रायपुर : गुढ़ियारी थाना क्षेत्र में एक स्ट्रीट डॉग को बेरहमी से मार डालने का वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पशुओं के लिए काम करने वाली एनजीओ आगे आई . जिस जगह पर ये घटना हुई वहां एनजीओ ने जाकर आदर्श नगर बस्ती वासियों पर केस दर्ज कराने की धमकी दी. इस दौरान बस्ती वालों ने बताया कि जिस डॉग की बात हो रही है वो पागल चुका था और उनके बच्चों को डॉग ने काटा है.इसलिए उसे मारा है. वहीं एनजीओ के कार्यकर्ता डॉग के पागल होने की बात को नकारते हुए गुढ़ियारी थाने पहुंच गए. जहां पर बस्ती वाले भी पहुंचे. थाने में एनजीओ और बस्ती वालों के बीच जमकर हंगामा हुआ. बाद में पुलिस ने दोनों ही पक्षों को समझाकर वापस लौटाया.
क्या है पूरा मामला : मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ.जिसमें बीच सड़क पर कुछ लोग एक डॉग को लाठी डंडों से पीट रहे थे.जिसमें उसकी मौत हो गई थी.इस दौरान डॉग के शरीर को लोग रस्सी से बांधकर घसीट रहे थे.इस वीडियो के वायरल होने के बाद डॉग संरक्षण का काम करने वाली संस्था आदर्श नगर बस्ती पहुंची. संस्था ने डॉग को मारने वाले लोगों के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराने की बात कही.जैसे ही संस्था के लोग थाने पहुंचे वैसे ही बस्ती के लोग भी थाने आ गए.जहां पर दोनों पक्षों में विवाद होने लगा.संस्था ने बस्ती वालों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग पुलिस से की.
''जिन बच्चों को पागल कुत्ते ने काटा था उनके परिजन और एनजीओ के कुछ लोग थाना जरूर पहुंचे थे, लेकिन किसी ने भी कुत्ता के काटे जाने को लेकर किसी तरह का कोई मामला थाने में दर्ज नहीं कराया है, और ना ही कोई शिकायत लोगों के द्वारा मिली है. इसलिए इस मामले में किसी तरह का कोई भी मामला दर्ज नहीं किया जा सका." अलेक्जेंडर किरो, थाना प्रभारी
क्यों डॉग को मारा था ? : आदर्श नगर बस्ती में रहने वाले कुछ बच्चों को डॉग ने काटा था.डॉग जिस भी गली में जाता वहां पर आने जाने वाले लोगों को दौड़ाने लगता. बस्ती वालों की माने तो पांच साल के भरत निर्मलकर, 3 साल की भावना और 2 साल की रुचिका निर्मलकर और मीठी हरपाल को डॉग ने काटा था.जिससे लोगों को खतरा महसूस होने लगा.इसलिए पागल डॉग को खोजकर लोगों ने मार डाला.
थाने से 50 मीटर दूर हुई थी घटना : सोमवार रात ये घटना थाने से कुछ ही दूरी पर घटी थी.जहां व्यस्त सड़क के बीच में डॉग को लाठियों से पीटकर मारा जा रहा था.इस दौरान जो भी युवकों को ऐसा करने से रोक रहा था उसे गालियां दी जा रही थी.लिहाजा किसी ने भी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं किया.इस घटना का वीडियो मंगलवार सुबह वायरल हुआ था. लेकिन फिलहाल इस मामले में पुलिस ने किसी भी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं किया है.इसलिए युवकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. ज्यादातर ऐसे में मामलों में पुलिस शिकायत के बाद पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज करके कार्रवाई करती है.
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क्या है पशु क्रूरता अधिनियम ? : जानवरों के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 में लाया गया. इस एक्ट की धारा-4 के तहत 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का भी गठन किया गया. अधिनियम और बोर्ड का काम लोगों को जागरूक करते हुए पशुओं को गैरजरूरी सजा या उनके उत्पीड़न की मानसिकता को खत्म करना है. अधिनियम के मुताबिक इस तरह के अपराध के लिए अधिकतम 2 हजार रुपए तक का जुर्माना और 3 साल तक की सजा हो सकती है.