रायपुर: छत्तीसगढ़ में अधिकारियों की लापरवाही के कारण करीब चार लाख छात्र छात्रवृत्ति से वंचित हैं. कोरोना के इस दौर में इन छात्रों के लिए ये रकम वरदान साबित हो सकती थी. लेकिन अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड में गड़बड़ी कर विभाग ने लापरवाही का परिचय दिया है. इस लापरवाही का खामियाजा करीब 4 लाख छात्र भुगत रहे हैं.
ETV भारत ने इस मामले पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम से बात की. शिक्षा मंत्री ने नियमों का हवाला देते हुए गड़बड़ी को जल्द दूर करने की बात कही है. इन छात्रों को परीक्षा से पहले ही ये रकम मिल जानी थी. सरकार ने इसके लिए सीधे अकाउंट में जमा करने की योजना बना रखी है. लेकिन जिम्मेदारों ने रिकॉर्ड में गड़बड़ी और उसे रीचेक न कर इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के बजाय और उलझा कर रख दिया है.
लगभग 4 लाख छात्र छात्रवृत्ति से वंचित
प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति के 23 लाख 65 हजार 243 छात्र मौजूद हैं. उनमें से 19 लाख 69 हजार 164 छात्रों को छात्रवृत्ति मिल गई है. वहीं 3 लाख 96 हजार 79 की छात्रों को छात्रवृत्ति अब तक नहीं मिली है. जिससे उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों ने शासन से छात्रवृत्ति की मांग करते हुए गुहार लगाई है. इस लॉकडाउन की स्थिति में उनका मुश्किल से गुजारा हो रहा है.
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केंद्र सरकार से राशि मिलने के बाद होगा भुगतान
प्रेमसाय टेकाम ने ETV भारत से बातचीत के दौरान छात्रवृत्ति न मिलने की बात को स्वीकार किया है. वहीं उन्होंने डिटेल भरने में हुई लापरवाही के बाद उसमें सुधार करने का आश्वासन दिया है. शिक्षा मंत्री का कहना है कि भारत सरकार से 29 लाख की राशि नहीं मिली है इसलिए भी स्कॉलरशिप का भुगतान नहीं हुआ है. देर से छात्रवृत्ति के आने पर उन्होंने मंत्रालयों को जिम्मेदार बताया है.