रायपुर : छत्तीसगढ़ में 20 अप्रैल से मौसम का मिजाज बदल गया है. मौसम का मिजाज बदलने से कभी धूप, कभी छांव, कभी बदली बारिश ओलावृष्टि और अंधड़ चल रहा है. बेमौसम बारिश कुछ फसलों के लिए फायदेमंद है.लेकिन कुछ फसलों के लिए नुकसानदायक भी है. गर्मी के दिनों में ग्रीष्मकालीन फसलों में आम की फसल के साथ ही मूंग की फसल को बेमौसम बारिश की वजह से नुकसान हुआ है.
मौसम का फसलों पर असर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू ने बताया कि "छत्तीसगढ़ में अप्रैल के आखिरी सप्ताह से मौसम का मिजाज बदलने के कारण बेमौसम बारिश से मिट्टी की नमी के लिए काफी फायदेमंद है. जिन किसानों को वर्षा ऋतु की फसल की तैयारी करनी है, उनके लिए बेमौसम बारिश नुकसान के बजाए फायदेमंद है. जो जमीन कठोर और भारी हो गई थी, उसमें नमी आ गई है. ऐसे में नमी युक्त भूमि में आसानी से हल चलाने के साथ ही मिट्टी की तैयारी के साथ ही गड्ढों की अच्छे से तैयारी की जा सकती है. ग्रीष्म ऋतु के कुछ फसलों की बात करें तो आम की फसल मैच्योर होने के साथ ही बाल आम अंधड़ और बारिश की वजह से बेकार हुई है. इसके साथ ही जो किसान ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल लगाते हैं, उनकी फसल को भी नुकसान हुआ है."
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किन फसलों को हुआ लाभ : बेमौसम बारिश के कारण नारवर्गीय फसल को लाभ हुआ है. वर्षा ऋतु की फसल की तैयारी में जो किसान लगे हुए हैं, उनके लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है. इसके साथ ही नार वर्गीय फसल लौकी, तुरई, बरबटी और करेला जैसी फसलों के लिए बेमौसम बारिश फायदेमंद साबित हुई है.बेमौसम बारिश किसी वरदान से कम नहीं है. बेमौसम बारिश का असर नये उद्यानों पर भी देखने को मिला है.