रायपुर : ज्योतिष शास्त्र में ग्रह और नक्षत्र के काफी मायने हैं. किसी भी राशि के जातकों की कुंडली ग्रह और नक्षत्र को देखकर ही बनाए जाते हैं. जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में स्थित होता है, वह जातक की चंद्र राशि कहलाती है. व्यक्ति की चंद्र राशि को आधार मानकर कुंडली बनाई जाती है.
चंद्रमा तय करता है व्यक्ति का चरित्र :ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र शुभ ग्रह है. काल पुरुष की राशि से देखा जाए तो चतुर्थेश चंद्रमा होता है. मां और मन को चंद्रमा की स्थिति से देखा जाता है. किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा अनुकूल हो तो ऐसा व्यक्ति बड़ा शीतल, शांत और और एकाग्र होता है. कुंडली में यदि चंद्रमा प्रतिकूल हो तो व्यग्र परेशान और अशांत चित्त हो सकता है.
यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा छठे, आठवें और बारहवें स्थान पर हो तो या पाप ग्रह से आक्रांत हो तो व्यक्ति व्यग्र हो सकता है. यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा छठे,आठवें और बारहवें स्थान पर हो तो बड़े मनोरोग का कारण भी बन सकता है. चंद्रमा 12 राशियों और सभी ग्रहों में चंद्रमा सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है. जिसका सीधा असर मन पर पड़ता है. -पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य
चंद्रमा करता है राशियों को प्रभावित : सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु की हर राशि में चर्चा होती है.लेकिन काफी हद तक चंद्रमा भी राशियों को प्रभावित करता है.चंद्रमा प्रत्येक सवा 2 दिन में अपनी स्थिति बदलता है. जिससे जातक के निर्णय में परिवर्तन होते हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो नौ ग्रहों में सबसे पावरफुल ग्रह चंद्रमा है.चंद्रमा के कारण समुद्र में ज्वार भाटा आते हैं.जो असर चंद्रमा, ब्रह्मांड और पृथ्वी पर डालता है. वही असर चंद्रमा का मन पर भी पड़ता है. पूर्णिमा, अमावस्या और ग्रहण के समय में चंद्रमा अधिक प्रभावशाली होता है.
चंद्रमा के कारण राशियां होती हैं बलवान : चंद्रमा वृष राशि में स्थित होकर सर्वाधिक बलशाली होता हैं. इस राशि में स्थित चंद्रमा को उच्च का चंद्रमा कहा जाता है. वृष राशि के अतिरिक्त चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होने से भी बलवान हो जाते हैं. जो चंद्रमा की अपनी राशि है. चंद्रमा की कुंडली में बलशाली होने पर या स्थित होने पर जातक का स्वभाव शांत संवेदनशील और भावुक होता है. अपने आसपास के लोगों से स्नेह रखने वाला माना जाता है. ऐसे लोगों को आम तौर पर अपने जीवन में सुख सुविधाएं प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास नहीं करने पड़ते. बिना प्रयासों के ही सुख सुविधाएं ठीक उसी प्रकार प्राप्त होती है.