रायपुर: प्रदेश सरकार डेंटल सेक्टर को आयुष्मान योजना से बाहर करने पर विचार कर रही थी. 16 नवंबर से सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं से डेंटल सेक्टर को बाहर किया गया है. जिससे सेक्टर से जुड़े डॉक्टरों और नीजी डेंटल अस्पताल प्रबंधनों मे सरकार के प्रति असंतोष है. इसे लेकर डेंटल डॉक्टर्स एसोसिएशन लगातार विरोध दर्ज करा रहा है.
शुक्रवार को डेंटल एसोसिएशन के प्रतिनिधि इस सिलसिले में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत से मिलने पहुंचे. एसोसिएशन प्रतिनिधियों ने डेंटल सेक्टर को आयुष्मान योजना से नहीं हटाने की मांग रखी है.
सरकार के तर्क
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डेंटल की सुविधा होने के बावजूद लोग प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत अपने दांतों का इलाज करवा रहे हैं. सरकार ने पिछले साल इसके लिए निजी अस्पतालों को 10 करोड़ रुपए का भुगतान किया था.
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि 'सरकार डेंटल सेक्टर जैसे कुछ सेक्टरों को हटाकर दूसरी बड़ी बीमारियों को आयुष्मान योजना में शामिल करने की योजना बना रही है. क्योंकि सरकारी अस्पतालों में डेंटल की सुविधा उपलब्ध है'.