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SPECIAL: गोबर से बने दीयों से रौशन होगा रायपुर का दूधाधारी मठ - दूधाधारी मठ में 3600 दीये

रायपुर के दूधाधारी मठ में स्थित माता कौशल्या मंदिर में विशेष दीप पर्व का आयोजन किया जा रहा है. हर साल दिवाली के मौके पर इस मंदिर में दीप प्रज्जवलित किए जाते हैं.

Diwali celebration in Dudhahari math
दूधाधारी मठ में जगमगाएंगे गोबर के दीये
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Published : Nov 14, 2020, 7:23 PM IST

Updated : Nov 14, 2020, 11:12 PM IST

रायपुर: 14 सालों के वनवास के बाद भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इसे लेकर देशभर के साथ ही भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी बेहद उत्साह के साथ दीप पर्व मनाया जा रहा है. माता कौशल्या के जन्म भूमि दक्षिण कौशल छत्तीसगढ़ में मां कौशल्या मंदिर में विशेष दीप पर्व का आयोजन किया जा रहा है. रायपुर के दूधाधारी मठ में मां कौशल्या मंदिर प्रांगण के लिए विशेष तौर पर गोबर से बने दिए जलाए जा रहे हैं. दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास गोबर से बने हुए दीयों को प्रज्जवलित करेंगे.

दूधाधारी मठ में जगमगाएंगे गोबर के दीये

दरअसल छत्तीसगढ़ के चंद्रखुरी स्थित मां कौशल्या मंदिर प्रांगण में दिवाली के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ के 36 गढ़ो के प्रतीक के रूप में 36 सौ दीये जलाए जाएंगे. इसे लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपने निवास में दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास को प्रतीक के रूप में 36 दियों का दान दिया है. दूधाधारी मठ में गोबर से बने हुए दीये को लेकर तैयारी की गई है. न केवल दूधाधारी मठ में बल्कि मां कौशल्या मंदिर में भी गोबर से बने हुए दीये जलाए जा रहे हैं.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया दीपदान, आज शाम जगमगाएगा माता कौशल्या मंदिर

500 साल से भी ज्यादा पुराना है मंदिर

राजधानी रायपुर के अलग-अलग इलाके में श्रीराम-जानकी के कई मंदिर हैं. जहां रामनवमी के मौके पर दर्शन करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है. इनमें से कुछ ऐसे मंदिर हैं, जो सदियों पुरानी और ऐतिहासिक है. इन्हीं मंदिरों में से ही एक रायपुर का दूधाधारी मठ मंदिर है, जो करीब 500 साल से भी ज्यादा पुराना है. दिवाली पर यहां भगवान राम की विशेष शृंगार किया जा रहा है. ETV भारत भी आपको इस मंदिर के दर्शन करा रहा है.

रायपुर: 14 सालों के वनवास के बाद भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इसे लेकर देशभर के साथ ही भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी बेहद उत्साह के साथ दीप पर्व मनाया जा रहा है. माता कौशल्या के जन्म भूमि दक्षिण कौशल छत्तीसगढ़ में मां कौशल्या मंदिर में विशेष दीप पर्व का आयोजन किया जा रहा है. रायपुर के दूधाधारी मठ में मां कौशल्या मंदिर प्रांगण के लिए विशेष तौर पर गोबर से बने दिए जलाए जा रहे हैं. दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास गोबर से बने हुए दीयों को प्रज्जवलित करेंगे.

दूधाधारी मठ में जगमगाएंगे गोबर के दीये

दरअसल छत्तीसगढ़ के चंद्रखुरी स्थित मां कौशल्या मंदिर प्रांगण में दिवाली के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ के 36 गढ़ो के प्रतीक के रूप में 36 सौ दीये जलाए जाएंगे. इसे लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपने निवास में दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास को प्रतीक के रूप में 36 दियों का दान दिया है. दूधाधारी मठ में गोबर से बने हुए दीये को लेकर तैयारी की गई है. न केवल दूधाधारी मठ में बल्कि मां कौशल्या मंदिर में भी गोबर से बने हुए दीये जलाए जा रहे हैं.

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500 साल से भी ज्यादा पुराना है मंदिर

राजधानी रायपुर के अलग-अलग इलाके में श्रीराम-जानकी के कई मंदिर हैं. जहां रामनवमी के मौके पर दर्शन करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है. इनमें से कुछ ऐसे मंदिर हैं, जो सदियों पुरानी और ऐतिहासिक है. इन्हीं मंदिरों में से ही एक रायपुर का दूधाधारी मठ मंदिर है, जो करीब 500 साल से भी ज्यादा पुराना है. दिवाली पर यहां भगवान राम की विशेष शृंगार किया जा रहा है. ETV भारत भी आपको इस मंदिर के दर्शन करा रहा है.

Last Updated : Nov 14, 2020, 11:12 PM IST
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