका काम नहीं रुका. सभी लोगों ने साफ-सफाई की और अपनी जिम्मेदारी निभाई. उन्होंने बताया कि उनके परिवार वाले भी डरते थे, लेकिन परिवार को पालना भी था, इसलिए वे लगातार काम करते रहे.

सफाईकर्मियों से बातचीत पार्ट-2

सफाई कर्मचारियों का दर्द छलका

बातचीत में सफाई कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें मासिक वेतन 5 हजार से 6000 रुपए मिलता है, जिसमें परिवार चलाना भी मुश्किल होता है. वहीं नगर निगम ने सुरक्षा के भी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं. इसके बावजूद सफाईकर्मी अपनी जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं.

पढ़ें-डर डॉक्टर को भी और मरीजों को भी, सिर्फ सीरियस पेशेंट ही देख रहे हैं डेंटिस्ट

'नहीं मिला बोनस'

ज्यादातर सफाईकर्मी ठेकेदारों के अधीनस्थ हैं, जिनमें से अधिकतर कर्मचारियों का शोषण करते हैं. ठेकेदारों ने भी सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं. उन्होंने बताया कि महापौर ने लॉकडाउन के दौरान काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को बोनस देने की बात कही थी, लेकिन अब तक बोनस भी नहीं मिला है.

रायपुर: लॉकडाउन के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर शहर को स्वच्छ रखने और गंदगियों को साफ करने का काम सफाईकर्मियों ने बखूबी निभाया है. लॉकडाउन के दौरान जहां एक ओर सारे कामों पर ताला लगा था, तो वहीं इन सफाई मित्रों ने लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए गली-मोहल्लों में जा-जाकर सैनिटाइजर का छिड़काव किया. ETV भारत ने इन कोरोना वॉरियर्स से खास बातचीत की है.

सफाईकर्मियों का छलका दर्द

बातचीत के दौरान सफाईकर्मियों ने बताया कि एक तरफ जहां दुनिया बंद थी, जान का खतरा था, वैसे वक्त में भी उनका काम नहीं रुका. सभी लोगों ने साफ-सफाई की और अपनी जिम्मेदारी निभाई. उन्होंने बताया कि उनके परिवार वाले भी डरते थे, लेकिन परिवार को पालना भी था, इसलिए वे लगातार काम करते रहे.

सफाईकर्मियों से बातचीत पार्ट-2

सफाई कर्मचारियों का दर्द छलका

बातचीत में सफाई कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें मासिक वेतन 5 हजार से 6000 रुपए मिलता है, जिसमें परिवार चलाना भी मुश्किल होता है. वहीं नगर निगम ने सुरक्षा के भी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं. इसके बावजूद सफाईकर्मी अपनी जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं.

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'नहीं मिला बोनस'

ज्यादातर सफाईकर्मी ठेकेदारों के अधीनस्थ हैं, जिनमें से अधिकतर कर्मचारियों का शोषण करते हैं. ठेकेदारों ने भी सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं. उन्होंने बताया कि महापौर ने लॉकडाउन के दौरान काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को बोनस देने की बात कही थी, लेकिन अब तक बोनस भी नहीं मिला है.

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