रायपुर: धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर समुद्र मंथन से बाहर आए थे. इसलिए धनतेरस के दिन सोना, चांदी, पीतल आदि से बनी बहुमूल्य वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन वैद्य, धनवंतरी, माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. धनतेरस पर विशेष कर सोना, पीतल, चांदी या फिर तांबे के कलश की खरीदी की जाती है.
धनतेरस को ही क्यों करते हैं खरीदी: : ऐसा माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी जी के भाई हैं. इन दोनों को पीत (पीला रंग) धातु बहुत पसंद है. लक्ष्मी और धनवंतरी दोनों को ही सोना पसंद है. ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन मकान, वाहन, अन्य प्रॉपर्टी, आभूषण आदि खरीदने से धन संपत्ति में वृद्धि होती है. इसलिए धन त्रयोदशी के दिन सोने की खरीदी की जाती है. मान्यता है कि धन त्रयोदशी के दिन किसी भी चीज की खरीदी करते हैं, तो वह हर प्रकार से सुख समृद्धि के साथ लाभ देती है.
धनतेरस की पौराणिक कथा: पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवता और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था. इस समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्न निकले थे. जिसमें धन की देवी लक्ष्मी, अमृत कलश, धनवंतरी और एक रत्न था हलाहल (विष) शामिल थे. धनवंतरी स्वर्ण कलश में अमृत लिए हुए प्रकट हुए. इसके बाद भगवान विष्णु ने मोहनी का रूप धारण करके उस अमृत को देवताओं को पिला दिया. उस दिन त्रयोदशी था. इसलिए तब से धन त्रयोदशी के दिन सोने चांदी पीतल या तांबे के कलश की खरीदी की जाती है.
धनतेरस से होती है दीपावली की शुरुआत: धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, सोमवती अमावस्या, गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक त्योहार मनाया जाता है. ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया, "साल 2023 में दीपावली का त्योहार 12 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा. इस दिन कार्तिक मास अमावस्या तिथि है. 12 नवंबर को दीपावली 2:44 से शुरू हो जाएगा और इसका समापन 13 नवंबर 2023 को दोपहर 2:56 पर होगा. उदया तिथि के आधार पर दीपावली का त्योहार 12 नवंबर को मनाई जाएगी. इस दिन लक्ष्मी गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:40 बजे से शुरू होकर शाम 7:36 तक रहेगा.