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रेलवे पार्किंग में अवैध वसूली, जिम्मेदार दे रहे कार्रवाई का आश्वासन

रेलवे पार्किंग में ठेकेदारों द्वारा मनमानी राशि वसूली का मामला सामने आया है. जिसका विरोध करने पर यात्रियों से बदसलूकी भी की जाती है.

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Published : Jul 22, 2019, 3:49 PM IST

पार्किंग शुल्क ने नाम पर मनमानी वसूली

रायपुरः रेलवे स्टेशन पर वाहन पार्किंग को लेकर ठेकेदारों की मनमानी का मामला सामने आया है. आरोप है कि ठेकेदार पार्किंग शुल्क के नाम पर मनमानी राशि वसूलते हैं. इसे लेकर गुड़ियारी पार्किंग जोन में आए दिन यात्रियों और कर्मचारियों के बीच विवाद होते रहता है. वहीं कई बार शिकायत मिलने के बाद इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

रेलवे पार्किंग में ठेकेदारों द्वारा मनमानी राशि वसूली का मामला सामने आया है. जिसका विरोध करने पर यात्रियों से बदसलूकी भी की जाती है.


पार्किंग शुल्क ने नाम पर मनमानी वसूली
वाहन पार्क करने वाले लोगों का ने बताया कि ठेकेदार उन्हें कच्ची रसीद दे देते हैं, जिसपर रेलवे की मुहर तक नहीं होती है और वापस जाते वक्त उनसे मनमानी राशि की मांग की जाती है. यात्री बताते हैं जब वे इसका विरोध करते हैं तो पार्किंग कर्मचारी उनके साथ बदसलूकी करते हैं.


ETV भारत ने मामले की जब जांच पड़ताल करने पहुंची तो, एक यात्री ने बताया कि किस तरह पार्किंग कर्मचारियों ने 24 घंटे 55 मिनट गाड़ी पार्क करने पर उससे 36 रुपये वसूल लिए और उसकी रसीद मांगने पर साफ इंकार कर दिया. पार्किंग कर्मचारी इसकी वजह पूछने पर कहा कि किराये में जीएसटी भी लागू है.


डीआरएम के निर्देश
डीआरएम कौशल किशोर को जब इसकी जानकारी दी गई तो उनका कहना है कि पार्किंग ठेकेदारों को पहले ही कंप्यूटर राइट पर्ची निकालने के निर्देश दिए जा चुके हैं. जिसमें वाहन क्रमांक के साथ आने-जाने का समय और किराया लिखा होगा. रसीद में जीएसटी काटने के लिए जीएसटी के नाम पर होने वाली राशि भी लिखी होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि पार्किंग स्थल पर उनके खिलाफ शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी.

रायपुरः रेलवे स्टेशन पर वाहन पार्किंग को लेकर ठेकेदारों की मनमानी का मामला सामने आया है. आरोप है कि ठेकेदार पार्किंग शुल्क के नाम पर मनमानी राशि वसूलते हैं. इसे लेकर गुड़ियारी पार्किंग जोन में आए दिन यात्रियों और कर्मचारियों के बीच विवाद होते रहता है. वहीं कई बार शिकायत मिलने के बाद इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

रेलवे पार्किंग में ठेकेदारों द्वारा मनमानी राशि वसूली का मामला सामने आया है. जिसका विरोध करने पर यात्रियों से बदसलूकी भी की जाती है.


पार्किंग शुल्क ने नाम पर मनमानी वसूली
वाहन पार्क करने वाले लोगों का ने बताया कि ठेकेदार उन्हें कच्ची रसीद दे देते हैं, जिसपर रेलवे की मुहर तक नहीं होती है और वापस जाते वक्त उनसे मनमानी राशि की मांग की जाती है. यात्री बताते हैं जब वे इसका विरोध करते हैं तो पार्किंग कर्मचारी उनके साथ बदसलूकी करते हैं.


ETV भारत ने मामले की जब जांच पड़ताल करने पहुंची तो, एक यात्री ने बताया कि किस तरह पार्किंग कर्मचारियों ने 24 घंटे 55 मिनट गाड़ी पार्क करने पर उससे 36 रुपये वसूल लिए और उसकी रसीद मांगने पर साफ इंकार कर दिया. पार्किंग कर्मचारी इसकी वजह पूछने पर कहा कि किराये में जीएसटी भी लागू है.


डीआरएम के निर्देश
डीआरएम कौशल किशोर को जब इसकी जानकारी दी गई तो उनका कहना है कि पार्किंग ठेकेदारों को पहले ही कंप्यूटर राइट पर्ची निकालने के निर्देश दिए जा चुके हैं. जिसमें वाहन क्रमांक के साथ आने-जाने का समय और किराया लिखा होगा. रसीद में जीएसटी काटने के लिए जीएसटी के नाम पर होने वाली राशि भी लिखी होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि पार्किंग स्थल पर उनके खिलाफ शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:रायपुर ।रेलवे के आदेशों की पार्किंग ठेकेदारों द्वारा किस तरह से धज्जियां उड़ाई जाती है इसका जीता जागता उदाहरण रायपुर रेलवे स्टेशन के गुढ़ियारी तरफ स्थित वाहन पार्किंग जोन में देखने को मिलता है यहां आए दिन यात्रियों और पार्किंग कर्मियों के साथ विवाद देखने को मिलता है कई बार या विवाद बढ़ते बढ़ते गाली-गलौज और धक्का-मुक्की तक पहुंच जाता है बावजूद इसके न तो रेलवे प्रशासन इस पर अंकुश लगाने कोई कदम उठा रहा है और ना ही पुलिस प्रशासन द्वारा इनके खिलाफ कोई कार्यवाही की जाती है जिसके चलते इन वाहन पार्किंग कर्मचारियों का मनोबल दिनों दिन बढ़ता जा रहा है जिसका खामियाजा वहां वाहन रखने वाले यात्रियों को उठाना पड़ता है




Body:यात्रियों और पार्किंग कर्मियों के बीच विवाद की प्रमुख वजह होती है पार्किंग कर्मियों द्वारा यात्रियों को वाहन रखने के बाद दी जाने वाली पर्ची है । जिसमे ना तो रेलवे विभाग का शील ठप्पा होता है ओर ना ही ठेकेदार से संबंधित कोई जानकारी। इस पर अंकित होता है तो सिर्फ सील लगा हुआ रसीद क्रमांक और उसके बाद सारी जानकारी पार्किंग में बैठे कर्मचारी द्वारा पेन से लिखा जाता है जिसमें वाहन क्रमांक आने का समय लिखा जाता है अब बाद में जब इस पर्ची को लेकर यात्री वाहन उठाने जाता है तो उनसे मनमानी राशि वसूली जाती है और यदि कोई यात्री इसका विरोध करता है तो उसके साथ यहां मौजूद कर्मियों द्वारा बदसलूकी तक भी की जाती है क्योंकि मामला कुछ पैसे का होता है इसलिए यात्री बिना कुछ कहे इन कर्मियों की बदसलूकी को बर्दाश्त कर उनके द्वारा मांगी रकम का भुगतान कर वहां से चले जाते हैं

ऐसी ही एक जानकारी ईटीवी भारत को भी लगी जब यात्री ने बताया कि किस तरह से उनसे पार्किंग कर्मियों द्वारा 24 घंटे 55 मिनट के ₹36 वसूले गए और जब उन्होंने कहां कि यह राशि ज्यादा है या फिर किस हिसाब से उनसे यह राशि ली जा रही है उसकी रसीद दे लेकिन पार्किंग कर्मियों ने रसीद देने से साफ इंकार कर दिया पार्किंग कर्मी द्वारा उसी कच्ची पर्ची में ही राशि और तारीख लिख दिया पार्किंग कर्मी का यह भी कहना था कि इस किराए में जीएसटी भी लगा हुआ है लेकिन रसीद में किसी भी चीज का उल्लेख नहीं था हालांकि यात्री ने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया लेकिन पार्किंग स्थल में वाहन खड़े करने की पर्ची जरूर ईटीवी भारत के संवाददाता को दे दी

जिसके बाद इस पर्ची को लेकर ईटीवी भारत की टीम रायपुर डीआरएम ऑफिस पहुंची यहां पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने डीआरएम कौशल किशोर को इस पूरे मामले से अवगत कराया

जिस पर डीआरएम कौशल किशोर का कहना था कि रेलवे की ओर से पूर्व में ही पार्किंग ठेकेदारों को कंप्यूटर राइट पर्ची निकाले जाने के निर्देश दिए हैं जिसमें वाहन क्रमांक सहित उनके आने-जाने का समय , ओर 0 पार्किंग का किराया लिखा हो साथी जीएसटी के नाम पर कितनी राशि काटी जा रही है उसका भी उल्लेख हो । डीआरएम ने कहा कि यदि पार्किंग स्थल के कर्मचारियों द्वारा किसी तरह की गड़बड़ी की जाती है या फिर अवैध वसूली जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी
बाइट कौशल किशोर डीआरएम रायपुर




Conclusion:डीआरएम की मानें तो उन्होंने पहले ही पार्किंग ठेकेदारों को कंप्यूटर राइट रसीद देने के लिए निर्देश दिए हैं लेकिन इसके बावजूद पार्किंग ठेकेदार मनमानी करते हुए हाथ से बनी हुई पर्ची यात्रियों को दे रहे हैं जो कहीं ना कहीं विवाद की स्थिति भी निर्मित कर रहा है

साथ ही यात्री पार्किंग का पैसा देने के बाद अपने आप को ठगा हुआ भी महसूस करता हैं ऐसे में रेलवे प्रशासन को चाहिए कि इस निर्देश का सख्ती से पालन कराएं जिससे आने वाले समय में यात्रियों और पार्किंग कर्मियों के बीच किसी तरह के विवाद की स्थिति निर्मित ना हो सके अब देखने वाली बात है कि डीआरएम के इन निर्देशों का पालन पार्किंग ठेकेदारों द्वारा कब तक किया जाता है
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