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रायपुरः डॉक्टर नहीं ले रहे सरकारी अस्पतालों में रुचि, खाली पड़े कई पद

निजी अस्पतालों में पैकेज अच्छा मिलने के कारण सरकारी अस्पतालों की खाली पद के लिए निकाली गई वैकेंसी खाली ही रह जाती है.

रायपुरः डॉक्टर नहीं ले रहे सरकारी अस्पतालों में रुचि
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Published : Aug 4, 2019, 1:25 PM IST

रायपुरः प्रदेशभर में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी के कारण परेशानी होती है. डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए शासन द्वारा समय-समय पर खाली पदों पर वैकेंसी निकाली जाती है. लेकिन डॉक्टर सरकारी अस्पतालों से अधिक निजी अस्पतालों में रुचि ले रहे हैं.

रायपुरः डॉक्टर नहीं ले रहे सरकारी अस्पतालों में रुचि

सरकारी अस्पताल के भर्ती में रुचि नहीं ले रहे डॉक्टर
सीएमएचओ केआर सोनवानी ने बताया कि पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में डॉक्टर की कमी की खबरें लगातार आ रही हैं. शासन लगातार इस कमी को पूरा करने के लिए वैकेंसी निकाल रही है. वैकेंसी के बाद भी आवेदन नहीं आ रहा हैं. यदि 350 पदों पर प्रथम श्रेणी के डॉकटरों के लिए वैकेंसी निकाली जाती है, तो उसके लिए सिर्फ 60 से 70 भर्तियां ही हो पाती हैं. वर्तमान में राजधानी में 65 सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की आवश्यकता है, लेकिन केवल 7 से 8 डॉक्टरों की भर्ती हो पाई है.

उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों में अच्छा पैकेज मिलने की वजह से डॉक्टर्स सरकारी अस्पतालों में काम करने की रुचि नहीं दिखा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती करवाया जाना बहुत आवश्यक है.

रायपुरः प्रदेशभर में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी के कारण परेशानी होती है. डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए शासन द्वारा समय-समय पर खाली पदों पर वैकेंसी निकाली जाती है. लेकिन डॉक्टर सरकारी अस्पतालों से अधिक निजी अस्पतालों में रुचि ले रहे हैं.

रायपुरः डॉक्टर नहीं ले रहे सरकारी अस्पतालों में रुचि

सरकारी अस्पताल के भर्ती में रुचि नहीं ले रहे डॉक्टर
सीएमएचओ केआर सोनवानी ने बताया कि पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में डॉक्टर की कमी की खबरें लगातार आ रही हैं. शासन लगातार इस कमी को पूरा करने के लिए वैकेंसी निकाल रही है. वैकेंसी के बाद भी आवेदन नहीं आ रहा हैं. यदि 350 पदों पर प्रथम श्रेणी के डॉकटरों के लिए वैकेंसी निकाली जाती है, तो उसके लिए सिर्फ 60 से 70 भर्तियां ही हो पाती हैं. वर्तमान में राजधानी में 65 सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की आवश्यकता है, लेकिन केवल 7 से 8 डॉक्टरों की भर्ती हो पाई है.

उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों में अच्छा पैकेज मिलने की वजह से डॉक्टर्स सरकारी अस्पतालों में काम करने की रुचि नहीं दिखा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती करवाया जाना बहुत आवश्यक है.

Intro:रायपुर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार डॉक्टर्स की कमी की खबरें आती रहती हैं इस पर सीएमएचओ केआर सोनवानी का कहना है कि निजी अस्पतालों में डॉक्टर्स को अच्छे पैकेजेस दिए जाते हैं जबकि सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा नहीं है इसके कारण डॉक्टर निजी अस्पतालों को प्राथमिकता दे रहे हैं


Body:सीएमएचओ केआर सोनवानी ने बताया कि सरकार लगातार विज्ञापन निकाल रही है विज्ञापन के बावजूद आवेदन नहीं आते यदि साडे 300 की भर्ती निकाली जाती है तो मुश्किल से 60 से 65 भर्तियां हो पाती हैं अगर हम राजधानी रायपुर की बात करें तो हमें यहां पर 65 सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की आवश्यकता है लेकिन हमारे पास केवल 7 से 8 डॉक्टरों की भर्ती हो पाई है

उन्होंने बताया कि जितनी वैकेंसी निकाली जाती है उतने आवेदन तक नहीं प्राप्त हो पाते स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए भर्ती करने की आवश्यकता है जब तक सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स नहीं आएंगे तब तक काम और बेहतर नहीं हो पाएगा

आपको बता दें कि पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में डॉक्टर की वैकेंसी होती है डॉक्टर की कमी की खबरें लगातार आ रही है बावजूद इसके सरकार भर्ती नहीं कर पा रही है


Conclusion:बाइट - के आर सोनवानी

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