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सफाई कर्मचारी महासंघ ने निकाली विशाल जनसभा और ध्यानाकर्षण रैली - Raipur employees

राजधानी के बूढ़ातालाब में प्रदेश स्तर पर सफाई कर्मचारी ने विशाल जनसभा और ध्यानाकर्षण रैली निकाली.

ध्यानाकर्षण रैली निकाली
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Published : Sep 22, 2019, 12:01 AM IST

Updated : Sep 22, 2019, 2:58 AM IST

रायपुर: राजधानी के बूढ़ा तालाब में प्रदेश स्तर पर सफाई कर्मचारी महासंघ ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर विशाल जनसभा और ध्यानाकर्षण रैली निकाली.

इस रैली में प्रदेश भर के लगभग 2000 सफाई कर्मियों ने हिस्सा लिया और जोरदार प्रदर्शन भी किया रैली निकालने के बाद सफाई कर्मचारी महासंघ ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा.

महारैली

वहीं सफाई कर्मचारी महासंघ का कहना है
⦁ पिछले कई साल से सफाई कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, साल 2014 के बाद सफाई कर्मचारियों को नियमित पद भी समाप्त कर दिया गया और उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति भी नहीं दी गई है.
⦁ प्लेसमेंट एजेंसी और ठेकेदारों के माध्यम से इन सफाई कर्मचारियों से सफाई करवाई जा रही है फैक्ट्रियों में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का पालन किया जाता है.
⦁ जो नियम है उस नियम के तहत इन मजदूरों को रोजी दी जाती है, लेकिन सरकार और ठेकेदार के अधीन काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को काम तो कराया जाता है लेकिन इन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पाती और ना ही न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का पालन होता है.
⦁ इन सफाई कर्मचारियों से महीने में पूरे 30 दिन काम लिया जाता है जबकि सप्ताह में एक दिन अवकाश होना चाहिए इस तरह से सफाई कर्मचारी कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं.

रायपुर: राजधानी के बूढ़ा तालाब में प्रदेश स्तर पर सफाई कर्मचारी महासंघ ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर विशाल जनसभा और ध्यानाकर्षण रैली निकाली.

इस रैली में प्रदेश भर के लगभग 2000 सफाई कर्मियों ने हिस्सा लिया और जोरदार प्रदर्शन भी किया रैली निकालने के बाद सफाई कर्मचारी महासंघ ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा.

महारैली

वहीं सफाई कर्मचारी महासंघ का कहना है
⦁ पिछले कई साल से सफाई कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, साल 2014 के बाद सफाई कर्मचारियों को नियमित पद भी समाप्त कर दिया गया और उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति भी नहीं दी गई है.
⦁ प्लेसमेंट एजेंसी और ठेकेदारों के माध्यम से इन सफाई कर्मचारियों से सफाई करवाई जा रही है फैक्ट्रियों में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का पालन किया जाता है.
⦁ जो नियम है उस नियम के तहत इन मजदूरों को रोजी दी जाती है, लेकिन सरकार और ठेकेदार के अधीन काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को काम तो कराया जाता है लेकिन इन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पाती और ना ही न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का पालन होता है.
⦁ इन सफाई कर्मचारियों से महीने में पूरे 30 दिन काम लिया जाता है जबकि सप्ताह में एक दिन अवकाश होना चाहिए इस तरह से सफाई कर्मचारी कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं.

Intro:रायपुर राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब में प्रदेश स्तर पर सफाई कर्मचारी महासंघ ने आज अपनी 9 सूत्री मांग को लेकर विशाल जनसभा और ध्यानाकर्षण रैली निकाली इस रैली में प्रदेश भर के लगभग 2000 सफाई कर्मियों ने हिस्सा लिया और जोरदार प्रदर्शन भी किया रैली निकालने के बाद सफाई कर्मचारी महासंघ ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा


Body:सफाई कर्मचारी महासंघ का कहना है कि विगत कई वर्षों से सफाई कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे वर्ष 2014 के बाद सफाई कर्मचारियों को नियमित पद भी समाप्त कर दिया गया और उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति भी नहीं दी गई है प्लेसमेंट एजेंसी और ठेकेदारों के माध्यम से इन सफाई कर्मचारियों से सफाई करवाई जा रही है फैक्ट्रियों में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का पालन किया जाता है और जो नियम है उस नियम के तहत इन मजदूरों को रोजी दी जाती है लेकिन सरकार और ठेकेदार के अधीन काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को काम तो कराया जाता है लेकिन इन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पाती और ना ही न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का पालन होता है


Conclusion:इन सफाई कर्मचारियों से महीने में पूरे 30 दिन काम लिया जाता है जबकि सप्ताह में 1 दिन अवकाश होना चाहिए इस तरह से सफाई कर्मचारी कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं इन्हीं समस्याओं को सरकार को याद दिलाने के लिए आज सफाई कर्मचारी महासंघ द्वारा विशाल जनसभा और ध्यानाकर्षण रैली का आयोजन किया गया जिससे सरकार इन सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत मजदूरी दे सफाई कर्मचारियों को प्राप्त होने वाली न्यूनतम मजदूरी अधिनियम इपीएफ कानून ईएसआईसी कानून प्रसूति सुविधा अधिनियम हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों का नियोजन का प्रतिषेध तथा उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 व छत्तीसगढ़ नियम 2014 का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है और हजारों की संख्या में सफाई कर्मचारियों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है ।


बाइट जन्मेजय सोना राष्ट्रीय महासचिव भारतीय सफाई कर्मचारी महासंघ



रितेश तंबोली ईटीवी भारत रायपुर
Last Updated : Sep 22, 2019, 2:58 AM IST
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