रायपुर: छत्तीसगढ़ में 15 साल सत्ता में रही बीजेपी में फिलहाल कुछ ठीक दिखाई नहीं दे रहा है. एक तरफ जहां प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय अब तक अपनी टीम का विस्तार नहीं कर पाए हैं. वहीं प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी की ओर से दी गई डेडलाइन के बाद भी बची हुई नियुक्ति नहीं हो सकी है. भारतीय जनता युवा मोर्चा में नियुक्तियों के बाद विवाद भी सामने आ चुका है. वहीं विभिन्न मोर्चा-प्रकोष्ठों में पूरे जिलाध्यक्ष, कार्यकारिणी भी नहीं बन सकी है. नियुक्ति नहीं होने को लेकर अब विपक्ष ने भी निशाना साधा है.
छत्तीसगढ़ में बीजेपी पहले से ही परेशानियों से जूझ रही है. वहीं प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी की ओर से तमाम प्रकोष्ठों में बची हुई नियुक्तियों के लिए डेडलाइन भी लगातार खत्म हो रहा है. इसके बावजूद भी नियुक्तियां नहीं हो सकी हैं. भारतीय जनता युवा मोर्चा में पहले से ही 35 साल के फॉर्मूले के चलते विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी के साथ ही जिला कार्यकारिणी का भी गठन नहीं हो सका है. भिलाई और दुर्ग की कार्यकारिणी को लेकर भी खुलकर विवाद सामने आया था. बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नवीन ने पहले दौरे में ही इस बात को लेकर आपत्ति जताई थी कि प्रदेश संगठन में अब तक नियुक्तियां क्यों नहीं हो सकी हैं.
डी पुरंदेश्वरी ने दिया था अल्टीमेटम
अपने पहले दौरे में प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने इसके लिए 15 दिसंबर तक जिलों की कार्यकारिणी का गठन करने को कहा था. वहीं मोर्चा प्रकोष्ठ के लिए 20 दिसंबर तक का समय दिया था. उनका दिसंबर में फिर से दौरा 22 दिसंबर को होना था, लेकिन दौरा टल गया. वहीं प्रदेश प्रभारी की डेडलाइन में भी कुछ नहीं हो सका. इसके बाद जब प्रदेश प्रभारी का दौरा जनवरी में हुआ तो, उन्होंने फिर से माह के अंत तक की मोहलत बची हुई नियुक्तियों के लिए दी थी, लेकिन तब भी नियुक्तियां पूरी नहीं हो सकी हैं. इसके बाद उनका फरवरी में आना हुआ तो इस बार भी भाजयुमो में कुछ नई नियुक्ति होने को लेकर विवाद हो गया. जिसके बाद उन्हें फरमान जारी किया कि बची हुई नियुक्तियां हर हाल में 20 फरवरी तक कर ली जाए लेकिन ऐसा नहीं हो सका है.
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कांग्रेस ने कसा तंज
भारतीय जनता पार्टी में नियुक्तियों में देरी को लेकर कांग्रेस ने भी चुटकी ली है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा है कि बीजेपी के मूल कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर बड़े नेताओं के चाटुकारों को पद दिया गया है. यह बात तो अब सार्वजनिक तौर पर सोशल मीडिया में भी लोग कह रहे हैं. एक कार्यकर्ता ने तो यह भी कह दिया अगर उसको इंसाफ नहीं मिला तो वह बीजेपी कार्यालय में आत्मदाह कर लेगा. जिस तरह से कुछ लोग पार्टी को अपने निजी जागीरदारी बना चुके हैं, इसका खामियाजा भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. विकास तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा में 35 साल से कम उम्र के लोगों को ही पद देने की बात राष्ट्रीय नेतृत्व ने कही थी, लेकिन भाजयुमो में नियुक्तियों को लेकर सारी चीजें तोड़ दी गई. बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई अब सार्वजनिक हो चुकी है.
कांग्रेस में निगम-मंडल में मूल कार्यकर्ताओं को तवज्जों नहीं
बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि नियुक्ति का होना या नहीं होना यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है. इस पर कांग्रेस पार्टी को बोलने का अधिकार नहीं है. योग्य लोगों को, जाति संतुलन, क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए नियुक्ति की जाती है. जो भी निर्णय होता है वह सामूहिक नेतृत्व में होता है. कांग्रेस पार्टी जैसा हमारे यहां नहीं होता है कि. जिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 15 साल संघर्ष किया है उन्हें निगम-मंडल में जगह नहीं दी गई. निगम मंडल को लेकर जिस तरह लेट लतीफी उनके यहां की जा रही है. उससे कांग्रेस के पदाधिकारी खुद नाराज चल रहे हैं. हमारे यहां आधे से ज्यादा नियुक्तियां हो चुकी हैं. छोटे-मोटे विवाद चलते हैं. यह सारी चीजें बैठकर सुलझा ली जाती है.
यह नियुक्तियां अटकी
भारतीय जनता युवा मोर्चा में अंडर 35 के नियम के चलते जहां महज 19 जिलाध्यक्ष तय हो सके हैं. वहीं बचे हुए जिलाध्यक्ष को लेकर भी नियुक्तियां नहीं हो पाई है. प्रदेश कार्यकारिणी के साथ कुछ जिलों में 35 प्लस के पदाधिकारियों को नियुक्ति करने का मामला भी सामने आया था. इसे लेकर भी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने बड़ी नाराजगी जताई थी. उन्होंने भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू को तलब करते हुए बचे हुए जिला अध्यक्षों की नियुक्तियां और सभी जिलों में कार्यकारिणी के गठन के लिए भी कहा था. बावजूद उसके कार्यकारिणी अब तक गठित नहीं हो सकी है. इसके अलावा प्रकोष्ठों में भी कार्यकारिणी नहीं बनी है. ज्यादातर मोर्चों में दुर्ग और भिलाई के अध्यक्ष भी नहीं बनाए गए हैं. इसके अलावा दुर्ग-भिलाई के जिला संगठन की भी कार्यकारिणी नहीं बन सकी है. ऐसे में कार्यकारिणी गठित ना होने को लेकर विपक्ष को फिर से बीजेपी को घेरने का मौका मिल गया है.
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अनुशासन वाली पार्टी की बातें होने लगी सार्वजनिक-रामअवतार तिवारी
बीजेपी में नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद पर वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कहा कि, बीजेपी को अनुशासन वाली पार्टी के रूप में जाना जाता रहा है, लेकिन जिस तरह से सत्ता जाने के बाद बीजेपी में चीजें अब सार्वजनिक होने लगी हैं, यह कहीं न कहीं पार्टी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. तिवारी ने कहा कि बीजेपी में सदा से ही दो गुट रहा है, एक संगठन गुट और विरोधी गुट. दोनों गुटों में समय-समय पर तकरार होती रही है. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जो बात सामने उभर कर आ रही है उसमें बीजेपी के लोकल कार्यकर्ता हैं, स्थानीय नेता हैं वह अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. यह बात बीजेपी आलाकमान को भी पता है, लेकिन पार्टी इस बात को गंभीरता से नहीं ले रही है.
जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट
भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकारिणी में 35 साल से अधिक आयु वर्ग के पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा है. प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी तक शिकायत पहुंचने के बाद उनकी ओर से गठित जांच दल ने अपनी रिपोर्ट भी बना ली है. युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी अनुराग सिंहदेव और सह प्रभारी ओपी चौधरी बहुत जल्द रिकॉर्ड प्रभारी को सौंपेंगे.