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दुर्ग: विकास कार्यों में धांधली, जनपद पंचायत ने गठित की जांच कमेटी - Durg district panchayat set up the inquiry committee

बुधवार को दुर्ग जनपद पंचायत की बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई कार्यों में धांधली का मामला उजागर हुआ है. इनकी जांच करने के लिए जांच कमेटी का गठन किया गया है.

Durg district panchayat set up a committee to investigate the rigging
जनपद पंचायत ने गठित की जांच कमेटी
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Published : Oct 29, 2020, 12:27 PM IST

रायपुर: बुधवार को दुर्ग जनपद पंचायत की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सदस्यों ने कई कामों में धांधली और कमीशनखोरी का मामला उठाया. इस बैठक में अलग-अलग मामलों को लेकर जांच करने के लिए जांच कमेटी भी गठित की गई है. इनमें ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक शौचालय के बने सेप्टिक टैंक में मच्छर जाली लगाने के नाम पर धांधली का मामला सामने आया है. जनपद पंचायत सदस्यों ने बैठक में कहा कि 72 पंचायतों में 7.20 लाख रुपए की मच्छर जाली खरीदी गई, लेकिन जाली एक घर में एक को ही दी गई, जबकि भुगतान ज्यादा का किया गया है.

बैठक में इस धांधली का सत्यापन करने के लिए जांच कमेटी बनाई गई है. इसके अलावा अन्य क्षेत्र में भ्रष्टाचार की जांच के लिए चार जांच कमेटी बनाई गई है. पहले मामले में सेप्टिक टैंक में लगाई गई 7.20 लाख की मच्छर जाली में धांधली की जांच की जाएगी.

पढ़ें: 10 महीने बाद हुई निगम सामान्य सभा की बैठक,विकास के मुद्दों पर हुई चर्चा

दूसरा मामला

रसमड़ा में 2.50 करोड़ पानी टंकी निर्माण पर जनपद पंचायत सदस्यों ने सवाल उठाए. इसे लेकर टंकी की जांच के लिए 9 सदस्यीय जांच टीम बनाई गई. जानकारी के मुताबिक, टंकी का निर्माण कार्य 2 साल पहले हुआ और लागत से कम खर्च होना बताया गया, जबकि इसमें अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं.

तीसरा मामला

बैठक में सदस्यों ने खुदामारा और अंडा में मनरेगा के तहत चलाए गए कार्य में फर्जी मस्टररोल से सरकारी राशि का दुरुपयोग करने की शिकायत की है. इस मामले में भी जांच कमेटी बनाई गई है.

चौथा मामला

रेडी टू ईट की गुणवत्ता जांच के लिए भी जांच कमेटी बनाई गई है. दरअसल दुर्ग जनपद पंचायत की बैठक में सदस्यों ने रसमड़ा, जेवरासिरसा, पाउवारा और अन्य क्षेत्रों में रेडी टू ईट बिना गुणवत्ता जांच के वितरण करने का मुद्दा रखा था. इसके बाद क्वॉलिटी की जांच के लिए भी कमेटी बनाई गई है.

रायपुर: बुधवार को दुर्ग जनपद पंचायत की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सदस्यों ने कई कामों में धांधली और कमीशनखोरी का मामला उठाया. इस बैठक में अलग-अलग मामलों को लेकर जांच करने के लिए जांच कमेटी भी गठित की गई है. इनमें ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक शौचालय के बने सेप्टिक टैंक में मच्छर जाली लगाने के नाम पर धांधली का मामला सामने आया है. जनपद पंचायत सदस्यों ने बैठक में कहा कि 72 पंचायतों में 7.20 लाख रुपए की मच्छर जाली खरीदी गई, लेकिन जाली एक घर में एक को ही दी गई, जबकि भुगतान ज्यादा का किया गया है.

बैठक में इस धांधली का सत्यापन करने के लिए जांच कमेटी बनाई गई है. इसके अलावा अन्य क्षेत्र में भ्रष्टाचार की जांच के लिए चार जांच कमेटी बनाई गई है. पहले मामले में सेप्टिक टैंक में लगाई गई 7.20 लाख की मच्छर जाली में धांधली की जांच की जाएगी.

पढ़ें: 10 महीने बाद हुई निगम सामान्य सभा की बैठक,विकास के मुद्दों पर हुई चर्चा

दूसरा मामला

रसमड़ा में 2.50 करोड़ पानी टंकी निर्माण पर जनपद पंचायत सदस्यों ने सवाल उठाए. इसे लेकर टंकी की जांच के लिए 9 सदस्यीय जांच टीम बनाई गई. जानकारी के मुताबिक, टंकी का निर्माण कार्य 2 साल पहले हुआ और लागत से कम खर्च होना बताया गया, जबकि इसमें अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं.

तीसरा मामला

बैठक में सदस्यों ने खुदामारा और अंडा में मनरेगा के तहत चलाए गए कार्य में फर्जी मस्टररोल से सरकारी राशि का दुरुपयोग करने की शिकायत की है. इस मामले में भी जांच कमेटी बनाई गई है.

चौथा मामला

रेडी टू ईट की गुणवत्ता जांच के लिए भी जांच कमेटी बनाई गई है. दरअसल दुर्ग जनपद पंचायत की बैठक में सदस्यों ने रसमड़ा, जेवरासिरसा, पाउवारा और अन्य क्षेत्रों में रेडी टू ईट बिना गुणवत्ता जांच के वितरण करने का मुद्दा रखा था. इसके बाद क्वॉलिटी की जांच के लिए भी कमेटी बनाई गई है.

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