ETV Bharat / state

कबाड़ हो गई लेकिन जिनके लिए आई थीं उन्हें नहीं मिली साइकिलें

भाजपा सरकार ने मजदूर वर्ग के लोगों को साइकिल देने का वादा किया था. लेकिन निगम के अधिकारियों की लापरवाही से दर्जनों साइकिल सड़ के कबाड़ हो चुकी है.

कबाड़ हुई साइकिल
author img

By

Published : Oct 22, 2019, 11:36 PM IST

रायपुर: तेज रफ्तार जिंदगी और महंगी गाड़ियों के बीच हो सकता है कि साइकिल आज वह अहमियत नहीं रखती हो जो महंगी गाड़ियों की है. लेकिन आज भी एक ऐसा तबका है जिनके लिए एक अदद साइकल भी सपना है. आज भी ऐसे लोग है जो 2 जून की रोटी के लिए दिन भर मेहनत करते हैं और जैसे-तैसे अपना जीवन यापन करते हैं. इसी वर्ग के लोगों की भावनाओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन्हें साइकिल देने का फैसला किया था.

कबाड़ हो गई लेकिन जिनके लिए आई थीं उन्हें नहीं मिली साइकिलें

कबाड़ हुई साइकिल

रायपुर में श्रम विभाग ने इसी योजना के तहत करीब 5 साल पहले दर्जनों साइकिल की खरीदी की और उसे बांटने के लिए निगम के सुपुर्द कर दिया. लेकिन निगम के जिम्मेदार अधिकारी 5 साल में इन साइकिलों को बांटना तो दूर इनकी गिनती भी नहीं कर पाए. यह साइकिल जोन क्रमांक 5 कार्यालय के छत पर सड़ रही है. 5 साल से खुले आसमान के नीचे पड़े होने के चलते ज्यादातर साइकिल कबाड़ हो चुकी है.

पढ़ें :रायपुर: त्योहारों में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से रखी जाएगी नजर

अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब

वहीं जब इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों से सवाल किया गया तो वे जवाब देने से बचते नजर आए.

रायपुर: तेज रफ्तार जिंदगी और महंगी गाड़ियों के बीच हो सकता है कि साइकिल आज वह अहमियत नहीं रखती हो जो महंगी गाड़ियों की है. लेकिन आज भी एक ऐसा तबका है जिनके लिए एक अदद साइकल भी सपना है. आज भी ऐसे लोग है जो 2 जून की रोटी के लिए दिन भर मेहनत करते हैं और जैसे-तैसे अपना जीवन यापन करते हैं. इसी वर्ग के लोगों की भावनाओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन्हें साइकिल देने का फैसला किया था.

कबाड़ हो गई लेकिन जिनके लिए आई थीं उन्हें नहीं मिली साइकिलें

कबाड़ हुई साइकिल

रायपुर में श्रम विभाग ने इसी योजना के तहत करीब 5 साल पहले दर्जनों साइकिल की खरीदी की और उसे बांटने के लिए निगम के सुपुर्द कर दिया. लेकिन निगम के जिम्मेदार अधिकारी 5 साल में इन साइकिलों को बांटना तो दूर इनकी गिनती भी नहीं कर पाए. यह साइकिल जोन क्रमांक 5 कार्यालय के छत पर सड़ रही है. 5 साल से खुले आसमान के नीचे पड़े होने के चलते ज्यादातर साइकिल कबाड़ हो चुकी है.

पढ़ें :रायपुर: त्योहारों में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से रखी जाएगी नजर

अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब

वहीं जब इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों से सवाल किया गया तो वे जवाब देने से बचते नजर आए.

Intro:आज तेज रफ्तार चल रही जिंदगी और महंगी गाड़ियों के बीच हो सकता है कि साइकिल आपकी नजरों में वह अहमियत नहीं रखती हो जो महंगी गाड़ियों की है ।लेकिन आज भी एक ऐसा वर्ग है जिनके लिए एक अदद साइकल भी सपना है ।अपनी साइकिल में सरपट चलने और छोटे-मोटे काम को निपटाने का सपना लाखों की तादाद में लोग देखते हैं ,यह लोग वो होते हैं जो 2 जून की रोटी के लिए दिन भर हाड़ तोड़ मेहनत करते हैं जैसे तैसे अपने घर की गाड़ी चलाते हैं वर्ग की भावनाओं को और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन्हें साइकल देने का फैसला किया था। रायपुर में श्रम विभाग ने इसी योजना के तहत करीब 5 साल पहले दर्जनों साइकिल की खरीदी की और उसे बांटने के लिए निगम के सुपुर्द कर दिया लेकिन निगम के जिम्मेदार अधिकारी 5 साल साल में इन साइकिलों को बांटना तो दूर इनकी गिनती भी नहीं कर पाए । यह साइकिल जोन क्रमांक 5 कार्यालय के छत पर सड़ रही है ,5 साल से खुले आसमान के नीचे खड़े होने के चलते ज्यादातर साइकल कबाड़ हो चुकी है


बाईट

कच्छप
श्रम विभाग
उप आयुक्त






Body:वही जब इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों से पूछा गया वे टालमटोल कर जवाब देते नजर आए,


बाईट

अपर आयुक्त
पुलक भट्टाचार्य






Conclusion:जिस तरह से सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी और यह साइकिले खरीदे गए थे अगर यह सही समय पर मजदूरों को मिल जाते हैं तो हम कई चेहरों पर मुस्कान देख सकते थे लेकिन निगम प्रशासन की इस लापरवाही के चलते ना केवल सरकारी धन की बर्बादी हुई है बल्कि कई मजदूरों की भावनाओं से खिलवाड़ भी हुआ है।।


सिद्धार्थ श्रीवासन

रायपुर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.