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ENGINEERS DAY 2021 : डॉ. विश्वेश्वरैया को याद करने का दिन है अभियंता दिवस, हैदराबाद को बसाने को तैयार की थी बाढ़ सुरक्षा प्रणाली

15 सितंबर को अभियंता दिवस मनाया जाएगा. अभियंता दिवस महान अभियंता और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मदिन पर मनाया जाता है. विश्वेश्वरैया ने आधुनिक भारत की रचना की और देश को एक नया स्वरूप दिया.

अभियंता दिवस
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Published : Sep 15, 2021, 6:01 AM IST

रायपुर : भारत में हर साल 15 सितंबर को अभियंता दिवस (engineers day)के रूप में मनाया जाता है. दरअसल, इसी दिन भारत के महान अभियंता (great engineer) और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Bharat Ratna Mokshagundam Visvesvaraya) का जन्मदिन है. वह भारत के महान इंजीनियरों में से एक थे. उन्होंने ही आधुनिक भारत की रचना की और देश को एक नया स्वरूप दिया. उन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है. देशभर में बने कई नदियों के बांध और पुल (dams and bridges of rivers)को कामयाब बनाने के पीछे विश्वेश्वरैया का बहुत बड़ा योगदान है. उन्हीं की वजह से देश में पानी की समस्या दूर हुई थी. आइये जानते हैं विश्वेश्वरैया के बारे में और उनके ही जन्मदिन पर आखिर क्यों मनाया जाता है अभियंता दिवस.

अभियंता दिवस का इतिहास

दरअसल, 15 सितंबर 1860 को विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले में हुआ था. भारत सरकार की ओर से साल 1968 में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जन्मतिथि को 'अभियंता दिवस' घोषित किया गया था. उसके बाद से हर साल 15 सितंबर को अभियंता दिवस मनाया जाता है. एक इंजीनियर के रूप में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने देश में कई बांध बनवाए हैं, जिनमें मैसूर में कृष्णराज सागर बांध, पुणे के खड़कवासला जलाशय पर बांध और ग्वालियर में तिगरा बांध आदि महत्वपूर्ण हैं. सिर्फ यही नहीं, हैदराबाद सिटी को बनाने का पूरा श्रेय डॉ. विश्वेश्वरैया को ही जाता है.

उन्होंने हैदराबाद में एक बाढ़ सुरक्षा प्रणाली तैयार की थी, जिसके बाद पूरे भारत में उनका नाम विख्यात हो गया था. उन्होंने समुद्र कटाव से विशाखापत्तनम बंदरगाह की सुरक्षा के लिए भी एक प्रणाली विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. विश्वेश्वरैया को मॉडर्न मैसूर स्टेट का पिता भी कहा जाता था. उन्होंने मैसूर सरकार के साथ मिलकर कई फैक्ट्रियों और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना कराई थी. इनमें मैसूर साबुन फैक्ट्री, मैसूर आयरन एंड स्टील फैक्ट्री, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, मैसूर चैम्बर ऑफ कॉमर्स और विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग प्रमुख रूप से शामिल हैं.

भारत के अलावा इन देशों में भी मनाया जाता है अभियंता दिवस

अभियंता दिवस सिर्फ भारत में ही नहीं मनाया जाता, बल्कि कई अन्य देशों में भी यह उत्साह के साथ मनाया जाता है. अर्जेंटीना में 16 जून को, बांग्लादेश में सात मई को, इटली में 15 जून को, तुर्की में पांच दिसंबर को, ईरान में 24 फरवरी को, बेल्जियम में 20 मार्च को और रोमानिया में 14 सितंबर को अभियंता दिवस मनाया जाता है. दरअसल, यह दिवस दुनियाभर के इंजीनियरों को प्रोत्साहित करने और उनमें नई ऊर्जा के संचार के लिए मनाया जाता है, ताकि वो देश-दुनिया को अपने हुनर की बदौलत तरक्की की नई राह पर ले जाएं.

रायपुर : भारत में हर साल 15 सितंबर को अभियंता दिवस (engineers day)के रूप में मनाया जाता है. दरअसल, इसी दिन भारत के महान अभियंता (great engineer) और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Bharat Ratna Mokshagundam Visvesvaraya) का जन्मदिन है. वह भारत के महान इंजीनियरों में से एक थे. उन्होंने ही आधुनिक भारत की रचना की और देश को एक नया स्वरूप दिया. उन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है. देशभर में बने कई नदियों के बांध और पुल (dams and bridges of rivers)को कामयाब बनाने के पीछे विश्वेश्वरैया का बहुत बड़ा योगदान है. उन्हीं की वजह से देश में पानी की समस्या दूर हुई थी. आइये जानते हैं विश्वेश्वरैया के बारे में और उनके ही जन्मदिन पर आखिर क्यों मनाया जाता है अभियंता दिवस.

अभियंता दिवस का इतिहास

दरअसल, 15 सितंबर 1860 को विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले में हुआ था. भारत सरकार की ओर से साल 1968 में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जन्मतिथि को 'अभियंता दिवस' घोषित किया गया था. उसके बाद से हर साल 15 सितंबर को अभियंता दिवस मनाया जाता है. एक इंजीनियर के रूप में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने देश में कई बांध बनवाए हैं, जिनमें मैसूर में कृष्णराज सागर बांध, पुणे के खड़कवासला जलाशय पर बांध और ग्वालियर में तिगरा बांध आदि महत्वपूर्ण हैं. सिर्फ यही नहीं, हैदराबाद सिटी को बनाने का पूरा श्रेय डॉ. विश्वेश्वरैया को ही जाता है.

उन्होंने हैदराबाद में एक बाढ़ सुरक्षा प्रणाली तैयार की थी, जिसके बाद पूरे भारत में उनका नाम विख्यात हो गया था. उन्होंने समुद्र कटाव से विशाखापत्तनम बंदरगाह की सुरक्षा के लिए भी एक प्रणाली विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. विश्वेश्वरैया को मॉडर्न मैसूर स्टेट का पिता भी कहा जाता था. उन्होंने मैसूर सरकार के साथ मिलकर कई फैक्ट्रियों और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना कराई थी. इनमें मैसूर साबुन फैक्ट्री, मैसूर आयरन एंड स्टील फैक्ट्री, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, मैसूर चैम्बर ऑफ कॉमर्स और विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग प्रमुख रूप से शामिल हैं.

भारत के अलावा इन देशों में भी मनाया जाता है अभियंता दिवस

अभियंता दिवस सिर्फ भारत में ही नहीं मनाया जाता, बल्कि कई अन्य देशों में भी यह उत्साह के साथ मनाया जाता है. अर्जेंटीना में 16 जून को, बांग्लादेश में सात मई को, इटली में 15 जून को, तुर्की में पांच दिसंबर को, ईरान में 24 फरवरी को, बेल्जियम में 20 मार्च को और रोमानिया में 14 सितंबर को अभियंता दिवस मनाया जाता है. दरअसल, यह दिवस दुनियाभर के इंजीनियरों को प्रोत्साहित करने और उनमें नई ऊर्जा के संचार के लिए मनाया जाता है, ताकि वो देश-दुनिया को अपने हुनर की बदौलत तरक्की की नई राह पर ले जाएं.

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