रायपुर: देवी की आराधना के नौ दिन यानी नवरात्रि का आज पहला दिन है. इस नवरात्रि कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. 9 दिनों में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री भक्तों का कल्याण करती हैं.
9 दिनों की नवरात्रि में हर दिन अपनी शक्तियों के लिए खास है. 9 दिन देवियों के 9 रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन देवी के पहले रूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री का विग्रह एक हाथ में त्रिशूल, एक हाथ में कमल धारण किए है. मां का रूप धवल वस्त्र धारण, साथ ही धर्म के प्रतीक नंदी पर विराजमान अद्भुत नजर आता है.
इस विधान से करें देवी की स्थापना-
⦁ यह दिन मां की साधना आराधना से व्रत संकल्प लेने का दिन है. इस दिन श्रद्धालु अपनी पूजा का संकल्प ले सकते हैं.
⦁ इसके लिए पहले उन्हें घट स्थापना करने के बाद ही मां की आराधना करनी है. उसके बाद ही व्रत को आगे बढ़ाएं.
⦁ घट स्थापना सुबह 8:30 बजे तक करें. उसके बाद 11:36 से 1:30 बजे के समय घट स्थापना कर सकते हैं.
9 दिन अलग-अलग रूपों की होती है पूजा
नवरात्रि में 9 दिनों तक देवी के 9 रूपों की पूजा की जाती है. हर दिन उनके अलग रूपों की पूजा की जाती है, जिसकी विधियां भी अलग-अलग होती हैं. पूजा पूरे विधि-विधान से करने से मां का पूरा आर्शीवाद मिलेगा.
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29 सितंबर से 7 अक्टूबर तक नवरात्रि
दुर्लभ संयोगों की वजह से इस बार की शारदीय नवरात्रि का महत्व और भी बढ़ गया. शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 29 सितंबर यानि रविवार से हो रही है. 7 अक्टूबर को नवमी यानि नवरात्रि का आखिरी दिन होगा. इस बार नवरात्रि के नौवों दिन मां की अराधना करने के विशेष फल मिलेंगे, सुख शांति की प्राप्ति होगी.