रायपुर: जिला एवं सत्र न्यायालय रायपुर में लॉकडाउन की वजह से सभी काम ठप है. लॉकडाउन के कारण कोर्ट के काम भी प्रभावित हुए हैं. विधिक व्यवसाय से जुड़े लोगों पर इसका बुरा असर पड़ा है. इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा स्टांप वेंडर, टाइपिस्ट, नोटरी जैसे विधिक सेवा से जुड़े लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं वकीलों के सामने भी अपने परिवार का भरण पोषण करने की समस्या खड़ी हो गई है.
रायुपर जिला न्यायालय में रोजाना लोगों की भीड़ हुआ करती थी. वहीं लॉकडाउन के चलते इस कोर्ट परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है. इस दौरान सभी के सामने रोजी-रोटी और परिवार चलाने की चुनौती है. नोटरी श्यामसुंदर ओझा ने बताया कि न्यायालय के 90 प्रतिशत काम बंद पड़े हैं. न्यायालय की कार्यवाही भी बंद है. केवल जमानत से जुड़े मामलों पर ही सुनवाई हो रही है. श्याम सुंदर का कहना है कि लॉकडाउन के कारण नोटरी का काम भी प्रभावित हो रहा है. स्टांप से जुड़े काम भी बंद पड़े हैं. वहीं एडवोकेट अनिल खुराना ने बताया कि न्यायालय पूरी तरह से बंद है. पक्षकारों का आना-जाना बंद है. कोर्ट में सिर्फ जमानत से संबंधित प्रक्रिया ही चल रही है.
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पेंडिग केस हुए प्रभावित
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आशीष सोनी ने बताया कि न्यायालय में रेगुलर जो केस आते हैं उन पर खासा असर नहीं पड़ा है. लेकिन जितने भी पेंडिंग केस हैं उन पर लॉकडाउन की वजह से काफी प्रभाव पड़ा है. पिछले दो महीनों से ये सभी केस पेंडिंग पड़े हैं. रायपुर जिला न्यायालय में 50 हजार के तकरीबन केस पेंडिंग हैं, इन सभी प्रकरणों की कार्यवाही जो पिछले 2 महीने से बंद है, इनके निपटारे में वक्त लगेगा.
अधिवक्ता संघ की मांग
अनिल ने बताया कि अधिवक्ता संघ में मौजूद 4 हजार 200 अधिवक्ताओं में से 400 अधिवक्ताओं को अधिवक्ता कल्याण योजना के तहत राहत पहुंचाने के लिए 3 हजार रुपए का मानदेय दिया जा रहा है. वहीं अधिवक्ता संघ ने सरकार से सरकारी अधिवक्ताओं के वेतन बढ़ाने की मांग की है.