रायपुर: रायपुर रेलवे की तरफ से मकानों को तोड़ने के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. ईटीवी भारत ने रेलवे की तरफ से कार्रवाई के बाद प्रभावित लोगों की आवाज सरकार तक पहुंचाई थी. इस खबर के बाद रायपुर महापौर एजाज ढेबर और क्षेत्रीय विधायक कुलदीप जुनेजा ने रायपुर के डीआरएम से मुलाकात की है. इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने रेलवे लाइन के दोहरीकरण को तत्काल प्रभाव से रोकने और विस्थापितों के लिए समय सीमा के साथ मुआवजे की मांग की है.
मुआवजे को लेकर दिया आश्वासन
इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि अब तक 270 मकान तोड़े जा चुके हैं. जिस पर मुआवजे की राशि भी तय की जाए. महापौर ने कहा कि, हमारे द्वारा रेलवे लाइन का विरोध नहीं किया जा रहा है. हमारी मांग सिर्फ इतनी है अभी 10वीं और 12वीं के बच्चों के बोर्ड एग्जाम चल रहे हैं. बहुत से ऐसे बच्चे हैं, जो वहां रहते हैं. मार्च तक उनकी परीक्षाएं हैं. तब तक किसी प्रकार की तोड़-फोड़ ना की जाए. इसके साथ ही इनके व्यवस्थापन के लिए समय की भी मांग की जाएगी. साथ ही डीआरएम से भी चर्चा की गई है. उन्होंने भी अभी तोड़फोड़ न करने का आश्वासन दिया है.
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'विस्थापितों की समस्या के लिए सीएम भूपेश बघेल से करेंगे मुलाकात'
आगे महापौर ने बताया कि मोर मकान मोर चिन्हारी स्कीम के तहत झुग्गी, झोपड़ी और किराए में रहने वाले लोगों को मकान दिया जा रहा है. इस मकान की कीमत 3,25000 रूपये है. अगर किसी को मकान आवंटित किया जा रहा है तो उसको 30 फीसद यानी कि 97 हजार रुपए शुरूआत में देना पड़ता है. लेकिन जो लोग वहां रहते हैं. वह इतना रुपए भी एक साथ देने के लिए सक्षम नहीं हैं. इस सिलसिले में हम मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और कोशिश करेंगे जो 30 फीसद राशि देनी है, उसे किस्तों में लिया जाए. इस तरह से व्यवस्थापन किया जाएगा. महापौर ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री से इस संबंध में मुलाकात की जाएगी.