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दिवालियापन की कगार पर है कर्जे में डूबा छत्तीसगढ़ : धरमलाल कौशिक

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने छत्तीसगढ़ सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अभी दो बार बारिश के कारण धान की खेती प्रभावित हुई है. जब तक समय सीमा में वृद्धि नहीं की जाएगी, तब तक यह संभव नहीं होगा कि सारे किसानों के धान खरीदे जा सकें. मुख्यमंत्री ने जो आश्वस्त किया है कि हम सभी का धान खरीदेंगे, तो उसके लिए समय सीमा बढ़ानी चाहिये.

धरमलाल कौशिक बोले दिवालियापन की कगार पर है कर्जे में डूबा छत्तीसगढ़
धरमलाल कौशिक बोले दिवालियापन की कगार पर है कर्जे में डूबा छत्तीसगढ़
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Published : Jan 18, 2022, 11:11 PM IST

रायपुर : राजधानी रायपुर के शंकरनगर स्थित अपने निवास में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ न सिर्फ डूबता चला जा रहा है, बल्कि दिवालियापन की तरफ है. वहीं बारिश की वजह से धान खरीदी प्रभावित हुई है. उन्होंने सरकार से धान खरीदी की तारीख बढ़ाने की मांग की है.

धरमलाल कौशिक बोले दिवालियापन की कगार पर है कर्जे में डूबा छत्तीसगढ़
सरकार की आर्थिक बदहाली की स्थिति दिखा रही यह कार्रवाई नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) की आर्थिक बदहाली की स्थिति को दिखा रही है. यह हम लोग लगातार बोल रहे हैं कि सरकार केवल कर्जा रहे ले रही है. कर्जा चुकाने के लिए और कर्जा ले रही है. इस प्रकार से आखिर बैंक को कार्रवाई करने की क्या जरूरत पड़ी. स्वाभाविक रूप से बैंक कार्रवाई करता है. उसके पहले नोटिस जारी किया जाता है. एक समय अवधि तय की जाती है कि इतने दिन के अंदर यदि राशि पटा दी जाए. उसके बाद में भी जब डिफॉल्ट होता है तब बैंक उसमें अधिकृत कार्रवाई करता है. निश्चित रूप से जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ में सरकार चल रही है और केवल कर्जा ले रही है, आज स्थिति यह है कि बैंक संपत्ति जब्त कर रहा है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि छत्तीसगढ़ की आर्थिक हालत क्या है. आज यह कहने में कोई संदेह नहीं है कि छत्तीसगढ़ न केवल कर्जे में डूबता जा रहा है बल्कि आर्थिक दिवालियापन की कगार (Dharamlal Kaushik said Chhattisgarh stands on the verge of bankruptcy) पर खड़ी है.सरकार नक्सलवाद को खत्म करने में असमर्थ नक्सलियों की हरकत सरकार के दावे की पोल खोल रही है. अंतिम ठिकाना के बात में नहीं करता लेकिन आप लगातार अगर नक्सलियों की घटनाएं देखेंगे कि जहां पर सड़कें बनाई जा रही हैं या कुछ अन्य कार्य किए जाते हैं, वहां किस प्रकार से नक्सली ठेकेदार, मजदूर, मालिक या उनकी मशीन को जला दे रहे हैं. जिस प्रकार से उनकी हत्या की जा रही है, यह लगने लगा है कि नक्सलवाद खत्म नहीं हो रहा है. बल्कि नक्सलियों का मनोबल बढ़ गया है.

मॉनीटरिंग के बाद भी नहीं बढ़ रही कांग्रेस की सदस्यता
कांग्रेस की सदस्यता अभियान की समीक्षा वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की है. इसके अलावा कांग्रेस सचिव, पूनिया जी, मोहन मरकाम ने भी समीक्षा की है. लेकिन किसी की इच्छा नहीं है कांग्रेस से जोड़ने की. इतनी मॉनीटरिंग के बाद भी कांग्रेस के सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ रही है. इसका प्रमुख कारण है कि लोगों का रुझान कांग्रेस के प्रति नहीं है.

धान खरीदी के लिए बढ़ाई जानी चाहिए तारीख
अभी दो बार बारिश के कारण धान की खेती प्रभावित हुई है. जब तक समय सीमा में वृद्धि नहीं की जाएगी, तब तक यह संभव नहीं होगा कि सारे किसानों के धान खरीदे जा सकें. सरकार द्वारा या मंत्री द्वारा यह कहना कि हम डबल कांटा लगाएंगे, डबल व्यवस्था करेंगे, यह तो कहने का विषय है. वास्तव में सरकार को समय का आकलन करते हुए अभी से तैयारी करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने जो आश्वस्त किया है कि हम सभी का धान खरीदेंगे, तो उसके लिए समय सीमा बढ़ानी चाहिये.

रायपुर : राजधानी रायपुर के शंकरनगर स्थित अपने निवास में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ न सिर्फ डूबता चला जा रहा है, बल्कि दिवालियापन की तरफ है. वहीं बारिश की वजह से धान खरीदी प्रभावित हुई है. उन्होंने सरकार से धान खरीदी की तारीख बढ़ाने की मांग की है.

धरमलाल कौशिक बोले दिवालियापन की कगार पर है कर्जे में डूबा छत्तीसगढ़
सरकार की आर्थिक बदहाली की स्थिति दिखा रही यह कार्रवाई नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) की आर्थिक बदहाली की स्थिति को दिखा रही है. यह हम लोग लगातार बोल रहे हैं कि सरकार केवल कर्जा रहे ले रही है. कर्जा चुकाने के लिए और कर्जा ले रही है. इस प्रकार से आखिर बैंक को कार्रवाई करने की क्या जरूरत पड़ी. स्वाभाविक रूप से बैंक कार्रवाई करता है. उसके पहले नोटिस जारी किया जाता है. एक समय अवधि तय की जाती है कि इतने दिन के अंदर यदि राशि पटा दी जाए. उसके बाद में भी जब डिफॉल्ट होता है तब बैंक उसमें अधिकृत कार्रवाई करता है. निश्चित रूप से जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ में सरकार चल रही है और केवल कर्जा ले रही है, आज स्थिति यह है कि बैंक संपत्ति जब्त कर रहा है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि छत्तीसगढ़ की आर्थिक हालत क्या है. आज यह कहने में कोई संदेह नहीं है कि छत्तीसगढ़ न केवल कर्जे में डूबता जा रहा है बल्कि आर्थिक दिवालियापन की कगार (Dharamlal Kaushik said Chhattisgarh stands on the verge of bankruptcy) पर खड़ी है.सरकार नक्सलवाद को खत्म करने में असमर्थ नक्सलियों की हरकत सरकार के दावे की पोल खोल रही है. अंतिम ठिकाना के बात में नहीं करता लेकिन आप लगातार अगर नक्सलियों की घटनाएं देखेंगे कि जहां पर सड़कें बनाई जा रही हैं या कुछ अन्य कार्य किए जाते हैं, वहां किस प्रकार से नक्सली ठेकेदार, मजदूर, मालिक या उनकी मशीन को जला दे रहे हैं. जिस प्रकार से उनकी हत्या की जा रही है, यह लगने लगा है कि नक्सलवाद खत्म नहीं हो रहा है. बल्कि नक्सलियों का मनोबल बढ़ गया है.

मॉनीटरिंग के बाद भी नहीं बढ़ रही कांग्रेस की सदस्यता
कांग्रेस की सदस्यता अभियान की समीक्षा वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की है. इसके अलावा कांग्रेस सचिव, पूनिया जी, मोहन मरकाम ने भी समीक्षा की है. लेकिन किसी की इच्छा नहीं है कांग्रेस से जोड़ने की. इतनी मॉनीटरिंग के बाद भी कांग्रेस के सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ रही है. इसका प्रमुख कारण है कि लोगों का रुझान कांग्रेस के प्रति नहीं है.

धान खरीदी के लिए बढ़ाई जानी चाहिए तारीख
अभी दो बार बारिश के कारण धान की खेती प्रभावित हुई है. जब तक समय सीमा में वृद्धि नहीं की जाएगी, तब तक यह संभव नहीं होगा कि सारे किसानों के धान खरीदे जा सकें. सरकार द्वारा या मंत्री द्वारा यह कहना कि हम डबल कांटा लगाएंगे, डबल व्यवस्था करेंगे, यह तो कहने का विषय है. वास्तव में सरकार को समय का आकलन करते हुए अभी से तैयारी करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने जो आश्वस्त किया है कि हम सभी का धान खरीदेंगे, तो उसके लिए समय सीमा बढ़ानी चाहिये.

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