सक्ती : जिले में राखड़ माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. माफियाओं के गैंग ने राखड़ पाटने की अनुमति नहीं मिलने पर खुद ही कलेक्टर और खनिज अधिकारियों का हस्ताक्षर कर दिए और फर्जी अनुमति के दस्तावेज बनाए. अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो तत्काल इसकी शिकायत थाने में की. जिसके बाद पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. लेकिन पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
कलेक्टर का फर्जी हस्ताक्षर कर निकाला आदेश : पुलिस के मुताबिक, सक्ती के खनिज अधिकारी के.के. बंजारे से एक आवेदन मिला था. जिसमें बताया गया कि सक्ती जिले के थाना बाराद्वार के ग्राम डुमरपारा में सरकारी जमीन पर फ्लाई एश डम्पिंग का काम चल रहा है. पुलिस को खनिज आधिकारी ने बाताया कि इस काम के लिए कलेक्टर की जो अनुमति लगी है, वह फर्जी है. इसके आधार पर कूटरचना और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया और जिसके नाम पर अनुमति पत्र था, उससे पूछताछ की गई. उसने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर फर्जी रबर स्टाम्प बनाकर और कलेक्टर का फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश पत्र जारी करना स्वीकार किया.
साक्ष्य के आधार पर इनके पास से फर्जी दस्तावेज, रबर स्टाम्प, सील मुहर आदि को बरामद कर तानों आरोपियों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है. अभी आगे की जांच चल रही है, जो भी और दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी : मनीष कुंवर, एसडीओपी, सक्ती
गिरोह का मुख्य आरोपी फरार : राखड़ माफियाओं के इस गिरोह का मुख्य आरोपी फरार है, जिसे जल्द पकड़ने की बात पुलिस कर रही है. बताया जा रहा है कि उसे कई बड़े नेताओं का संरक्षण मिला हुआ है. वह खुद को एक बड़े नेता का करीबी बताते हुए धौंस भी जमाता है. फिलहाल, पुलिस ने मुख्य आरोपी का नाम उजागर नहीं किया है, लेकिन जल्द ही सबूतों के आधार पर उसे गिरफ्तार करने की बात पुलिस कर रही है. पकड़े गए तीनों आरोपी रायगढ़ जिले के खरसिया के आस पास रहते हैं.