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solar eclipse 2023 : क्यों गर्भवती महिलाएं ना देखें सूर्य ग्रहण

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Published : Apr 20, 2023, 4:09 PM IST

साल 2023 में चार ग्रहण पड़ेंगे. दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण. सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगेगा. यह एक हाईब्रिड सूर्य ग्रहण है. लेकिन ये सूर्य ग्रहण गर्भवती महिलाओं पर क्या असर डाल सकता है.आईए जानते हैं.

eclipse on pregnant women
गर्भवती महिलाएं सूर्यग्रहण के दौरान बरतें सावधानी

रायपुर : हाईब्रिड सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ घटना है. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण का योग है. इस प्रकार के सूर्य ग्रहण के दौरान, पृथ्वी पर दर्शक सूर्य को चंद्रमा के चारों ओर कुछ सेकंड के लिए वलय के आकार का बनाते हुए देखते हैं. हालांकि ग्रहण को देखना असुरक्षित माना जाता है. खासकर अपनी नंगी आंखों से. गर्भवती महिलाओं के लिए ये और भी ज्यादा नुकसानदायक माना गया है.

क्या है प्राचीन मान्यता : प्राचीन मान्यताओं और ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण गर्भावस्था के लिए हानिकारक माना जाता है. पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, यदि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला सूर्य या चंद्रमा की सीधी किरणों के संपर्क में आती है तो शिशु के लिए खतरा होता है. विकासशील बच्चे को शारीरिक विकृति, कटे होंठ या बर्थमार्क की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें- जानिए सूर्य ग्रहण से जुड़ी बातें

पौराणिक धारणा कितनी सही कितनी गलत : एक लोकप्रिय धारणा है कि सूर्य ग्रहण का गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. सूर्य ग्रहण के दौरान मुख्य चिंता यह है कि अगर उचित नेत्र सुरक्षा का उपयोग नहीं किया गया तो आंखों को नुकसान हो सकता है. गर्भवती महिलाओं को आम लोगों की तरह ही सावधानी बरतनी चाहिए. ग्रहण के दौरान आंखों की उचित सुरक्षा के बिना सीधे सूर्य की ओर नहीं देखना चाहिए. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सूर्य ग्रहण का गर्भवती महिला या उसके अजन्मे बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई सीधा प्रभाव पड़ता है. गर्भावस्था के दौरान कोई चिंता होने पर सिर्फ डॉक्टर की ही सलाह लें, ताकि बच्चा स्वस्थ्य हो सके.

रायपुर : हाईब्रिड सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ घटना है. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण का योग है. इस प्रकार के सूर्य ग्रहण के दौरान, पृथ्वी पर दर्शक सूर्य को चंद्रमा के चारों ओर कुछ सेकंड के लिए वलय के आकार का बनाते हुए देखते हैं. हालांकि ग्रहण को देखना असुरक्षित माना जाता है. खासकर अपनी नंगी आंखों से. गर्भवती महिलाओं के लिए ये और भी ज्यादा नुकसानदायक माना गया है.

क्या है प्राचीन मान्यता : प्राचीन मान्यताओं और ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण गर्भावस्था के लिए हानिकारक माना जाता है. पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, यदि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला सूर्य या चंद्रमा की सीधी किरणों के संपर्क में आती है तो शिशु के लिए खतरा होता है. विकासशील बच्चे को शारीरिक विकृति, कटे होंठ या बर्थमार्क की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है.

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पौराणिक धारणा कितनी सही कितनी गलत : एक लोकप्रिय धारणा है कि सूर्य ग्रहण का गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. सूर्य ग्रहण के दौरान मुख्य चिंता यह है कि अगर उचित नेत्र सुरक्षा का उपयोग नहीं किया गया तो आंखों को नुकसान हो सकता है. गर्भवती महिलाओं को आम लोगों की तरह ही सावधानी बरतनी चाहिए. ग्रहण के दौरान आंखों की उचित सुरक्षा के बिना सीधे सूर्य की ओर नहीं देखना चाहिए. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सूर्य ग्रहण का गर्भवती महिला या उसके अजन्मे बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई सीधा प्रभाव पड़ता है. गर्भावस्था के दौरान कोई चिंता होने पर सिर्फ डॉक्टर की ही सलाह लें, ताकि बच्चा स्वस्थ्य हो सके.

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