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शुरू हुई डिनर राजनीति : सर्व आदिवासी समाज के बंद के बाद सीएम के घर भोज, रसोइयों को हटा मंत्री लखमा ने खुद तले पकौड़े

रायपुर: राज्य सरकार के खिलाफ(Against) चल रहे सर्व आदिवासी समाज (sarwa adiwashi samaj)के विरोध व प्रदेश बंद के एक दिन बाद ही कांग्रेस (congress)की ओर से डिनर (dinner)का आयोजन किया गया. दरअसल, मुख्यमंत्री आवास (chief minister's residence) में मंगलवार रात बस्तर के आदिवासी समाज (adiwasi samaj) के प्रमुखों के लिए भोज(Bhooj) का आयोजन किया गया.

dinner at cm residence
शुरू हुई डिनर राजनीति
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Published : Sep 22, 2021, 12:28 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 1:09 PM IST

रायपुर: राज्य सरकार के खिलाफ(Against) चल रहे सर्व आदिवासी समाज (sarwa adiwashi samaj) के विरोध व प्रदेश में बंद के एक दिन बाद ही कांग्रेस (congress)की ओर से डिनर (dinner) का आयोजन किया गया. दरअसल, मुख्यमंत्री आवास (chief minister's residence) में मंगलवार रात बस्तर के आदिवासी समाज (adiwasi samaj) के प्रमुखों के लिए भोज (Bhooj) का आयोजन किया गया.

अमित शाह के रिमोट कंट्रोल पर चल रहे हैं असदुद्दीन ओवैसी : कांग्रेस विधायक

जिसमें बस्तर के प्रभारी मंत्री (Minister in charge of Bastar)कवासी लखमा (kawasi lakhma) तकरीबन 300 लोगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. जहां मुख्यमंत्री ने सभी से बातें करते हुए उचित व्यवस्था का आश्वासन दिया. इस दौरान उन्होंने बस्तर संभाग (Bastar Division) के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों (Swami Atmanand English Medium School)में छात्रावास (Hostel) की सुविधा देने की भी घोषणा (Announcement) की.

कवासी लखमा ने उठाया भोज का जिम्मा

वहीं, रात्रि भोज के व्यवस्था के दौरान खुद कवासी लखमा ने सारा जिम्मा उठाते हुए होटल से आए रसोइए को हटाकर पकौड़े की कड़ाही खुद संभाल ली. इधर, रात्रि भोज के दौरान मुख्यमंत्री बघेल, मंत्री कवासी लखमा और बस्तर क्षेत्र के कांग्रेस विधायकों ने आदिवासी समाज के प्रमुखों और प्रतिनिधियों के साथ भोजन किया.

भोज के बाद हुई समस्याओं पर चर्चा

भोजन के बाद बस्तर की समस्याओं पर भी दोनों पक्षों के बीच चर्चा हुई. चर्चा में राज्य सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूल प्रारंभ कर गरीब और आदिवासी परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए एक अनोखी पहल की है. बताया जा रहा है कि इन स्कूलों में छात्रावास हो जाए, तो बस्तर के दूर-दराज के बच्चों को भी इसका लाभ मिल सकेगा.

सीएम बघेल ने दिया आश्वासन

इस दौरान चर्चा में सीएम भूपेश बघेल ने सभी को आश्वासन दिया कि बस्तर संभाग में जहां भी स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुले हैं, वहां बच्चों के लिए हॉस्टल की भी व्यवस्था की जाएगी. आगे उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह मंशा है कि आदिवासी अंचलों के लोगों को भी वैसी ही सुविधाएं मिले जैसी मैदानी क्षेत्रों के लोगों को मिल रही हैं. राज्य सरकार आदिवासी अंचलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

अजीत जोगी ने शुरु की थी पकौड़ा राजनीति

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब प्रदेश में पकौड़ा राजनीति हुई हो. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा भी कई बार पकौड़ा पार्टी आयोजित किया जा चुका है.जिसमें भारी संख्या में उनके समर्थक उपस्थित होते थे. इन पार्टियों के माध्यम से ही कयास लगाया जाता था कि कौन जोगी के साथ है और कौन नहीं. इस पकौड़ा पार्टी के जरिए जोगी दोस्तों और विरोधियों दोनों को राजनीतिक संदेश देते हुए अपनी ओर आकर्षित करते थे.

ये सभी थे मौजूद

वहीं, बघेल के पकौड़ा पार्टी में आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल में गोंड, धुरवा, हल्बा, दोरला, मुरिया, माड़िया सहित विभिन्न आदिवासी समाज के प्रतिनिधि शामिल रहे. इसके अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, विधायक रेखचंद जैन, चंदन कश्यप, संतराम नेताम, राजमन वेंजाम और विक्रम मंडावी भी इस अनौखी राजनीतिक भोज में शामिल रहे.

खैर, जो भी हो लेकिन राज्य सरकार की ये डिनर वाली राजनीति कितना असर करती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा. हालांकि मौजूदा समय में आदिवासी समाज का गुस्सा कुछ शांत जरूर लग रहा है.

रायपुर: राज्य सरकार के खिलाफ(Against) चल रहे सर्व आदिवासी समाज (sarwa adiwashi samaj) के विरोध व प्रदेश में बंद के एक दिन बाद ही कांग्रेस (congress)की ओर से डिनर (dinner) का आयोजन किया गया. दरअसल, मुख्यमंत्री आवास (chief minister's residence) में मंगलवार रात बस्तर के आदिवासी समाज (adiwasi samaj) के प्रमुखों के लिए भोज (Bhooj) का आयोजन किया गया.

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जिसमें बस्तर के प्रभारी मंत्री (Minister in charge of Bastar)कवासी लखमा (kawasi lakhma) तकरीबन 300 लोगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. जहां मुख्यमंत्री ने सभी से बातें करते हुए उचित व्यवस्था का आश्वासन दिया. इस दौरान उन्होंने बस्तर संभाग (Bastar Division) के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों (Swami Atmanand English Medium School)में छात्रावास (Hostel) की सुविधा देने की भी घोषणा (Announcement) की.

कवासी लखमा ने उठाया भोज का जिम्मा

वहीं, रात्रि भोज के व्यवस्था के दौरान खुद कवासी लखमा ने सारा जिम्मा उठाते हुए होटल से आए रसोइए को हटाकर पकौड़े की कड़ाही खुद संभाल ली. इधर, रात्रि भोज के दौरान मुख्यमंत्री बघेल, मंत्री कवासी लखमा और बस्तर क्षेत्र के कांग्रेस विधायकों ने आदिवासी समाज के प्रमुखों और प्रतिनिधियों के साथ भोजन किया.

भोज के बाद हुई समस्याओं पर चर्चा

भोजन के बाद बस्तर की समस्याओं पर भी दोनों पक्षों के बीच चर्चा हुई. चर्चा में राज्य सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूल प्रारंभ कर गरीब और आदिवासी परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए एक अनोखी पहल की है. बताया जा रहा है कि इन स्कूलों में छात्रावास हो जाए, तो बस्तर के दूर-दराज के बच्चों को भी इसका लाभ मिल सकेगा.

सीएम बघेल ने दिया आश्वासन

इस दौरान चर्चा में सीएम भूपेश बघेल ने सभी को आश्वासन दिया कि बस्तर संभाग में जहां भी स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुले हैं, वहां बच्चों के लिए हॉस्टल की भी व्यवस्था की जाएगी. आगे उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह मंशा है कि आदिवासी अंचलों के लोगों को भी वैसी ही सुविधाएं मिले जैसी मैदानी क्षेत्रों के लोगों को मिल रही हैं. राज्य सरकार आदिवासी अंचलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

अजीत जोगी ने शुरु की थी पकौड़ा राजनीति

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब प्रदेश में पकौड़ा राजनीति हुई हो. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा भी कई बार पकौड़ा पार्टी आयोजित किया जा चुका है.जिसमें भारी संख्या में उनके समर्थक उपस्थित होते थे. इन पार्टियों के माध्यम से ही कयास लगाया जाता था कि कौन जोगी के साथ है और कौन नहीं. इस पकौड़ा पार्टी के जरिए जोगी दोस्तों और विरोधियों दोनों को राजनीतिक संदेश देते हुए अपनी ओर आकर्षित करते थे.

ये सभी थे मौजूद

वहीं, बघेल के पकौड़ा पार्टी में आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल में गोंड, धुरवा, हल्बा, दोरला, मुरिया, माड़िया सहित विभिन्न आदिवासी समाज के प्रतिनिधि शामिल रहे. इसके अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, विधायक रेखचंद जैन, चंदन कश्यप, संतराम नेताम, राजमन वेंजाम और विक्रम मंडावी भी इस अनौखी राजनीतिक भोज में शामिल रहे.

खैर, जो भी हो लेकिन राज्य सरकार की ये डिनर वाली राजनीति कितना असर करती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा. हालांकि मौजूदा समय में आदिवासी समाज का गुस्सा कुछ शांत जरूर लग रहा है.

Last Updated : Sep 22, 2021, 1:09 PM IST
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