रायपुर: जमीन पर अवैध कब्जा हटाने की मांग को लेकर श्याम राव शिरके आमरण अनशन पर बैठे थे. 16 फरवरी से उन्होंने अनशन शुरू किया है. 17 फरवरी को इसकी जानकारी जिला और पुलिस प्रशासन को मिली. मामले पर प्रशासन ने संज्ञान लिया. उन्होंने आश्वासन दिया कि कोरबा एसडीएम और तहसीलदार से बात कर मामला सुलझा दिया जाएगा. जिसके बाद पीड़ित श्याम राव अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालियों और नालों से निकलने वाले गैस के जरिए चाय बनाने वाले एक व्यक्ति का जिक्र किया था. बता दें ऐसा आविष्कार करने वाले श्याम राव शिरके रायपुर में रहते हैं. राजधानी से लगभग 200 किलोमीटर दूर औद्योगिक नगरी कोरबा में स्थित उनकी जमीन पर पिछले 8 सालों से कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है. इसे वापस पाने के लिए अधिकारी और मंत्रियों के चक्कर भी लगा चुके हैं, फिर भी समस्या हल नहीं हुई.
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पीड़ित श्याम राव ने बताया कि लगभग 2600 स्क्वायर फीट जमीन कोरबा में चिमनी भट्ठा के पास है. यह जमीन उन्होंने 1985 में खरीदी थी. जब वह कोरबा में रहते थे. श्याम राव शिरके ने बताया कि लगभग 8 साल पहले राकेश विश्वकर्मा नाम के व्यक्ति ने वहां उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है. मामले की शिकायत भू राजस्व अधिकारियों से लेकर वहां के कलेक्टर और तत्कालीन विधायक समेत मंत्री जयसिंह अग्रवाल से कर चुके हैं. लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली है.
अतिक्रमण का मामला पहुंचा हाईकोर्ट
पीड़ित ने बताया कि वे 2 साल पहले हाईकोर्ट भी गए थे. वहां एसडीएम को बुलाया गया लेकिन अधिकारी कोर्ट नहीं पहुंचे. उसके बाद क्या हुआ उन्हें कुछ भी पता नहीं है. उनका कहना है कि उनकी जमीन भू-माफियाओं के कब्जे में है. इसे छुड़ाने की हर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कहीं से भी उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है.
नाली के पानी से इंधन बनाया
पीड़ित श्याम राव शिरके के सहयोगी अनिल चौरे बताते हैं कि शहर के श्याम राव शिरके और उनके सहयोगी ने गंदे नाले में बहते हुए पानी से निकलने वाली मीथेन गैस का इस्तेमाल इंधन के रूप में करने की अनूठी खोज की है. पीड़ित श्याम राव का दावा है कि उनकी इस खोज से ईंधन गैस की बचत की जा सकती है. लोगों को बदबू से भी निजात मिल सकेगी.