रायपुर: पशु चिकित्सक डॉक्टर संजय जैन ने बताया, की पालतू पशुओं में तो श्वान पलकों के लिए यह समय अच्छा नहीं है. खासकर जिन्होंने छोटे बच्चे पाल रखे हैं ओर उनका समय पर टीकाकरण नहीं किया गया है या फिर टीकाकरण पूर्ण नहीं हुआ है. ऐसे में उन श्वान पालकों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. टीकाकरण कंप्लीट ना होने की वजह से उनमे गैस्ट्रोएंट्राइटिस नामक बीमारी फैली है. जिसमें खूनी दस्त, उल्टी सहित लसलसापन लिए उल्टी होता है और यह दिन भर में कई बार करते हैं. जिसके कारण वह डिहाइड्रेट होते जाते हैं. उनमे खून की कमी होते चली जाती है और शरीर का तापमान गिरता जाता है.
लापरवाही से जा सकती है जान: डॉक्टर संजय जैन ने बताया कि "इनका समय पर सुबह शाम उचित उपचार नहीं किया जाता, तो बहुत मुश्किल है कि यह बच पाएं. उपचार के बाद भी बहुत सारे पशु 5 से 7 दिन बाद कुछ ठीक होते हैं और कुछ का देहांत भी जाता है. इसलिए अभी जो भी छोटे पशु या पपीस खरीदना चाहते हैं, उनसे मेरा आग्रह है कि बच्चों को देखभाल करें. यदि उनमें पहला टीकाकरण करवा लें तो और अच्छी बात होगी. यदि आपने पहले से पशु लेकर रखा है, तो तत्काल पास के पशु चिकित्सक से मिलकर उसका टीकाकरण जरूर कराएं. यही एकमात्र उपाय है कि हम इस बीमारी से बचा सकें.
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बदबूदार उल्टी के साथ होगा खूनी दस्त: डॉक्टर संजय जैन ने बताया कि "यह साधारण नहीं है, यह वायरल डिजीज है. इसमें खूनी दस्त होगा, पहले हल्का सफेद रंग का दस्त होता है, फिर धीरे से गुलाबी होगा, फिर लाल रक्त वाला होगा. इसमें इतनी तेज सड़ी मच्छी की बदबू आती है कि आप दूर से ही पहचान जाओगे की डॉक्टर जैसा बता रहे हैं, वह उस बीमारी से ग्रस्त है. उल्टी साधारण उल्टी नहीं होकर चिपचिपा उल्टी होता है और कुछ भी खाना पानी देने से खाते पीते नहीं हैं और खाए, तो तुरंत ही उल्टी कर देते हैं."
स्वास्थ्य खराब होने पर तत्काल डॉक्टरों की लें सलाह: इन सारे लक्षणों को ध्यान में रखते हुए हम इसे कह सकेंगे कि उसे गैस्ट्रोएन्टेराइटिस है. यदि फिर भी नहीं समझ में आता है, तो पास के पशु चिकित्सक के पास जाकर इस बीमारी कंफर्मेशन कराएं और उपचार भी कराएं.