रायपुर: उत्तर दिशा कुबेर की दिशा मानी जाती है. कुबेर धन के अधिष्ठाता देवता माने गए (Vastu Tips for Money Gain) हैं. कुबेर के पास सर्वाधिक धन, वित्त, रत्नमाला, सोने-चांदी, जवाहरात अनंत मात्रा में है. अतः उत्तर दिशा के क्षेत्र में लॉकर और धन को रखने की व्यवस्था की जाती है. उत्तर दिशा के मूल स्वामी कुबेर महाराज माने जाते हैं. धन रखते समय यह ध्यान रखें कि अलमारी की दिशा खोलते समय उत्तर दिशा की ओर खुले. लॉकर में श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र, गंगा का जल, गौ अर्क और चांदी के सिक्के रखे जाते हैं. सिक्के में महालक्ष्मी की सुंदर आकृति होनी चाहिए.
उत्तर दिशा में रखा जाना चाहिए लॉकर: फैक्ट्री अथवा ऑफिस में ऐसा जोन जो उत्तर दिशा में पड़ता है, वहां पर लॉकर को रखा जाता है. इस लॉकर को प्रतिदिन नियमित रूप से धूप अगरबत्ती या दीपक दिखाया जाना चाहिए. अग्नि का मूल स्वभाव आगे बढ़ने का है. ऊपर जाने का है. अतः अग्नि से हम ऊपर जाने, आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं. उत्तर दिशा एक शुद्ध दिशा मानी जाती है. पवित्र दिशा मानी जाती है. यहां पर ही कैलाश पर्वत और श्री पशुपतिनाथ भगवान का मंदिर होता है.
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महालक्ष्मी माता की होती है कृपा: घरों में जब अपना पैसा रखें तो यह ध्यान रखें कि दक्षिण की दीवार से लगी हुई अलमारी में धन को रखना चाहिए. वहां पर चांदी अथवा सोने की लक्ष्मी जी की मूर्ति से बना हुआ फोटो या सिक्का रखना चाहिए. जहां कहीं भी हम धन रखते हैं, वहां यह ध्यान रखने वाली बात है कि पूरा क्षेत्र साफ- सुथरा होना चाहिए. पूरे जोन में कोई भी अशुद्धि नहीं होनी चाहिए.
माता महालक्ष्मी को स्वच्छता बहुत प्रिय है: ऐसी मान्यता है कि महालक्ष्मी को स्वच्छता बहुत प्रिय है. वह सुरक्षित स्थानों में ही रहना पसंद करती है. लक्ष्मी की एक बहन है, जिसे अलक्ष्मी कहा जाता है. वह गंदगी, आलस्य से भरे क्षेत्र, बेतरतीब रखे हुए सामानों में वास करती है. अतः हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जहां कहीं भी घर का पैसा या पासबुक रखा जाता है, वह क्षेत्र पूरी तरह से साफ-सुथरा होना चाहिए.
लक्ष्मी सुक्तम का पाठ करना चाहिए: धन में वृद्धि के लिए श्री सुक्तम, लक्ष्मी सुक्तम पुरुषोत्तम का भी पाठ जातक को करना चाहिए. अन्यथा धन को आने में बड़ा समय लगता है. जाने में बिल्कुल भी समय नहीं लगता. कठिन श्रम, पुरुषार्थ और मेहनत से कमाए हुए धन को सम्मान देना भी हमारा नैतिक कर्तव्य है.