रायपुर: छत्तीसगढ़ में पहले से बेरोजगारी की समस्या से युवा वर्ग परेशान था. कोरोना ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है. दिनों दिन बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़े डरावने होते जा रहे हैं. पढ़ने लिखने के बावजूद इन युवाओं को बेहतर रोजगार नहीं मिल रहा है. इंजीनियरिंग, एलएलबी और एमबीए सहित अन्य उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले लोग डिलीवरी ब्वॉय का काम करने को मजबूर है. ताकि उनकी रोजी-रोटी चल सकें और वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें.
छत्तीसगढ़ में 19 लाख बेरोजगार
आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 19 लाख के करीब बेरोजगार हैं. यह आंकड़े छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से विधानसभा में मार्च 2021 में दिए गए थे. विधानसभा में रेणु जोगी ने बेरोजगारी को लेकर सवाल पूछा था, जिसके जवाब में मंत्री उमेश पटेल ने प्रदेश के जिलेवार बेरोजगारी के आंकड़े प्रस्तुत किए थे.
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बालोद में सबसे ज्यादा बेरोजगार
राज्य सरकार ने बेरोजगारी के जिलेवार आंकड़ों में बताया था कि प्रदेश में अभी 18 लाख 90 हजार 620 बेरोजगार हैं. छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा बेरोजगार बालोद जिले में है. जबकि सबसे कम गौरेला पेंड्रा मरवाही में. बालोद जिले में 1 लाख 58 हजार 551 बेरोजगार हैं. वहीं दूसरे नंबर पर दुर्ग है, जहां 1 लाख 41 हजार 604, रायगढ़ में 1 लाख 17 हजार 128, बिलासपुर में 1 लाख 16 हजार 420, राजनंदगांव में 1 लाख 14 हजार 46, जांजगीर में 1 लाख 8 हजार 483 बेरोजगार हैं.
जिलेवार बेरोजगारों के आंकड़े-
जिला | बेरोजगारों की संख्या |
रायपुर | 81,936 |
बालोद | 1,58,551 |
दुर्ग | 1,41,604 |
रायगढ़ | 1,17,128 |
बिलासपुर | 1,16,420 |
राजनांदगांव | 1,16,420 |
जांजगीर | 1,08,483 |
बेमेतरा | 81,589 |
मुंगेली | 81,189 |
अंबिकापुर | 84,535 |
धमतरी | 71,739 |
जगदलपुर | 67,223 |
कांकेर | 78,625 |
कोरबा | 73,207 |
सूरजपुर | 73,146 |
जशपुर | 66,863 |
कोंडागांव | 63,645 |
बलौदा बाजार | 62,671 |
बलरामपुर | 47,071 |
महासमुंद | 37,334 |
मनेंद्रगढ़ | 31,278 |
कबीरधाम | 29,748 |
गौरेला पेंड्रा मरवाही | 1,503 |
सरकार नहीं दे पा रही नौकरी
पढ़ाई लिखाई के बाद भी डिलीवरी ब्वॉय का काम करने वाले युवाओं का कहना है कि सरकार उन्हें रोजगार मुहैया नहीं करा पा रही है. सरकारी नौकरी की संख्या काफी कम है. उसमें भी अन्य राज्य के लोग कब्जा कर ले रहे हैं. जिस वजह से स्थानीय युवाओं को नौकरी नहीं मिल पा रही है.
सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं की हो नियुक्ति
युवाओं की मांग है कि सरकार को रोजगार के लिए ठोस नीति बनानी चाहिए. स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए. तभी प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या समाप्त होगी.
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हर साल लाखों छात्र पढ़ाई खत्म करके तलाशते हैं रोजगार
छत्तीसगढ़ में लाखों युवा हर साल अपनी पढ़ाई समाप्त कर रोजगार की तलाश में निकल रहे हैं. लेकिन सरकार के पास रोजगार की संख्या सीमित होने की वजह से लाखों युवाओं को निराशा ही हाथ लग रही है. क्योंकि सभी को रोजगार देना संभव नहीं है. ऐसे में जिन लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है उसे लेकर सरकार की ओर से कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है. यही वजह है कि पढ़े-लिखे उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा आज रोजगार के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.