रायपुर: शिक्षित बेरोजगार जयश्री देवांगन ने बताया कि "साल 2019 के बाद सरकार ने अब तक कोई भी शिक्षक भर्ती को लेकर भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं कि है. ऐसे में शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी के लिए भटकना पड़ रहा है. बेरोजगार होने के कारण कई लोगों की शादी अटकी हुई है, और कई लोगों की उम्र बंधन की सीमा भी पार हो चुकी हैं. इस प्रदर्शन के बाद भी अगर सरकार इनकी मांगों पर कोई ठोस पहल नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे."
"सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिला है": बुधवार को राजधानी के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ के बैनर तले डीएड और बीएड कर चुके बेरोजगार भर्ती प्रक्रिया निकाले जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. शिक्षित बेरोजगार दीपांजलि साहू ने बताया कि "सरकार साल 2019 के बाद अब तक शिक्षक भर्ती को लेकर कोई भी भर्ती प्रक्रिया नहीं निकाली है. जिसके कारण बेरोजगारों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. कई बार विधायक और मंत्रियों से भी मिल चुके हैं. उन्हें सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिला है, लेकिन अब तक कोई भी भर्ती प्रक्रिया नहीं निकाली गई है. जिसके कारण प्रदर्शनकारियों में नाराजगी और आक्रोश भी देखने को मिला. ऐसे में इन शिक्षित बेरोजगारों को उम्मीद है, तो सिर्फ भर्ती प्रक्रिया निकाले जाने की जिसका इंतजार सालों से कर रहे हैं."
"पूरे प्रदेश में लगभग 6 लाख शिक्षित बेरोजगार":छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ के प्रदेश अध्यक्ष दाऊद खान ने बताया कि "यह प्रदर्शन बेरोजगारों के द्वारा किया जा रहा है, उनका कहना है कि सत्ता पर सरकार आती है और चली जाती है. चुनावी वादे को भूल जाती हैं. अगस्त 2022 में प्रदेश सरकार ने 12489 शिक्षकों की भर्ती का आश्वासन देने के साथ ही घोषणा की थी. लेकिन आज 6 महीने बीत जाने के बाद भी कोई भर्ती प्रक्रिया नहीं निकाली गई है, जिसका विरोध किया जा रहा है. पूरे प्रदेश में लगभग 6 लाख डीएड, बीएड, बीलिब, एमलिब की डिग्री और डिप्लोमा लेकर बेरोजगार बैठे हुए हैं. साल 2012 के बाद से पूरे प्रदेश में कला शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है."