रायपुर: प्रदेश में स्कूल खुलने की तारीखों की अटकलों पर शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने विराम लगा दिया है. लगातार अटकलें लगाई जा रही थी कि, 1 जुलाई से स्कूल खुलेंगे, लेकिन शिक्षा मंत्री ने इससे इंकार किया है. साथ ही कहा है कि फिलहाल स्कूल नहीं खोले जा सकते हैं. बता दें प्रदेश के कई स्कूलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. जिनमें फिलहाल प्रवासी रह रहे हैं. ऐसे में स्कूलों को खोला जाना लगभग नामुमकिन है.
शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम
शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि फिलहाल स्कूलों में बने क्वॉरेंटाइन सेंटरों में मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. ऐसे में जब स्कूल एक बार खाली होंगे, उसके बाद उन्हें सैनिटाइज किया जाएगा और उनकी सारी व्यवस्थाओं को फिर से दुरुस्त किया जाएगा. इस काम में समय लगेगा. इसलिए हम अभी स्कूल खोलने पर विचार नहीं कर रहे हैं. ब्राजील में ऐसा कदम उठाया गया था, जिसका परिणाम यह हुआ कि वहां पर करीब 500 बच्चे कोरोना संक्रमण के शिकार हुए. ऐसे में हम इस तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.
सिलेबस भी होंगे कम
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि इस बार एकेडमिक सत्र देर से शुरू होगा. इसलिए इस बार सिलेबस भी कम किए जाएंगे. हम जल्द एक बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में फैसला होगा कि किन-किन विषयों के सिलेबस को कम करना है. क्योंकि इस बार समय कम रहेगा इसलिए हम सिलेबस भी कम करने पर विचार कर रहे हैं.
केंद्र से होगी वीडियो कॉफ्रेंसिंग
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव आलोक शुक्ला ने कहा कि अभी किसी तरह का आदेश स्कूलों को खोले जाने को लेकर जारी नहीं हुआ है. इस मामले में केंद्र सरकार के अफसरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की जाएगी, जिसमें देश के सभी राज्यों से बात की जएगी. उन्होंने कहा कि, इस दौरान स्कूल खोलने को लेकर भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी. 10 जून को कलेक्टर कॉन्फ्रेंस भी है, इसमें भी हम सभी कलेक्टरों से बात करेंगे. शुक्ला ने कहा कि, अफसरों से बात करके के साथ ही हम छात्र-छात्राओं के परिजन से राय लेंगे और जो भी फैसला हित मे होगा वह लिया जाएगा.
फीस को लेकर असमंजस
निजी स्कूलों की फीस वसूली के खिलाफ रायपुर के यूथ ऑर्गनाइजेशन वायएमएस यूथ फाउंडेशन ने अभियान छेड़ रखा है. संस्था के सदस्य महेंद्र सिंह ने बताया कि कई बड़े स्कूल अभिभावकों से बस, फूड, मेस और अन्य शुल्क के नाम पर फीस मांग रहे हैं. जबकि स्कूल पूरी तरह से बंद हैं. इस पर शासन को नियंत्रण करना चाहिए. शिक्षामंत्री प्रेमसाय सिंह ने फीस के मुद्दे पर कहा कि लॉकडाउन में स्कूल फीस का दबाव न बनाएं. जहां तक नियंत्रण की बात है तो, इस वक्त कोई ऐसा नियम नहीं है. जब नियम बनेंगे तब हम नियंत्रण करने की स्थिति में होंगे.
लॉकडाउन और स्कूल शिक्षा
प्रदेश में लाखों बच्चे इन दिनों घर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. सरकार ने इसके लिए पढ़ाई तुंहर दुआर नाम का एप बनाया है. प्राइवेट स्कूल भी ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से 10वीं और 12वीं के बचे हुए विषयों की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. बच्चों को आतंरिक मूल्यांकन के आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे. कक्षा 1 से 8 के साथ 9वीं और 11वीं के बच्चों को जनरल प्रमोशन दिया गया है. समाज कल्याण विभाग के संचालित सभी शासकीय और अनुदान प्राप्त संस्थाओं के विशेष विद्यालयों के 9वीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी पास कर दिया गया है. अब आने वाले वक्त की बैठकें और प्रदेश में कोरोना का स्तर ही ये तय करेगा की बच्चे स्कूल कब जा सकेंगे.