रायपुर: नगर निगम और स्मार्ट सिटी की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत राजधानी में ई-टॉयलेट बनवाए गए थे. शहर के 11 जगहों पर ई-टॉयलेट बनवाए गए थे. इस पर 80 लाख रुपए खर्च किए गए. दो साल हो गए, लेकिन अब तक इसे लोगों के लिए नहीं खोला गया है. शो-पीस बने ई-टॉयलेट को देखकर लोग इस्तेमाल के लिए आते हैं, लेकिन ताला लटका देख लौट जाते हैं. बंद टॉयलेट की वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
यहां बनाए गए ई-टॉयलेट्स-
- राजधानी के अंबेडकर अस्पताल, भगत सिंह चौक और आमानाका पर ई-टॉयलेट बनाए गए.
- शास्त्री चौक और पंडरी बस स्टैंड पर ई-टॉयलेट बनाए गए.
- गंज थाना, रेलवे स्टेशन सहित शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर भी ई-टॉयलेट बनाए गए हैं.
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रायपुर के ई-टॉयलेट्स के बाहर फैली गंदगी
प्रदेश के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल के बाहर बनाए गए ई-टॉयलेट के बाहर जब ETV भारत पहुंचा, तो वहां ताला लटका था. आसपास गंदगी पसरी हुई थी. वहां आने वाले कई लोग टॉयलेट बंद देखकर बाहर ही गंदगी करके चले जाते हैं.
दुकानदार और राहगीर परेशान
ETV भारत ने आसपास के दुकानदारों और राहगीरों से बातचीत की. उनका कहना था कि लगभग 2 साल पहले ई-टॉयलेट को बनाया गया था. लेकिन अब तक इसकी शुरुआत नहीं की गई है. ऐसे में खरीदारी के लिए आने वाले और यहां से गुजरने वाले लोग बहुत परेशान होते हैं. बंद पड़े ई-टॉयलेट के आसपास असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा लगा रहता है. तोड़फोड़ कर चोरों ने सामान भी निकालना शुरू कर दिया है.
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'खानापूर्ति कर रहा रायपुर नगर निगम'
भाजपा पार्षद मृत्युंजय दुबे का कहना है कि रायपुर में रविशंकर यूनिवर्सिटी से लेकर तेलीबांधा चौक तक स्टील के बने 5 ई-टॉयलेट दिखाई देंगे. टॉयलेट बना तो दिए गए, लेकिन इसका उद्धाटन किसी ने नहीं किया है. दुबे ने कहा कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय के आंकड़ों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार और नगर निगम खानापूर्ति करती है. नगर निगम टॉयलेट की फोटो खींचकर अपनी फाइलों में लगा रहा है. सुलभ शौचालय को छोड़ दिया जाए, तो शहर में किसी अन्य योजना के तहत बना कोई और टॉयलेट नहीं इस्तेमाल हो रहा है, जहां नियमित रूप से सफाई होती हो और पानी की व्यवस्था हो.
बहुत जल्द ई-टॉयलेट कराए जाएंगे शुरू: एजाज ढेबर
इस मामले में नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि ई-टॉयलेट को लेकर कई सारी समस्याएं हैं. इस बारे में उन्होंने अधिकारियों से चर्चा की है. बहुत जल्द ई-टॉयलेट चालू कराए जाएंगे.
कैसे स्वच्छ होगा रायपुर ?
नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने स्वच्छ रायपुर का सपना साकार करने के लिए ई-टॉयलेट तो बनवाया, लेकिन उसका संचालन सही तरह से नहीं किया जा सका. ऐसे में आम लोगों को परेशानियों का सामना तो करना पड़ ही रहा है, साथ ही सरकारी खजाने का दुरुपयोग भी हो रहा है. वहीं नगर निगम और स्मार्ट सिटी के ई-टॉयलेट के दावे भी खोखले नजर आते हैं.