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Dhanteras 2022 धनतेरस मनाने की पौराणिक मान्यता और कथा - धनतेरस और  भगवान विष्णु से जुड़ी कथा

Dhanteras 2022 धनतेरस के दिन भगवान धन कुबेर, धनवंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान बताया गया है. ऐसा कहते हैं कि धनतेरस पर इनकी पूजा से धन प्राप्ति और अरोग्य का वर मिलता है. इसलिए इस दिन की हिंदू धर्म में खास मान्यता है. साथ ही साथ धनतेरस से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं.

धनतेरस मनाने की पौराणिक मान्यता और कथा
धनतेरस मनाने की पौराणिक मान्यता और कथा
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Published : Oct 20, 2022, 6:01 PM IST

Updated : Nov 10, 2023, 3:47 PM IST

Dhanteras 2022 : धनतेरस के दिन धनकुबेर और धनवंतरि देव की पूजा होती है, इसलिये इस त्योहार को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस मनाने की कई पौराणिक कथाएं प्रसिद्ध हैं. उनमें से एक है समुद्र मंथन की (Story behind the celebration of Dhanteras) कथा.

क्या है धनतेरस और समुद्र मंथन की कथा : समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन ही भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर समुद्र से प्रकट हुए थे. इसलिए उनके अवतरण दिवस के रूप में धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है और उनका पूजन होता है.भगवान धनवंतरि को औषधि और चिकित्सा का देवता माना जाता है. वो स्वयं भगवान विष्णु का अंशावतार है और संपूर्ण संसार को आरोग्य प्रदान करते हैं.

धनतेरस और भगवान विष्णु से जुड़ी कथा : इसके साथ ही धनतेरस मनाने के पीछे भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा का भी उल्लेख आता है. भागवत पुराण के अनुसार धनतेरस के दिन ही वामन अवतार ने असुर राज बलि से दान में तीनों लोक मांगी थी. देवताओं को उनकी खोई हुई संपत्ति और स्वर्ग प्रदान किया था. इसी उपलक्ष्य में देवताओं नें धनतेरस का पर्व मनाया था.

ये भी पढ़ें- धनतेरस में सोना खरीदने से जुड़ी मान्यताएं

धनतेरस के दिन पूजा विधि : धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी के पूजन से स्वास्थ्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है, तो वहीं धन कुबेर के पूजन से धन और संपत्ति हमारे घर में आती है. धनतेरस का त्योहार घर में सुख-समृद्धि के आगमन का त्योहार है. इस दिन कई जगहों पर यम दीपक निकालने की भी परंपरा है. इस दिन आधी रात को घर के पीछे यम दीपक निकाला जाता है. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से घर पर किसी की अकाल मृत्यु नहीं होती है.

Dhanteras 2022 : धनतेरस के दिन धनकुबेर और धनवंतरि देव की पूजा होती है, इसलिये इस त्योहार को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस मनाने की कई पौराणिक कथाएं प्रसिद्ध हैं. उनमें से एक है समुद्र मंथन की (Story behind the celebration of Dhanteras) कथा.

क्या है धनतेरस और समुद्र मंथन की कथा : समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन ही भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर समुद्र से प्रकट हुए थे. इसलिए उनके अवतरण दिवस के रूप में धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है और उनका पूजन होता है.भगवान धनवंतरि को औषधि और चिकित्सा का देवता माना जाता है. वो स्वयं भगवान विष्णु का अंशावतार है और संपूर्ण संसार को आरोग्य प्रदान करते हैं.

धनतेरस और भगवान विष्णु से जुड़ी कथा : इसके साथ ही धनतेरस मनाने के पीछे भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा का भी उल्लेख आता है. भागवत पुराण के अनुसार धनतेरस के दिन ही वामन अवतार ने असुर राज बलि से दान में तीनों लोक मांगी थी. देवताओं को उनकी खोई हुई संपत्ति और स्वर्ग प्रदान किया था. इसी उपलक्ष्य में देवताओं नें धनतेरस का पर्व मनाया था.

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धनतेरस के दिन पूजा विधि : धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी के पूजन से स्वास्थ्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है, तो वहीं धन कुबेर के पूजन से धन और संपत्ति हमारे घर में आती है. धनतेरस का त्योहार घर में सुख-समृद्धि के आगमन का त्योहार है. इस दिन कई जगहों पर यम दीपक निकालने की भी परंपरा है. इस दिन आधी रात को घर के पीछे यम दीपक निकाला जाता है. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से घर पर किसी की अकाल मृत्यु नहीं होती है.

Last Updated : Nov 10, 2023, 3:47 PM IST
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