रायपुर/दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में वित्तीय वर्ष 2022-23 का आम बजट बेश किया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा बजट है. इस बजट में आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. जिससे आम आदमी की सारी उम्मीदें टूट गई हैं. सबसे ज्यादा मध्यमवर्गीय परिवार को इस बजट से धक्का लगा है. कॉरपोरेट कर में राहत दी गई है. वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट टैक्स को 18 प्रतिशत से घटकर 15 फीसदी करने का ऐलान किया. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 15 फीसदी टैक्स लगाने सहित क्रिप्टोकरेंसी से आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की उन्होंने बात कही है.
अर्थशात्रियों ने बजट पर जाहिर की चिंता
केंद्रीय बजट को लेकर अर्थशास्त्री तपेश गुप्ता का कहना है कि बजट में सबसे ज्यादा अपेक्षा मध्यमवर्गीय परिवारों को थी. लेकिन बजट से मध्यमवर्गीय परिवार को निराशा हाथ लगी है. कोरोना के मद्देनजर सरकार ने सभी वर्गों से सहयोग की अपील की थी. लोगों ने सहयोग भी किया. लेकिन जब बजट की बात आई तब टैक्स स्लैब भी वही रखा. नगद पैसा मिलने वाला था, उसमें भी सरकार ने 4% की कटौती कर दी. जो एक झटके से कम नहीं है.
बघेल ने बजट को दिशाहीन बजट बताया
सीएम भूपेश बघेल ने केंद्रीय बजट 2022-23 पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस बजट को दिशाहीन बजट बताया है. सीएम ने कहा है कि इस बजट में न तो मजदूरों के लिए कोई प्रावधान किए गए और न ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए बजट में कोई बात की गई है. सीएम बघेल ने कहा कि पुराने बजट में जितने भी विषय शामिल थे उसे पूरा करने के लिए इस बजट में कुछ नहीं किया गया है.
रमन सिंह ने बजट की तारीफ की
आम बजट को लेकर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बजट के लिए मैं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. बजट में 130 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का समावेश है. बजट को अगले 25 साल के ब्लूप्रिंट की तरह बनाया गया है.वामपंथी नेताओं ने कहा कि बजट पूरी तरह से किसान विरोधी है. धान खरीदी की राशि को घटाया गया है. जिससे यह प्रतीत होता है कि किसान की फसल खरीदने से सरकार अब बचना चाहती है.
आयकर में राहत नहीं देने से सरगुजा वासियों में आम बजट 2022-23 को लेकर मायूसी दिखी. बिलासपुर और रायपुर के लोगों ने भी बजट में टैक्स छूट नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है