रायपुर: देव जागरण या देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi 2021) इस बार 14 और 15 नवंबर को 2 दिन पड़ रहा हैं. इसके बाद विवाह (Marriage) और मांगलिक कार्यों के शुभ योग प्रारंभ हो जाते हैं. सनातन धर्म में विवाह एक प्रमुख संस्कार है. कुल 16 संस्कारों में इस संस्कार को विशेष महत्व दिया गया है. वहीं, इस वर्ष दिसंबर माह में विवाह (Marriage) के कुल 4 शुभ मुहूर्त (Auspicious time ) बन रहे हैं, लेकिन 16 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी के बीच खरमास लगने की वजह से विवाह कार्य एक बार पुनः बंद हो जाते हैं. यानी 14 जनवरी मकर संक्रांति के उपरांत विवाह मुहूर्त और मांगलिक कार्यों की शुरुआत फिर से हो जाएगी.
इस साल के अंत तक 8 विवाह मुहूर्त, सर्वार्थसिद्धि और रवि योग में मनाया जाएगा देवउठनी एकादशी
दिसंबर माह में शादियों के चार शुभ मुहूर्त
बता दें कि इस साल 1 दिसंबर बुधवार के दिन मार्ग कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि को स्वाति नक्षत्र और शोभन योग के प्रभाव में विवाह का शुभ मुहूर्त है. गुदगुदाती ठंड के बीच विवाह संस्कार का होना एक अलग आनंद प्रदान करता है. इस विवाह में अग्नि को साक्षी मानकर विवाह करना श्रेष्ठतम माना गया है. अग्नि के चारों ओर फेरे लगाकर ही विवाह को संपन्न किया जाना चाहिए. मध्य रात्रि सिंह लग्न में 11:35 से लेकर रात्रि 12:53 के बीच यह योग बन रहा है. आज के शुभ दिन जेष्ठा में बुध तुला राशि उत्तराषाढ़ा में शुक्र आदि सुंदर योग हैं. इस शुभ दिन जाट कर्म नामकरण आदि के लिए भी बहुत शुभ माना गया है.
ये है विवाह का दूसरा मुहूर्त
वहीं, विवाह जैसा शुभ कार्य अंगारक चतुर्थी या विनायक चतुर्थी के सुंदर योग में हो तो उसकी महत्ता और बढ़ जाती है. 7 दिसंबर मंगलवार को रवि योग गणेश चतुर्थी आदि का सुंदर संयोग बन रहा है. उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में कुंभ लग्न की बेला में दोपहर के समय सुबह 11:05 से लेकर दोपहर 12:39 के मध्य विवाह का बहुत सुंदर योग है. इस दिन मंगलवार के प्रभाव में रहेगा. मंगल ग्रह मंगलिया प्रदान करता है.इस दिन विवाह करने वाले जातक श्री हनुमान चालीसा बजरंग बाण सुंदरकांड आदि का वितरण भी करें. गौ माता को वस्त्र गौ माता को वस्त्र अन्य हरी चीजों का भोग लगाकर विवाह करना उचित रहेगा. साथ ही गरीब और दीनदुखियों को भी भोजन आदि कराकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.
ये है तीसरा शुभ मुहूर्त
साथ ही दिसंबर में विवाह का तीसरा मुहूर्त 11 दिसंबर शनिवार दुर्गा अष्टमी इस दिन पड़ रहा है. इस दिन रवि योग भी है. अष्टमी का दिन विशेष शुभ माना जाता है. उत्तराभाद्र नक्षत्र में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में 12:14 से लेकर मध्य रात्रि 2:23 तक पानी ग्रहण संस्कार या कन्यादान संस्कार करना श्रेष्ठ रहेगा. शनिवार का दिन होने की वजह से श्याम वर्ण की गायों को भोजन वस्त्र और हरी सब्जियों का भोग लगाना उचित रहेगा. इस दिन श्री हनुमत दर्शन कर विवाह संस्कार प्रारंभ करना चाहिए. वर और वधु दोनों को ही ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए. श्री हरि विष्णु महादेव और श्री हनुमंत महाराज की आस्था पूर्वक साधना और उपासना करनी चाहिए. न्याय के देवता शनि महाराज माने जाते हैं. अतः आज के दिन गरीबों को कंबल वस्त्र आदि का दान करना चाहिए.
ये भी दिन है बेहद शुभ
इसके अलावा 13 दिसंबर सोमवार के शुभ दिन रवि योग के प्रभाव में रेवती नक्षत्र में विवाह का शुभ मुहूर्त है. इस शुभ दिन विवाह लग्न के तीन-तीन सुंदर शुभ योग बन रहे हैं. प्रातः काल धनु लग्न की बेला में सुबह 6:45 से लेकर सुबह 8:53 तक दिन तक सुबह 10:40 से लेकर दोपहर दोपहर 12:15 तक कुंभ लगन की बेला में विवाह का शुभ मुहूर्त है. इस मुहूर्त में गुरु महाराज द्विबली होकर विराजमान रहेंगे. साथ ही सूर्य भी द्विभाव में विद्यमान रहेगा. मध्य रात्रि को 12:06 से लेकर 12:52 तक कन्या लग्न में विवाह का सुयोग बन रहा है. इस दिन रवि योग नामकरण शिल्प आरंभकरण मर्दन योग भी है. चंद्रवार के दिन वर और वधू को भगवान शिव के नाम पर उपासना साधना और व्रत करना चाहिए. बारात का प्रस्थान शिव मंदिर में जल चढ़ाकर करना श्रेष्ठ रहेगा. इसी तरह वधू प्रातः काल की बेला में स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान शिव के दर्शन कर मंडप में विराजमान हो. इस दिन विवाह करने पर शिव मंदिर में जरूर जाएं.